लैंबॉर्गिनी और क्रूज वेडिंग! ED की फाइलों में कैसे आया एक छोटे से गांव का हाइप्रोफाइल यूट्यूबर
उन्नाव के खजूर गांव से निकले यूट्यूबर अनुराग द्विवेदी की दुबई में हुई करोड़ों की डेस्टिनेशन वेडिंग के बाद ED ने उससे जुड़े मामले पर ज्यादा गंभीरता से ध्यान दिया

उन्नाव जिले का खजूर गांव आमतौर पर सुर्खियों से दूर रहने वाला एक छोटा सा गांव है. करीब 40 घरों की आबादी, सीमित संसाधन और विदेशों में छोटे काम करने वाले कुछ पुरुष. लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में यह गांव दो बिल्कुल अलग वजहों से चर्चा के केंद्र में आ गया.
पहले, गांव के ही एक युवक अनुराग द्विवेदी की दुबई में हुई भव्य डेस्टिनेशन वेडिंग ने लोगों को चौंकाया. फिर, अचानक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम गांव पहुंची और उसी घर पर तलाशी शुरू हुई, जहां कुछ समय पहले तक शादी की खुशियां चर्चा में थीं.
26 वर्षीय अनुराग द्विवेदी खुद को फैंटेसी क्रिकेट एक्सपर्ट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बताता है. इंस्टाग्राम पर उसके करीब 24 लाख फॉलोअर्स हैं और यूट्यूब पर 71 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर. लेकिन अब ED का दावा है कि सोशल मीडिया की यह चमक एक ऐसे नेटवर्क का हिस्सा थी, जिसके जरिए अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से कमाई गई रकम को सफेद किया गया.
अनुराग के बारे में क्या कहते हैं गांव वाले
खजूर गांव के लोगों के लिए अनुराग हमेशा से थोड़ा अलग था. गांव वालों के मुताबिक वह 2019-20 तक गांव में रहा, फिर बाहर चला गया. इसके बाद वह कभी-कभार गांव आता था, लेकिन हर बार महंगी कारों में. एक ग्रामीण के शब्दों में, “हमने उसे कभी गांव के मैदान में क्रिकेट खेलते नहीं देखा, न ही बच्चों के साथ क्रिकेट पर बात करते देखा. बस सोशल मीडिया पर उसका नाम चलता था.” गांव के ही एक पुराने निवासी बताते हैं, “दुबई की शादी के बाद गांव में चर्चा और तेज हो गई. करीब 30 रिश्तेदार और करीबी लोग शादी में शामिल होने दुबई गए. इतने लोगों को विदेश ले जाना, सबका खर्च उठाना, यह सब हमारे गांव के हिसाब से बहुत बड़ी बात है.”
गांव वालों का दावा है कि उन्हें पहले से शक था कि कुछ ठीक नहीं है, लेकिन किसी के पास ठोस जानकारी नहीं थी. ED की टीम जब गांव पहुंची, तो लोगों को अंदाजा हुआ कि मामला कितना बड़ा है. एक ग्रामीण ने कहा, “टीम में जितने लोग थे, उतने तो शायद पूरे गांव में भी नहीं होंगे.” गांव के प्रधान मनोज कुमार के मुताबिक, अनुराग के पिता लक्ष्मीनारायण द्विवेदी एक साधारण और आर्थिक रूप से स्थिर व्यक्ति हैं, जो नवाबगंज में मेडिकल स्टोर चलाते हैं. लेकिन बेटे की गतिविधियों और उस पर लगे आरोपों ने पूरे परिवार को सवालों के घेरे में ला दिया है. खजूर गांव में अनुराग की कहानी का एक सामाजिक पहलू भी है. गांव वालों का आरोप है कि उसकी चमक-दमक भरी जिंदगी देखकर कई युवाओं ने पढ़ाई छोड़ दी. गांव वालों के मुताबिक अनुराग खुद सिर्फ कक्षा 9 तक पढ़ा था, लेकिन उसकी लाइफस्टाइल देखकर गांव के कुछ लड़के उसी रास्ते पर चलने लगे. अनुराग के घर के पास रहने वाले एक बुजुर्ग बताते हैं, “वे सोचते थे कि सोशल मीडिया और फैंटेसी क्रिकेट से जल्दी पैसा कमाया जा सकता है. लेकिन वे सफल नहीं हुए और अब फैक्ट्रियों में छोटे काम कर रहे हैं,”
ED की एंट्री और शुरुआती खुलासे
ED की यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज एक FIR के आधार पर शुरू हुई. यह FIR सिलीगुड़ी में एक संगठित ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट के खुलासे के बाद दर्ज की गई थी. जांच में सामने आया कि सोनू कुमार ठाकुर और विशाल भारद्वाज नाम के दो आरोपी म्यूल बैंक खातों (फर्जी खाते जिनका इस्तेमाल अवैध लेन-देन के लिए किया जाता है), टेलीग्राम चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए एक ऑनलाइन सट्टेबाजी पैनल चला रहे थे. ED का दावा है कि अनुराग इसी नेटवर्क से जुड़ा था और उसने अपनी सोशल मीडिया लोकप्रियता का इस्तेमाल अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को प्रमोट करने के लिए किया.
