पीएम मोदी ने 'गर्म सिंदूर' वाले बयान के लिए राजस्थान ही क्यों चुना?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मई 2025 को बीकानेर में एक जनसभा में भाषण देते हुए सेना की सराहना की थी और यह बयान दिया था - मेरी रगों में खून नहीं, गर्म सिंदूर बह रहा है

वह 26 फरवरी 2019 की दोपहर का वक्त था. पूरा देश बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद देशभक्ति के रंग में डूबा था. राजस्थान के चूरू जिले के लोहिया कॉलेज मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में जन सैलाब उमड़ा था.
मंच पर पुलवामा हमले में शहीद हुए सभी 40 सैनिकों की तस्वीरें लगी थी. प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों को सलाम करते हुए कहा, ‘‘ सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं रूकने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा.’’ लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी का यह भाषण चुनावी नारा बन गया था.
22 मई 2025 की दोपहर का वक्त. राजस्थान के बीकानेर के पलाना गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में उसी तरह जैन सलाब मौजूद था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के लिए सेना की सराहना करते हुए कहा – ‘‘मेरी रगों में खून नहीं, गर्म सिंदूर बह रहा है. जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिलाया है.’’
26 फरवरी और 22 मई ये तारीख भले ही अलग-अलग हैं मगर संदेश एक जैसा है. नरेंद्र मोदी की चूरू में हुई जनसभा का संदेश भी देशव्यापी पहुंचा था. अब उन्होंने सरहद के निकट बीकानेर में सभा के जरिए पूरे देश को संदेश दिया है. 7 मई को हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली जनसभा राजस्थान में हुई है. इंडिया टुडे ने इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की है कि नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली सभा के लिए राजस्थान का ही चुनाव क्यों किया. इसके कई सारे आयाम नजर आते हैं.
पहला आयाम राजस्थान का सामरिक महत्व है. पाकिस्तान की सबसे ज्यादा सीमा राजस्थान से लगती है. राजस्थान के गंगानगर, बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर जिलों का करीब 1015 किलोमीटर लंबा क्षेत्र पाकिस्तान की सीमा से सटा है. बीकानेर राजस्थान का सीमावर्ती जिला है जो पाकिस्तान के बहावलपुर के काफी पास (करीब 220 किमी) है.
भारत ने 7 मई को बहावलपुर स्थित जैश ए मोहम्मद के मुख्यालय पर एयरस्ट्राइक की थी. बीकानेर की जनसभा के माध्यम से मोदी ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए तैयार है. बहावलपुर एयरस्ट्राइक बीकानेर के खाजूवाला से की गई थी जो वहां से करीब 80-90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने बीकानेर के नाल एयरपोर्ट को निशाना बनाने की कोशिश की थी जो 22 मई को हुई मोदी की सभा से कुछ ही दूरी पर स्थित है. मोदी ने अपने भाषण में नाल एयरपोर्ट का भी जिक्र किया.
दूसरा पहलू इतिहास से जुड़ा है क्योंकि नरेंद्र मोदी ने बीकानेर की सभा में जिक्र किया कि 26 फरवरी 2019 को हुई बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद उनकी पहली जनसभा राजस्थान के चूरू में हुई थी. मोदी ने राजस्थान को ‘‘वीरभूमि’’ कहकर संबोधित किया और यहां के शौर्य, पराक्रम और बलिदान को याद किया. ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजस्थान के चयन में इसी को अहम माना जा रहा है. बीकानेर की सभा का वक्त भी पहलगाम हमले के ठीक एक माह बाद का चुना गया.
मोदी की इस सभा के पीछे सांस्कृतिक दृष्टकोण भी नजर आता है क्योंकि सभा से पहले मोदी ने बीकानेर के देशनोक पहुंचकर करणी माता मंदिर में दर्शन किए. करणी माता को शक्ति, साहस और रक्षा का प्रतीक माना जाता है.
एक अहम कारण ये है कि नरेंद्र मोदी यहां से राष्ट्रीय एकता का संदेश देना चाहते थे. पहलगाम हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था, ऐसे में राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्य में सभा आयोजित कर मोदी ने राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को मजबूती के साथ पेश किया.
सियासत के जानकार बीकानेर की जनसभा के पीछे सियासी आयाम भी मानते हैं. इस साल के अंत तक बिहार विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. राजनीतिक विश्लेषक विजय विद्रोही कहते हैं, ‘‘अगर नरेंद्र मोदी इस वक्त बिहार में जनसभा कर यह बात कहते तो उन पर राजनीतिक आरोप लगते, मगर उन्होंने राजस्थान की सभा से पूरे देश को सियासी संदेश दे दिया है.’’