उद्घाटन हुआ, तालियां बजीं पर मुरादाबाद में क्यों नहीं उड़ पाया जहाज?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 मार्च को उद्घाटन करने के बावजूद मुरादाबाद से उड़ान भरना अभी सपना. विमान और फ्यूल पंप की कमी से आ रहीं दिक्कतें

मुरादाबाद के हवाई अड्डे का उद्घाटन होने के बाद भी शुरू नहीं हो पाईं उड़ानें
मुरादाबाद के हवाई अड्डे का उद्घाटन होने के बाद भी शुरू नहीं हो पाईं उड़ानें

अट्ठारह साल बाद 10 मार्च के दिन मुरादाबाद को हवाई अड्डे की सौगात मिली. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजमगढ़ से बटन दबाकर वर्चुअल ढंग से उत्तर प्रदेश के पांच और देशभर के 14 हवाई अड्डों का शुभारंभ किया था.

इसी दौरान मुरादाबाद के मूंढ़ापांडे हवाई अड्डा परिसर में आयोजित कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री जितिन प्रसाद ने बटन दबाकर हवाई अड्डे समेत कई योजनाओं का लोकार्पण किया. हवाई अड्डे का उद्घाटन होते ही पूरा परिसर मौजूद लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज गया.

तालियां तो मुरादाबाद के पीतल व्यवसाई मोहम्मद फरीद ने भी बजाईं. उनको लग रहा था कि कुछ दिनों में मूंढ़ापांडे हवाई अड्डे से दूसरे शहरों के लिए उड़ानें शुरू हो जाएंगी और उनका व्यापार के सिलसिले में बाहर जाना आसान हो जाएगा. 10 मार्च के बाद से रोज मोहम्मद फरीद मुरादाबाद हवाई अड्डे से शुरू होने वाली उड़ानों के बारे में पता करते हैं लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है. 

31 मार्च को तो मोहम्मद फरीद के आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब मुरादाबाद से हवाई सेवा प्रदान करने वाली कंपनी 'फ्लाइ बिग' की वेबसाइट पर बुकिंग वाले कॉलम में पंतनगर, पिथैरागढ़, लखनऊ, देहरादून, गाजियाबाद, अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट, श्रावस्ती, मुरादाबाद समेत कई हवाई अड्डों के नाम में से मुरादाबाद का नाम नहीं दिखाई दिया. मुरादाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने का मोहम्मद फरीद का इंतजार अभी भी जारी है.

मुरादाबाद जिला मुख्यालय से रामपुर हाइवे पर करीब 12 किमी दूर बाईं ओर भदसन गांव के पास मूंढ़ापांडे हवाई अड्डा 157.65 एकड़ क्षेत्र में बना है. मूंढापांडे में हवाई प‌ट्टी बनाए जाने का निर्णय तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने मंत्रिमंडल की बैठक में 11 सितंबर 2006 को लिया था. इसे मुरादाबाद के अलावा रामपुर, संभल, अमरोहा सभी क्षेत्रों के विकास से जोड़कर देखा जा रहा था. उस समय पश्चिमी यूपी में हवाई जहाज से आने जाने का साधन भी नहीं था. 

पहले चरण में हवाई पट्टी के लिए 52.431 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हुआ. उस दौरान नागरिक उड्डयन विभाग ने अनुपूरक बजट में हवाई पट्टी के लिए 20.85 करोड़ रुपये दिए थे. 21 करोड़ रुपये की लागत से करीब 52 हेक्टेयर भूमि पर हवाई अड्डा बनाने की मंजूरी फरवरी 2014 में मिली थी. वर्ष 2014 में प्रदेश सरकार व एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच हवाई पट्टी को हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने के लिए एमओयू साइन हुआ था. 

यूपी में नागरिक उड्डयन विभाग में तैनात रहे एक अधिकारी बताते हैं, "वर्ष 2015 में मुरादाबाद हवाई अड्डे का निर्माण शुरू हुआ. निर्माण होते-होते चार साल लग गए. कभी बजट देरी से मिलना तो कभी राजकीय निर्माण निगम की लापरवाही के चलते काम समय पर पूरा नहीं हो पाया. जब काम पूरा हुआ भी निर्माण निगम के इंजीनियरों ने रनवे के आस-पास भराव के लिए मिट्टी की कीमत में खेल कर दिया."