एजेंसी के मुताबिक, अनुराग न सिर्फ प्रमोशनल वीडियो बनाता था, बल्कि इस पूरे सिस्टम से होने वाली कमाई का एक बड़ा हिस्सा भी उसे मिलता था. लखनऊ, उन्नाव और दिल्ली में अनुराग से जुड़े 10 ठिकानों पर छापेमारी की गई. खजूर गांव का घर भी इनमें शामिल था. तलाशी के दौरान चार लग्जरी कारें बरामद हुईं, जिनमें एक लैंबॉर्गिनी उरुस, एक मर्सिडीज, एक फोर्ड एंडेवर और एक थार शामिल हैं. इसके अलावा, करीब 20 लाख रुपये नकद, डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए.
मनी ट्रेल और हवाला नेटवर्क
ED की जांच का सबसे अहम पहलू मनी ट्रेल है. एजेंसी का कहना है कि अनुराग को अवैध सट्टेबाजी ऐप्स से होने वाली कमाई म्यूल खातों और हवाला चैनलों के जरिए मिलती थी. इन पैसों को अलग-अलग खातों में घुमाया जाता था, जिनमें उसके परिवार के सदस्यों और उससे जुड़ी फर्मों के खाते भी शामिल थे. ED ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत करीब 3 करोड़ रुपये की चल संपत्ति फ्रीज की है. इसमें बैंक बैलेंस, फिक्स्ड डिपॉजिट और बीमा पॉलिसियां शामिल हैं. एजेंसी का दावा है कि जब्त दस्तावेजों से यह भी सामने आया है कि अनुराग ने दुबई में रियल एस्टेट में निवेश किया था और यह निवेश हवाला के जरिए किया गया; कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के रिकॉर्ड के मुताबिक, अनुराग कई कंपनियों से जुड़ा है, जिनमें फैंटवियर फैशन, RP ग्रीन्स इंडिया, DSD स्पोर्ट्स एंड मीडिया और भूमिदेवा प्रोजेक्ट्स शामिल हैं. ED का आरोप है कि इन कंपनियों के खातों में बिना किसी वैध व्यावसायिक कारण के बड़ी रकम आई.
दुबई की शादी और सवालों की बौछार
नवंबर 2025 में दुबई में हुई अनुराग की शादी अब जांच के दायरे में है. 12 साल के रिलेशनशिप के बाद उसने QE-2 क्रूज पर अपनी गर्लफ्रेंड से शादी की. करीब 130 मेहमानों को पांच अलग-अलग फ्लाइट्स से दुबई बुलाया गया. कई मेहमान पहली बार विदेश गए थे. हवाई टिकट, वीजा, होटल, खाना, घूमना-फिरना, यहां तक कि जिनके पास पासपोर्ट नहीं थे, उनके पासपोर्ट बनवाने का खर्च भी अनुराग ने उठाया. वहां मौजूद लोगों के मुताबिक, सिर्फ यात्रा और रहने पर प्रति मेहमान 90 हजार से 1 लाख रुपये तक खर्च हुआ. क्रूज बुकिंग, डेकोरेशन, लॉजिस्टिक्स और एक बॉलीवुड प्लेबैक सिंगर और अभिनेता की लाइव परफॉर्मेंस को जोड़ें, तो कुल खर्च कई करोड़ रुपये तक पहुंचता है. यही वह बिंदु है जिसके बाद ED मामले को लेकर ज्यादा गंभीर हुई.
जांचकर्ताओं का मानना है कि इतनी बड़ी रकम खर्च करना उस प्रोफाइल से मेल नहीं खाता, जिसे अनुराग सोशल मीडिया पर पेश करता रहा है. खुद को मध्यम वर्गीय पृष्ठभूमि से आया और 300 रुपये से शुरुआत करने वाला बताने वाले अनुराग की लाइफस्टाइल अब सवालों के घेरे में है. ED का आरोप है कि अनुराग ने फैंटेसी क्रिकेट एक्सपर्ट की अपनी पहचान का इस्तेमाल कर अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स को वैध जैसा दिखाने की कोशिश की.
उसके वीडियो में मैच प्रिडिक्शन, टीम एनालिसिस और संभावित नतीजों की बातें होती थीं, जो आम दर्शकों को फैंटेसी क्रिकेट और सट्टेबाजी के बीच की रेखा को धुंधला कर देती थीं. एजेंसी के मुताबिक, ऐसे वीडियो और प्रमोशनल कंटेंट के जरिए बड़ी संख्या में लोग इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े. इससे होने वाली कमाई को हवाला और म्यूल खातों के जरिए भारत और विदेश में ट्रांसफर किया गया.
ED का कहना है कि अनुराग फिलहाल दुबई में है और उसने अब तक जारी किए गए कई समनों का जवाब नहीं दिया है. एजेंसी ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और 1 अगस्त को स्पेशल कोर्ट (PMLA), कोलकाता में शिकायत दायर की है. जांचकर्ता अब इस नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन, मनी ट्रेल और दुबई में किए गए निवेश की परतें खोलने में जुटे हैं. यह भी देखा जा रहा है कि कितने लोग इस पूरे सिस्टम से जुड़े थे और सोशल मीडिया के जरिए कितनी बड़ी आबादी को प्रभावित किया गया.
खजूर गांव से शुरू हुई यह कहानी अब दुबई, कोलकाता, दिल्ली और लखनऊ तक फैल चुकी है. एक यूट्यूबर और इन्फ्लुएंसर की चमकदार छवि के पीछे क्या सच छिपा है, इसका फैसला अदालत करेगी. लेकिन फिलहाल, यह मामला सोशल मीडिया की ताकत, अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के जटिल गठजोड़ की एक बड़ी मिसाल बनकर सामने आया है. जांच अभी जारी है और आने वाले समय में और खुलासे होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.