मोदी को लाठी मारने का बयान देकर कांग्रेस ने सेल्फ गोल तो नहीं कर लिया?
पीएम मोदी को लेकर यह बयान छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने दिया था

जैसे-जैसे लोकसभा चुनावों की सरगर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लिए मुश्किलें भी बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. अब राज्य में विपक्षी पार्टी ने अपने लिए एक और बड़ी मुश्किल पैदा कर ली है.
दरअसल बीते चार अप्रैल को वैशालीनगर के बीजेपी विधायक रिकेस सेन ने नाई समाज की ओर से ऐलान करते हुए कहा, "अब से कोई भी प्रतिपक्ष चरणदास महंत के बाल नहीं काटेगा, न उनकी मूछें या दाढ़ी सेट करेगा."
लेकिन सेन समाज की तरफ से दिए गए विधायक रिकेस के इस बयान की वजह क्या है? दरअसल वे महंत के पीएम मोदी पर दिए गए एक बयान से खफा हैं. 3 अप्रैल को राजनांदगांव में चुनाव प्रचार के दौरान नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा था, "नरेंद्र मोदी से लड़ने के लिए मजबूत आदमी चाहिए. ऐसा आदमी जो उनके सामने लाठी लेकर खड़ा हो सके और उनका सर फोड़ने की क्षमता रखता हो."
चरणदास महंत राजनांदगांव लोकसभा प्रत्याशी और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के संदर्भ में बयान दे रहे थे. महंत का कहना था कि बघेल आक्रामक नेता हैं और उनमें मोदी से लड़ने की क्षमता है. छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रचार का रूख इस ओर मुड़ गया. बीजेपी के सभी बड़े नेताओं ने अपने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वीडियो बयान भी जारी किया.
सभी ने एक साथ, 'मैं हूं मोदी का परिवार, पहली लाठी मुझे मार' कैंपेन चलाया. सीएम विष्णुदेव साय ने 4 अप्रैल से अब तक हुए सभी रैलियों में इस बयान जिक्र करते हुए कहा, "कांग्रेस के लोग प्रधानमंत्री मोदी को लाठी मारने की बात कहते हैं क्योंकि, पीएम मोदी गरीबों का कल्याण कर रहे हैं." बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इससे संबंधित कई कार्टून भी पोस्ट किए जिसमें महंत को जनता के सामने लाठी लेकर खड़ा दिखाया गया.
बीजेपी के इस कैंपेन के जवाब में कांग्रेस बैकफुट पर नजर आई. पूर्व सीएम भूपेश बघेल के क्षेत्र में ही प्रचार के दौरान यह बात कही गई थी. भूपेश बघेल ने इसकी सफाई में इंडिया टुडे से कहा, "बीजेपी के लोग प्रतिकात्मक बातों को नहीं समझते. उन्हें छत्तीसगढ़ी संस्कृति का ज्ञान नहीं है. इसलिए वे महंत के बयान को बढ़ा चढ़ा कर पेश कर रहे हैं."
8 अप्रैल को बस्तर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस लाठी वाले बयान का जिक्र किया. उन्होंने कांग्रेस पर लगे आरोपों का हवाला देते हुए कहा, "भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्यवाई हो रही है. इसलिए कांग्रेस मेरा सर लाठी मारकर फोड़ना चाहती है. लेकिन ये मोदी है डरने वाला नहीं है. पूरा देश मोदी का परिवार है जो मोदी की रक्षा कर रहा है." पीएम ने इस दौरान राजीव गांधी के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली से भेजे गए 1 रूपए में से 85 पैसे ही गरीबों तक पहुंचते हैं.
भले ही महंत का पीएम मोदी पर दिया गया बयान राजनांदगांव में दिया गया, लेकिन इसकी गूंज कोरबा में भी सुनाई दे रही है. कोरबा से चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत दूसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं. 2019 में ज्योत्सना महंत इस सीट से जीतकर सांसद बनीं थी, इस बार उनका मुकाबला बीजेपी की बड़ी नेता सरोज पाण्डेय से है.
बयान पर सफाई देते हुए महंत अपने और पीएम मोदी के संबंधों का जिक्र करते हुए कहते हैं, "साल 2009 से 2014 तक जब मैं केंद्रीय राज्य मंत्री था और मोदी गुजरात के सीएम थे तभी से मेरा उनके साथ घनिष्ठ संबंध रहा है. मैं प्रतीकात्मक रूप से यह बात कह रहा था. मेरा इरादा उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था.
महंत ने अपना यह बयान भी राजनांदगांव में ही दिया था. राजनीति के जानकार इसे कांग्रेस पार्टी के भीतर शह मात की राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं. उनका यह मानना है कि कांग्रेस को इसका सबसे ज्यादा नुकसान राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में ही हो सकता है.