सरकार ने जांच कराई तो लापरवाही सामने आई और वर्ष 2019 में योगी सरकार में तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने तीन इंजीनियरों को निलंबित किया. इसके बाद कोविड काल में निर्माण रुक गया. इस दौरान बाउंड्रीवॉल तोड़कर आसपास के गांवों के युवा रनवे पर दौड़ लगाने लगे. वहां दौड़ की प्रतियोगिताएं आयोजित होने लगी. प्रशासन ने सख्ती कर बाउंड्रीवॉल को दोबारा बनवाया.

कोविड की महामारी गुजरने के बाद मुरादाबाद हवाई अड्डे पर फिर अधिकारियों का ध्यान गया. उड़ान शुरू करने के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने की कवायद शुरू हुई. नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी के मुताबिक जनवरी 2022 में हवाई अड्डे को लाइसेंस मिल सकता था, लेकिन रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय व पर्यावरण एवं वन विभाग की एनओसी न होने के कारण लाइसेंस अटक गया. 

फरवरी 2023 में ये तोनों एनओसी एएआई को मिल गई. इसके बाद अगस्त 2023 में रनवे के घर्षण का परीक्षण करने के लिए स्पेशल कार दौड़ाई गई तो घर्षण मानक से अधिक पाया गया. रनवे की इस कमी को दुरुस्त कर मुरादाबाद एयरपोर्ट ने नवंबर, 2023 में उड़ान का लाइसेंस हासिल किया. 10 मार्च को मुरादाबाद एयरपोर्ट का बहुप्रतीक्ष‍ित उद्घाटन भी हो गया लेकिन यहां से उड़ान भरने का सपना अभी पूरा नहीं हुआ है.

मुरादाबाद के मूढ़ापांडे हवाई अड्‌डे का उद्घाटन हुए तीन हफ्ते से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी उड़ान का कोई शेड्‌यूल अभी तक नहीं जारी हुआ है. उड़ान न शुरू हो पाने की एक बड़ी वजह फ्यूल पंप का न होना है. उड़ान शुरू होने के लिए लिए इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है क्योंकि लखनऊ से उड़ान भर मुरादबाद आने पर यहां विमान को एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) लेना होगा. 

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और विमानन सेवा प्रदाता कंपनी 'फ्लाई बिग एयरलाइंस' के अधिकारियों में फ्यूल पंप की उपलब्धता को लेकर सामंजस्य न होना भी दिक्कतें पैदा कर रहा है. फ्लाई बिग के ऑल इंडिया हेड, ग्राउंड ऑपरेशन रतन अंभोरे के मुताबिक विमान में फ्यूल लेने के लिए हवाई अड्डे में अभी तक पंप नहीं लगा है. 

ईंधन की व्यवस्था होने पर ही उड़ानें शुरू हो सकेंगी. इसके लिए भारतीय विमानपत्त प्राधिकरण द्वारा व्यवस्था की जा रही है. वहीं मुरादाबाद हवाई अड्डे के निदेशक अमरजीत सिंह के मुताबिक हवाई अड्डे में विमान के फ्यूल को लेकर कोई दिक्कत नहीं है. फ्यूल की व्यवस्था तेल कंपनी को करनी है. इसकी व्यवस्था टैंकरों के माध्यम से भी हो सकती है.

हालांकि विभागीय अधिकारियों का तो यह कहना है कि विमानन सेवा प्रदाता कंपनी के पास हवाई जहाज न होने से वह फ्यूल पंप के मुद्दे को तूल दे रही है. जानकारी के मुताबिक 'फ्लाई बिग' कंपनी के पास यूपी के लिए सिर्फ दो विमान हैं. इन्हीं विमानों से अलीगढ़, आजमगढ़ व चित्रकूट हवाई अड्डों पर सेवाएं दी जा रही हैं. 

'फ्लाई बिग' कंपनी विमान बढ़ाने का भी प्रयास कर रही है. कंपनी ने चार विमानों के लाइसेंस के लिए आवेदन कर रखा है. इसके बाद ही श्रावस्ती और मुरादाबाद के लिए हवाई सेवाएं शुरू हो पाएंगी. मुरादाबाद एयरपोर्ट के निदेशक अमरजीत सिंह के मुताबिक जल्द ही हवाई अड्डे से उड़ान का शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा.

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