राजस्थान : लोक देवता पर गाए एक धार्मिक गीत ने कैसे खड़ा किया सियासत में अलग नैरेटिव
राजस्थान के लोक देवता तेजाजी के ऊपर बना गीत ‘तेजल सुपर-डुपर’ राज्य के विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक राजनीतिक सभाओं और रैलियों का हिस्सा बना रहा

वैसे तो सियासत भाषणों पर टिकी होती है, लेकिन राजस्थान में पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान सियासी फिजाओं में भाषणों से भी ज्यादा एक गीत गूंजता रहा. यह गीत था लोक देवता तेजाजी को लेकर बनाया गया ‘तेजल-सुपर डुपर’.
लोकसभा चुनाव के दौरान राजस्थान में कांग्रेस की शायद ही कोई रैली ऐसी रही होगी, जिसमें ‘तेजल सुपर-डुपर’ गीत न गूंजा हो. राजस्थान में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की तो कोई भी सभा इस गीत के बिना संपन्न नहीं होती.
1 मई को दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज के ‘मेका 2024’ कार्यक्रम में यह गीत देर रात तक बार-बार बजाया जाता रहा. देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले कॉलेज के छात्र-छात्राओं को चाहे इस गीत के बोल याद न हों, लेकिन गीत की धुन पर वे जमकर थिरके.
आइए, अब इस गीत के बनने से लेकर इसके सियासी नैरेटिव खड़ा करने तक की कहानी जानते हैं.
20 जुलाई 2023 का दिन था और जगह थी भीलवाड़ा जिले के आसींद शहर का डीएनडी म्यूजिक रिकॉर्डिंग स्टूडियो. भीलवाड़ा के गोविंदपुरा गांव के गायक राजू रावल और म्यूजिक डायरेक्टर संजय गुर्जर 23 सितंबर 2023 को आने वाले तेजा दशमी पर्व के लिए एक नया गीत बनाने की तैयारी में जुटे थे. न गीत के बोल लिखे गए थे और न ही कोई धुन कंपोज हुई थी.
इसी बीच स्टूडियो में उनका चार माह पहले रिलीज हुआ गाना ‘जी की जेब में गांधी, जानूं वां कै प्रेम में आंधी’ बजने लगा. इसे सुनकर गायक राजू रावल ने कहा, ‘‘अब तो इसी गीत की धुन पर नया गाना तैयार करेंगे.’’ बस फिर क्या था. इसी पुराने गाने की धुन पर तेजाजी का धार्मिक गीत ‘म्हारो तेजल-सुपर डुपर’ गाना शुरू हुआ. पहले ही दिन गाने का मुखड़ा तैयार हो गया. राजू रावल बताते हैं, ‘‘उस वक्त तेजाजी से संबंधित मेरे मन में जो भी ख्याल आया, मैंने उसे गाने में पिरो दिया. पांच दिन में पूरा गाना तैयार हो गया.’’
संजय गुर्जर और राजू रावल के साथ उनकी 10-12 लोगों की टीम ने 23 दिन में गाने की वीडियो शूटिंग पूरी कर 11 अगस्त 2023 को इसे रिलीज कर दिया गया, लेकिन शुरुआत में गाने को वह रिस्पॉन्स नहीं मिला जिसकी टीम को उम्मीद थी. 23 सितंबर 2023 को तेजा दशमी के दिन भी तेजाजी के धार्मिक स्थलों और मेलों के अलावा गाना ज्यादा नहीं बजा.
इसी बीच राजस्थान विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज उठी. चुनाव से एक माह पहले 26 अक्टूबर 2023 को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर पेपर लीक मामलों की जांच के लिए ईडी पहुंच गई. बताया जा रहा है कि डोटासरा के घर ईडी के हाथ ज्यादा कुछ नहीं लगा.
ईडी की रेड के दो दिन बाद डोटासरा अपने निर्वाचन क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ पहुंचे तो उनके समर्थकों का हुजूम टूट पड़ा. उसी दौरान पहली बार ‘तेजल-सुपर डुपर’ गीत बजा और गोविंद सिंह डोटासरा ने अपनी गाड़ी पर खड़े होकर इस गाने पर जमकर ठुमके लगाए. डोटासरा का यह डांस इतना वायरल हुआ कि इसके बाद उनकी हर मीटिंग में यह गाना बजाया जाने लगा.
विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भी सामाजिक व सियासी कार्यक्रमों में यह गाना खूब गूंजता रहा. कई बार विपक्षी नेताओं ने भी गोविंद सिंह डोटासरा के साथ इस गाने पर जमकर डांस किया. एक मार्च 2024 को जयपुर में राष्ट्रीय तेजा संवाद के मौके पर राजस्थान की भजन लाल सरकार के स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा, भाजपा विधायक सुभाष मील और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के बायतू से विधायक प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल सहित कई विपक्षी नेताओं ने गोविंद सिंह डोटासरा के साथ इस गाने पर जमकर ठुमके लगाए.
राजनीतिक जानकारों की मानें तो उम्मेदाराम बेनीवाल के कांग्रेस में आने की पटकथा एक मार्च के उस कार्यक्रम में लिखी गई थी जिसके बाद लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजते ही उम्मेदाराम ने कांग्रेस का दामन थामकर बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा चुनाव में ताल ठोंक दी. उम्मेदाराम ही नहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल भी इस गाने पर कई बार जमकर थिरके हैं.
