क्या देवेंद्र यादव को 'भारत जोड़ो यात्रा' की वजह से राहुल गांधी ने दिया बिलासपुर से टिकट?

राहुल गांधी ने लोकसभा 2024 के चुनाव में छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर से इस युवा चेहरे को उम्मीदवार बनाया है. लेकिन क्या 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान की गई मेहनत का ही नतीजा था जो देवेंद्र को बिलासपुर से टिकट दिया गया? 

राहुल गांधी के साथ बिलासपुर लोकसभा के कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र यादव
राहुल गांधी के साथ बिलासपुर लोकसभा के कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र यादव

अपनी 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान राहुल गांधी जब 24 दिसंबर 2022 को दिल्ली पहुंचे तो उनकी सुरक्षा में कई बार चूक की घटनाएं सामने आईं. यात्रा में शामिल भीड़ को काबू करने में उनके सुरक्षाबल नाकाम नजर आए. इसके बाद से 'भारत जोड़ो यात्रा' में राहुल के साथ सफेद जर्सी पहने कुछ नौजवान नजर आने लगे. 

राहुल के आसपास ये नौजवान रस्सियों का बड़ा घेरा बनाकर चलते और इसके भीतर सुरक्षाबलों का एक घेरा उनकी हिफाजत करता. युवाओं की यह टीम छत्तीसगढ़ के भिलाई से विधायक देवेंद्र यादव के कार्यकर्ताओं की थी. राहुल गांधी की दोनों पदयात्राओं में शुरूआत से अंत तक इस युवा चेहरे ने सभी का ध्यान खुद की ओर आकर्षित किया. 

देवेंद्र को उनकी मेहनत का फल भी मिला है. राहुल गांधी ने लोकसभा 2024 के चुनाव में छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर से इस युवा चेहरे को उम्मीदवार बनाया है. लेकिन क्या 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान की गई मेहनत का ही नतीजा था जो देवेंद्र को बिलासपुर से टिकट दिया गया, या इसके पीछे पार्टी का कोई और ही गणित काम कर रहा है? 
           
इस बारे में पार्टी के एक बड़े नेता बताते हैं, "7 मार्च को टिकट बांटने की स्क्रीनिंग और चुनाव समिति की बैठक थी. बैठक में सभी लोकसभा से नामों का पैनल बनाया गया था. बिलासपुर के पैनल में देवेंद्र यादव का नाम ही नहीं था. अचानक पार्टी के ​सचिव चंदन यादव ने राहुल गांधी के सामने इस नाम का प्रस्ताव रखा. 

छत्तीसगढ़ के सभी बड़े नेताओं ने इस नाम को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि देवेंद्र की उम्र महज 33 साल है. राज्य के बड़े नेता चाहते थे, बिलासपुर जैसी बड़ी सीट पर कोई सीनियर चेहरा चुनाव लड़े. लेकिन राहुल गांधी ने देवेंद्र के नाम पर सहमती जता दी."

देवेंद्र की उम्मीदवारी के पीछे तर्क दिया गया कि, बिलासपुर से पहले कांग्रेस के बड़े नेता रहे बीआर यादव सांसद रहे हैं. राज्य सरकार की तरफ से जुटाए गए ओबीसी जनगणना में भी यादव समाज राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पिछड़ी जाति है. छत्तीसगढ़ की पिछड़ी जातियों में सबसे ज्यादा आबादी साहू समाज की है, जिसकी कुल तादाद लगभग 11 फीसदी है. वहीं यादव समाज की कुल आबादी भी लगभग 8 फीसदी है. 

बिलासपुर लोकसभा में भी, बिलासपुर जिले में यादवों की संख्या 1 लाख 83 हजार 600 और मुंगेली में 83 हजार है. ऐसे में पूरी लोकसभा में यादव समाज की संख्या 2 लाख 66 हजार 600 पहुंचती है. इसी जातीय समीकरण में युवाओं की पसंद वाले फैक्टर को जोड़ते हुए कांग्रेस ने देवेंद्र यादव का नाम आगे किया है. 

देवेंद्र राज्य के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के भी करीबी माने जाते हैं. भले ही 'जतीय समीकरण' और 'युवा चेहरा' जैसे फैक्टर देवेंद्र की तरफदारी कर रहे हों, लेकिन उनपर कोयले की लेवी इस्तेमाल करने का आरोप भी लग चुका है और इस मामले में ईडी की जांच भी चल रही है. 

अगर राजनीतिक करियर की बात करें तो साल 2009 में देवेंद्र एनएसयूआई के दुर्ग जिलाध्यक्ष बने थे. यह वह दौर था जब कांग्रेस संगठन और पूर्व सीएम अजीत जोगी दोनों चुनाव में अपने अपने प्रत्याशी उतारते थे. देवेंद्र यादव, जोगी खेमे के खिलाफ एनएसयूआई की ओर से चुनाव लड़ रहे थे. 

इसके बाद साल 2012 में देवेंद्र यादव एनएसयूआई के निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष बने. युवाओं में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए कांग्रेस ने साढ़े 25 साल की उम्र में साल भिलाई नगर निगम चुनाव 2015 में उनको महापौर उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव को जीतकर देवेंद्र देश के सबसे कम उम्र के महापौर बन गए. इसके बाद साल 2018 के चुनाव में देवेंद्र यादव राजस्व एवं उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय को चुनाव में हराकर भिलाई के विधायक बने. 

साल2023 विधानसभा चुनाव में भी इसी सीट पर देवेंद्र दोबारा विधायक बन गए. लेकिन लोकसभा चुनाव में 33 साल के देवेंद्र का मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार तोखन साहु से है. लोकसभा के चुनाव को लेकर देवेंद्र कहते हैं, "बिलासपुर 35 साल से बीजेपी सांसदों की उपेक्षा का शिकार हो रहा है.बीजेपी को ​जीताने के बाद भी बिलासपुर के लिए कोई केंद्रीय स्तर का काम बीजेपी के सांसद नहीं करा पाए हैं. विकास के मुद्दे को लेकर चुनाव में जा रहे हैं जनता जिन मुद्दों को देख रही है वही हमारा चुनावी मुद्दा है." 

बिलासपुर से देवेंद्र की उम्मीदवारी पर बेलतरा से बीजेपी के विधायक सुशांत शुक्ला कहते हैं, "यह कांग्रेस द्वारा देवेंद्र की राजनीतिक हत्या का प्रयास है. महादेव एप में किए गए घोटाले के कारण देवेंद्र महादेव के श्राप का शिकार हो जाएंगे. देश को मोदी जी की गारंटी और प्रदेश को विष्णुदेव साय के सुशासन पर विश्वास है. बिलासपुर लोकसभा इस बार भी बीजेपी जीत रही है."

प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. लोकसभा का चुनावी माहौल बीजेपी के लिए ज्यादा अनुकूल है. जीत और हार के बीच कांग्रेस पार्टी के भीतर देवेंद्र की टिकट को लेकर एक संदेश जरूर गया है कि अब राहुल गांधी की टीम में राज्य के बड़े नेताओं के अलावा युवा नेताओं ने भी अपनी दस्तक सुनिश्चित कर ली है. 

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