राजस्थान : अश्लील वीडियो कांड में घिरे विधायक की वापसी से क्यों गरमाई कांग्रेस की सियासतॽ

गैंगरेप के एक मामले में आरोपी रहे पूर्व विधायक मेवाराम जैन का एक अश्लील वीडियो जनवरी, 2024 में वायरल हुआ था जिसके तुरंत बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था

मेवाराम जैन कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ
मेवाराम जैन कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ

अश्लील वीडियो के मामले में कांग्रेस से निकाले गए बाड़मेर से पूर्व विधायक मेवाराम जैन की 20 माह बाद ही वापसी ने थार की सुस्त पड़ी सियासत में हलचल मचा दी है. बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, बायतू विधायक व मध्यप्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी और पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी जैसे नेताओं की आपत्तियों को दरकिनार कर जैन की कांग्रेस में वापसी हुई है. 

मेवाराम जैन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी माने जाते हैं. गहलोत ने ही पिछले दिनों जैन की कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात करवाई थी. उन मुलाकातों के बाद से ही उनकी कांग्रेस में वापसी के कयास लगाए जा रहे थे.  

पूर्व विधायक मेवाराम जैन को लेकर 30 अक्टूबर 2022 को बाड़मेर कोतवाली थाने में सेक्सटॉर्शन का मामला दर्ज हुआ था. 70 साल की उम्र में उनका अश्लील वीडियो चर्चा में आया था मगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. तब राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार थी. 

इसके बाद 20 दिसंबर 2023 को जोधपुर के राजीव गांधी नगर थाने में एक महिला ने मेवाराम जैन सहित 9 लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कराया. पुलिस ने पॉक्सो सहित 18 धाराओं में मामला दर्ज किया था.  मामला दर्ज होने के 15 दिन बाद ही सोशल मीडिया पर उनका अश्लील वीडियो वायरल हो गया. पीड़िता का यह भी आरोप था कि उन्होंने पुलिस को पहले ही शिकायत दी थी मगर मेवाराम ने विधायक रहते हुए अपने रसूख के दम पर कार्रवाई नहीं होने दी.  

मामला दर्ज होने और 5 जनवरी को मेवाराम का अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उन्हें उसी रात पार्टी से निलंबित कर दिया था. निलंबन पत्र में यह हवाला दिया गया था कि मेवाराम का यह अनैतिक कार्य कांग्रेस के संविधान के खिलाफ आचरण की श्रेणी में आता है. 

अश्लील वीडियो और गैंगरेप मामले में हाईकोर्ट से मेवाराम को राहत मिल जाने के बाद से उनके पार्टी में वापसी के कयास लगाए जा रहे थे. मेवाराम जैन की वापसी बीते 22 सितंबर को ही तय हो गई थी मगर हरीश चौधरी, उम्मेदाराम बेनीवाल व पूर्व जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष फतेह खान सहित कई स्थानीय नेताओं के विरोध के चलते निलंबन वापसी का पत्र तीन दिन तक जारी नहीं किया गया.  

बताया जा रहा है कि 25 सितंबर को नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मेवाराम जैन को लेकर स्थानीय नेताओं से मुलाकात की थी. स्थानीय नेताओं ने उन्हें कहा कि अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद वे मेवाराम जैन के साथ मंच साझा करने की स्थिति में नहीं हैं. 

हालांकि खड़गे ने स्थानीय नेताओं को यह बताया कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की अनुशंसा के आधार पर मेवाराम जैन को पार्टी में वापस लिया गया है. उन्हें वापस लेने का पत्र 22 सितंबर को ही जारी हो चुका है, अब इस मामले में कुछ नहीं हो सकता. राजनीतिक विश्लेषक अजय पुरोहित कहते हैं, ''थार के दिग्गज नेताओं की आपत्ति के बावजूद मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी भविष्य में कांग्रेस की सियासत के लिए अच्छा संकेत नहीं है. गहलोत, डोटासरा और जूली की अनुशंसा के साथ अगर बाड़मेर के स्थानीय नेताओं की सहमति ली जाती तो ज्यादा बेहतर होता.''   

जैन की कांग्रेस में वापसी के समय को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस वक्त राजस्थान में कोई भी चुनाव नहीं हैं. अगर चुनाव से पहले यह वापसी होती तो विपक्ष इसे मुद्दा बनाता. सियासी जानकार कहते हैं कि बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के पास मेवाराम जैन के अलावा कोई विकल्प नहीं है ऐसे में उन्हें वापस लाना पार्टी की मजबूरी थी. 

जैन के अलावा सीकर के बालेंदु सिंह शेखावत व बलराम यादव, चित्तौड़गढ़ के संदीप शर्मा, बांसवाड़ा के अरविंद डामोर और नागौर के तेजपाल मिर्धा के निलंबन को भी बहाल किया गया है. बालेंदु सिंह सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं. उनके पिता दीपेंद्र सिंह शेखावत अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए सचिन पायलट के साथ मानेसर भी गए थे.  

मेवाराम जैन बाड़मेर से तीन बार विधायक रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बावजूद 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट दिया गया मगर वे निर्दलीय प्रत्याशी प्रियंका चौधरी के सामने चुनाव हार गए थे. चुनाव हारने के कुछ दिन बाद ही उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया. लोकसभा चुनाव में बाड़मेर में जब कांग्रेस उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल की जीत हुई तब बायतू विधायक हरीश चौधरी ने मेवाराम जैन पर निशाना साधते हुए कहा था, ''बाड़मेर में कांग्रेस की छवि ऐसी हो गई थी कि लोग ताने देने लगे थे कि हमारे घर बहन-बेटियां हैं, कृपया कांग्रेसी न आएं.'' 

72 साल की उम्र में मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी तो हो गई है मगर देखना ये है कि जिले की सियासत से जुड़े ज्यादातर नेताओं के विरोध के बाद उनका पार्टी में आना कितने नफे व नुकसान को सौदा साबित होने वाला है.  

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