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हर सभा में यह गाना गूंजता सुनाई पड़ा. राजस्थान के लोक देवता तेजाजी के जीवन पर लिखा गया यह गाना देखते ही देखते राजस्थान में कांग्रेस की चुनावी सभाओं का ‘थीम सॉंग’ बन गया और इसने नया सियासी नैरेटिव खड़ा कर दिया. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की शायद ही कोई ऐसी मीटिंग रही होगी, जिसमें तेजल सुपर-डुपर गाना न बजा हो और डोटासरा का डांस न हुआ हो.
राजनीतिक विश्लेषक विजय विद्रोही कहते हैं, ‘‘राजस्थान के लोकसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आया. पूरे चुनाव अभियान की कमान पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने संभाली. डोटासरा के डांस ने भी इस चुनाव में खूब असर दिखाया.’’
विजय विद्रोही की इस बात पर इसलिए मुहर लग जाती है क्योंकि राजस्थान की 25 सीटों पर दो चरणों में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का सिर्फ एक दौरा हुआ. प्रियंका गांधी ने भी राजस्थान में सिर्फ दो सभाएं और एक रोड शो किया. सोनिया गांधी भी सिर्फ एक संक्षिप्त दौरे पर राजस्थान आई. हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ लोकसभा क्षेत्रों में जनसभाएं की, लेकिन उनके पुत्र वैभव गहलोत के चुनाव में डटे होने के कारण वो भी राजस्थान में ज्यादा दौरे नहीं कर पाए.
एक दूसरे से अनजान हैं डोटासरा और राजू रावल
तेजल सुपर-डुपर गाने को रचने वाले राजू रावल और इसे देशभर में चर्चित करने वाले गोविंद सिंह डोटासरा दोनों एक दूसरे से अनजान हैं. न तो गीत के गायक राजू रावल और म्यूजिक डायरेक्टर संजय गुर्जर की डोटासरा से कभी मुलाकात हुई और न ही डोटासरा इस गाने के गायक से मिले. गोविंद सिंह डोटासरा को तो यह भी नहीं मालूम कि जिस गीत की उनकी सभाओं में इतनी ज्यादा मांग रहती है, आखिर उसे गाया और कंपोज किसने किया है. राजू रावल कहते हैं, ‘‘मेरी दिली इच्छा है कि मैं गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात कर इस गीत को हिट करने के लिए उनका आभार व्यक्त करूं.’’ गोविंद सिंह डोटासरा भी कहते हैं, ‘‘मैं कोई डांसर नहीं हूं, लेकिन जनता के प्रेम के कारण थोड़ा बहुत नाच लेता हूं. गाने के गायक अगर मुझसे मिलते हैं तो मुझे भी खुशी होगी.’’
तेजल सुपर-डुपर के रचयिता और गायक राजू रावल महज पांचवीं कक्षा तक पढ़े हैं. खेती-किसानी करने वाले राजू रावल को बचपन से ही गाने का शौक रहा है. 14 साल की उम्र में राजू ने गीत गाने शुरू कर दिए थे. उनकी सुरीली आवाज लोगों को इतनी पसंद आई कि जागरण और अन्य कार्यक्रमों में उनकी खूब मांग होने लगी. राजू ने महज 14 साल की उम्र में ही खुद के गीत बनाने शुरू कर दिए थे. 2014-15 तक उन्होंने यूट्यूब चैनल पर अपने गीत रिलीज करने शुरू कर दिए थे, लेकिन उनके गीतों को असली पहचान कोविड लॉकडाउन के बाद मिली.
म्यूजिक डायरेक्टर संजय गुर्जर के साथ राजू ने अपने गीत खुद गाने और कंपोज करने शुरू किए. भीलवाड़ा के आसींद कस्बे में अपने डीएनडी स्टूडियो के जरिए वो अब तक दर्जनों गाने रिलीज कर चुके हैं जो राजस्थान के मेवाड़, हाड़ौती और मारवाड़ इलाकों में खासे लोकप्रिय हुए हैं. तेजल सुपर-डुपर के अलावा उनका नोटबंदी के वक्त आया ‘वा रै म्हारा मोदी, काईं लहर चला दी रै’ गीत भी खूब चर्चित हुआ था. उनके अन्य लोकप्रिय गीतों में ‘ले फोटू ले’, ‘जी की जेब में गांधी’, ‘बिजोलिया की जानूं’, ‘कम बरसो म्हारा इंदर राजा’, ‘लीलण म्हारी’ और ‘सांवरिया सेठ’ जैसे गीत प्रमुख हैं.
रावल कहते हैं, ‘‘गोविंद सिंह डोटासरा के डांस से पहले इस गाने को पांच-सात लाख लोगों ने ही सुना होगा, लेकिन कांग्रेस की सभाओं में बजने के बाद अब 1 करोड़ 70 लाख लोग इस गाने को सुन चुके हैं. आज भी हर दिन डेढ़ से दो लाख लोग यह गाना बजाते हैं. इस गीत को चाहने वाले अकेले राजस्थानी लोग ही नहीं हैं बल्कि देश के अन्य राज्यों और विदेशों में भी यह गाना सुना गया है.’’