गोवा नाइटक्लब हादसे में 25 मौतों को कैसे टाला जा सकता था? कहां हुई चूक!

क्लब में सिर्फ दो एग्जिट गेट थे. एक तो तंग था जिससे अफरा-तफरी मच गई. फायर ब्रिगेड को तंग गलियों की वजह से 400 मीटर दूर रोकना पड़ा

गोवा के इस क्लब में आग लगने के बाद 20 मौतें दम घुटने से हुईं

गोवा के उत्तरी इलाके में बसे आरपोरा गांव की ख़ुशनुमा रात मौत की चीखों में बदल गई. बर्च बाय रोमियो लेन नामक नाइटक्लब में 6 दिसंबर की रात करीब 12 बजे भड़की आग ने 25 जिंदगियां छीन लीं. ज्यादातर लोग धुएं की घुटन में फंसकर मरे. 14 कर्मचारी, 4 पर्यटक और 7 अज्ञात शवों में तीन महिलाएं शामिल हैं. 6 घायल गोवा मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं. 

शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि आग की शुरुआत किचन एरिया से हुई. और पिरोम्यूजिकल शो के पटाखों ने इसे भयानक बना दिया. हालांकि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने साफ किया कि कोई गैस सिलेंडर ब्लास्ट नहीं हुआ. बल्कि क्लब के अंदर की आतिशबाजी ने पाम लीफ सजावट और लकड़ी के फर्नीचर को लपेटे में ले लिया. बेसमेंट में वेंटिलेशन न होने से धुआं फैला और लोग फंस गए.

बाहर निकलने के पर्याप्त रास्ते नहीं थे?

क्लब में सिर्फ दो एग्जिट गेट थे. एक तो तंग था जिससे अफरा-तफरी मच गई. फायर ब्रिगेड को तंग गलियों की वजह से 400 मीटर दूर रोकना पड़ा. कॉल 12 बजकर 4 मिनट पर आई लेकिन पहुंचने में 45 मिनट लगे. दो घंटे बाद आग काबू में आई. पुलिस डीजीपी आलोक कुमार ने कहा रेस्क्यू में 100 से ज्यादा लोग बचाए गए लेकिन देरी ने नुकसान बढ़ाया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट्स से साफ है कि 20 मौतें दम घुटने से तीन जलने से और दो सीढ़ियों पर कुचलने से हुईं.

कब खुला था यह क्लब?

यह क्लब 2024 में खुला था. दिल्ली के सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा के पास रोमियो लेन क्लब की चेन है जो 22 शहरों में फैली है. सौरभ पूर्व आईटी इंजीनियर हैं. गोवा के इस क्लब के निर्माण के वैध होने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि क्लब नक़्शे के मुताबिक़ नहीं था. लोकल पंचायत ने डिमोलिशन नोटिस दिया था जो कोर्ट अपील पर रुका. फायर सेफ्टी NOC कभी जारी ही नहीं हुआ. ओवरक्राउडिंग बेसमेंट में इमरजेंसी एग्जिट न होना और इलेक्ट्रिकल वायरिंग की लापरवाही ने हादसे को बुलावा दिया. 

गोवा की नाइटलाइफ जो सालाना 80 लाख पर्यटकों को लुभाती है, अब सवालों के घेरे में है. 2023 में इसी चेन के एक क्लब में छोटी आग लगी थी लेकिन तब मौतें टल गईं. मई 2025 में हैदराबाद के गुलजार हाउस फायर में 15 की जान गई थी. ये घटनाएं सेफ्टी नियमों की अवहेलना से उपजी थीं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के मुताबिक 2024 में 20 हजार से ज्यादा आग लगने के हादसे हुए जिनमें 15 फीसद पब्लिक प्लेस पर हुए.

क्या कहना है नेता-अधिकारियों का?

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने घटनास्थल का दौरा किया. कहा ये गोवा के लिए दर्दनाक है दोषियों को सजा मिलेगी. मजिस्ट्रियल जांच कमिटी गठित की गई है जिसमें डीएम, एसपी फॉरेंसिक और फायर डिपार्टमेंट शामिल हैं. एक हफ्ते में रिपोर्ट तलब की गई है. दूसरी कमिटी सभी क्लबों का सेफ्टी ऑडिट करेगी. बिना NOC वाले क्लबों के लाइसेंस रद्द किए जाएंगे. 

इस मामले में क्लब के चार स्टाफ मेंबर गिरफ्तार भी हुए हैं. विवेक सिंह, राजीव मोदक, अंशु ठाकुर और गेट मैनेजर. सौरभ लूथरा के खिलाफ वारंट जारी हुआ है और हत्या में मदद का आरोप लगाया गया है. तीन अफसर सस्पेंड हुए हैं. सिद्धी हलारनकर, शमीला मोंटेरो और रघुवीर बागकर. बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने कहा कि 8 दिसंबर से इंस्पेक्शन शुरू होगा. सख्त गाइडलाइंस लागू होंगी. मृतकों को 5 लाख घायलों को 50 हजार मुआवजे की घोषणा भी हो चुकी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया है कि उन्हें हादसे का गहरा दुख है. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख प्रति मृतक और 50 हजार घायलों को दिए जाएंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि गोवा दुर्घटना में उनकी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है. गृह मंत्री अमित शाह ने रेस्क्यू और हर संभव मदद का भरोसा दिया है. विपक्ष से राहुल गांधी ने इसे सिस्टम फेलियर कहा और पारदर्शी जांच की मांग की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि व्यापक जांच और सख्त जवाबदेही जरूरी है. 

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