कर्नाटक में सीएम बदलने की अटकलें, क्या डीके शिवकुमार को मिला सिद्धारमैया के करीबी का साथ?

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर को CM सिद्धारमैया का करीबी माना जाता है, लेकिन इस बार उन्होंने डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री स्वीकार करने की बात कही है

डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा तेज (फाइल फोटो)
डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा तेज (फाइल फोटो)

27 नवंबर को सीएम सिद्धारमैया के करीबी और कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने डीके शिवकुमार को बतौर मुख्यमंत्री स्वीकार करने की बात कहकर हर किसी को चौंका दिया है.

इंडिया टुडे से बात करते हुए जी परमेश्वर ने कहा कि अगर कांग्रेस हाईकमान नेतृत्व परिवर्तन का फैसला करता है तो वे डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री के रूप में पूरी तरह स्वीकार करेंगे.

इसके आगे उन्होंने कहा, "जब कोई मुझसे मुख्यमंत्री पद की आकांक्षाओं के बारे में पूछता है, तो मैं स्वाभाविक रूप से जवाब देता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हूं. लेकिन अगर सत्ता परिवर्तन होता है और डीके मुख्यमंत्री बनते हैं, तो हम इसे स्वीकार करेंगे."

कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों पर सिद्धारमैया खेमे से यह अब तक का सबसे मजबूत संकेत है. परमेश्वर ने यह भी कहा कि अगर पार्टी किसी व्यक्ति को सीएम बनाने पर सहमत होती है तो कोई भी परिवर्तन बिना किसी हो-हंगामे के बेहद आसानी से होगा.

कर्नाटक के गृह मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी मुख्यमंत्री पद के लिए सही उम्मीदवार बताया है. दरअसल, राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच खींचतान जारी है, जहां सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार के बीच कथित सत्ता-साझाकरण समझौते को लेकर दबाव बढ़ रहा है.

तीन घटनाएं, जिससे कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा को मिल रही हवा

पहली घटना: डीके शिवकुमार के समर्थक विधायकों के दिल्ली पहुंचने से शुरू हुआ विवाद

कर्नाटक में हालिया संकट तब शुरू हुआ, जब 10 विधायक सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने दिल्ली गए और शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की. विधायकों का यह दौरा ऐसे समय में हुआ, जब सिद्धारमैया सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा हिस्सा यानी ढाई साल पूरा कर चुकी है.

2023 के विधानसभा चुनाव के बाद दोनों नेताओं में मुख्यमंत्री बनने के लिए तीखी प्रतिस्पर्धा थी. उस समय ढाई-ढाई साल के रोटेशन फॉर्मूले की चर्चा थी, जिसके मुताबिक शिवकुमार 2.5 साल बाद CM बन सकते थे. हालांकि, कांग्रेस ने इसे कभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया है.

जब भी नेतृत्व को लेकर खींचतान हुई है, कांग्रेस नेतृत्व ओबीसी नेता सिद्धारमैया के साथ मजबूती से खड़ा रहा है. हालांकि कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री की अटकलों पर 1 दिसंबर तक तस्वीर साफ हो जाएगी.

दूसरी घटना: सीएम सिद्धारमैया से कांग्रेस अध्यक्ष की दो मुलाकात

पिछले एक सप्ताह से कम समय में खड़गे ने दो बार सीएम सिद्धारमैया से मुलाकात की है. हालांकि, इन मुलाकातों के बाद खड़गे ने मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों पर एक अजीबोगरीब और अस्पष्ट जवाब दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "हमने कोई महत्वपूर्ण बात नहीं की... जो भी फैसले लिए जाएंगे, वे आलाकमान ही लेगा." खड़गे के इस जवाब के बाद विरोधियों ने सवाल उठाया कि कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष की क्या कोई हैसियत नहीं है.

हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब खड़गे ने ऐसा जवाब दिया हो. इससे पहले 30 जून को भी जब पत्रकारों ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद से हटाने की अटकलों के बारे में पूछा था, तब भी कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था, "यह पार्टी हाईकमान के हाथ में है और उन्हें आगे की कार्रवाई करने का अधिकार है."

खड़गे के इस बयान ने BJP और दूसरे दलों को कांग्रेस पर हमला करने का मौका दे दिया है. BJP ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "क्या आप भूल गए हैं कि आप AICC अध्यक्ष हैं, या अध्यक्ष पद सिर्फ नाम के लिए है? अगर पद आपका है, तो सत्ता नकली गांधी परिवार के पास क्यों है? आप इतनी असहाय स्थिति में क्यों हैं? क्या यह सभी कन्नड़ लोगों का अपमान नहीं है?" इसके अलावा, कभी कांग्रेस की सहयोगी रही जेडी(एस) ने भी इस मुद्दे पर तीखा प्रहार करने की कोशिश की. पार्टी ने कहा कि खड़गे की टिप्पणी ने कांग्रेस पार्टी के भीतर की "गुलामी" को पूरी दुनिया के सामने उजागर कर दिया है.

तीसरी घटना: राहुल ने मैसेज भेजकर डीके शिवकुमार से क्या कहा?

इंडिया टुडे के जर्नलिस्ट नागार्जुन द्वारकानाथ की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते से शिवकुमार राहुल गांधी से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे, इसके बाद राहुल गांधी ने वाट्सएप मैसेज भेजा, जिसमें लिखा था- “कृपया प्रतीक्षा करें, मैं कॉल करूंगा.”

वहीं, शिवकुमार ने कहा, "अगर जरूरत हुई तो मैं हाईकमान से समय मांगूंगा. मुझे 4 MLC सीटों के उम्मीदवार तय करने हैं. इसके साथ ही मैं कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) ट्रस्ट और पार्टी की संपत्तियों के पुनर्गठन पर भी वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करना चाहता हूं."

हालांकि, मुख्यमंत्री पद को लेकर जब शिवकुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री के बदलाव पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहूंगा, यह हम 4-5 लोगों के बीच की सीक्रेट डील है."

Read more!