कर्नाटक में CM बदलने पर खड़गे के बयान और राहुल गांधी के एक वॉट्सएप मैसेज से क्या अटकलें लग रहीं?
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर बढ़ती खींचतान के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साफ किया है कि इस मामले पर फैसला पार्टी आलाकमान लेगा

कर्नाटक में कांग्रेस के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार के बीच सत्ता संघर्ष तेज होता दिख रहा है. 26 नवंबर को कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में बढ़ती खींचतान के बीच पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान सामने आया है.
ANI से बात करते हुए खड़गे ने कहा, "कर्नाटक की जनता ही बता सकती है कि सरकार कैसा काम कर रही है. लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी एक साथ बैठकर इस पर चर्चा करेंगे." साथ ही उन्होंने कहा है कि पार्टी हाईकमान इस समस्या को जल्द सुलझा लेगा.
खड़गे के बयान से शुरू हुआ विवाद
पिछले एक सप्ताह से कम समय में खड़गे ने दो बार सीएम सिद्धारमैया से मुलाकात की है. हालांकि, इन मुलाकातों के बाद खड़गे ने मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों पर एक अजीबोगरीब और अस्पष्ट जवाब दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "हमने कोई महत्वपूर्ण बात नहीं की... जो भी फैसले लिए जाएंगे, वे आलाकमान ही लेगा." खड़गे के इस जवाब के बाद विरोधियों ने सवाल उठाया कि कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष की क्या कोई हैसियत नहीं है.
हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब खड़गे ने ऐसा जवाब दिया हो. इससे पहले 30 जून को भी जब पत्रकारों ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद से हटाने की अटकलों के बारे में पूछा था, तब भी कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था, "यह पार्टी हाईकमान के हाथ में है और उन्हें आगे की कार्रवाई करने का अधिकार है."
खड़गे के इस बयान ने BJP और दूसरे दलों को कांग्रेस पर हमला करने का मौका दे दिया है. BJP ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "क्या आप भूल गए हैं कि आप AICC अध्यक्ष हैं, या अध्यक्ष पद सिर्फ नाम के लिए है? अगर पद आपका है, तो सत्ता नकली गांधी परिवार के पास क्यों है? आप इतनी असहाय स्थिति में क्यों हैं? क्या यह सभी कन्नड़ लोगों का अपमान नहीं है?" इसके अलावा, कभी कांग्रेस की सहयोगी रही जेडी(एस) ने भी इस मुद्दे पर तीखा प्रहार करने की कोशिश की. पार्टी ने कहा कि खड़गे की टिप्पणी ने कांग्रेस पार्टी के भीतर की "गुलामी" को पूरी दुनिया के सामने उजागर कर दिया है.
राहुल ने मैसेज भेजकर डीके शिवकुमार से क्या कहा?
इंडिया टुडे के जर्नलिस्ट नागार्जुन द्वारकानाथ की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते से शिवकुमार राहुल गांधी से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे, इसके बाद राहुल गांधी ने वाट्सएप मैसेज भेजा, जिसमें लिखा था- “कृपया प्रतीक्षा करें, मैं कॉल करूंगा.”
वहीं, शिवकुमार ने कहा, "अगर जरूरत हुई तो मैं हाईकमान से समय मांगूंगा. मुझे 4 MLC सीटों के उम्मीदवार तय करने हैं. इसके साथ ही मैं कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) ट्रस्ट और पार्टी की संपत्तियों के पुनर्गठन पर भी वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करना चाहता हूं."
हालांकि, मुख्यमंत्री पद को लेकर जब शिवकुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री के बदलाव पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहूंगा, यह हम 4-5 लोगों के बीच की सीक्रेट डील है."
डीके शिवकुमार के समर्थक विधायकों के दिल्ली पहुंचने से शुरू हुआ विवाद
कर्नाटक में हालिया संकट तब शुरू हुआ, जब 10 विधायक सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने दिल्ली गए और शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की. विधायकों का यह दौरा ऐसे समय में हुआ, जब सिद्धारमैया सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा हिस्सा यानी ढाई साल पूरा कर चुकी है.
2023 के विधानसभा चुनाव के बाद दोनों नेताओं में मुख्यमंत्री बनने के लिए तीखी प्रतिस्पर्धा थी. उस समय ढाई-ढाई साल के रोटेशन फॉर्मूले की चर्चा थी, जिसके मुताबिक शिवकुमार 2.5 साल बाद CM बन सकते थे. हालांकि, कांग्रेस ने इसे कभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया है.
जब भी नेतृत्व को लेकर खींचतान हुई है, कांग्रेस नेतृत्व ओबीसी नेता सिद्धारमैया के साथ मजबूती से खड़ा रहा है. हालांकि कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री की अटकलों पर 1 दिसंबर तक तस्वीर साफ हो जाएगी.