पुलिस के लिए कैसे चुनौती बना अपराधी बदन सिंह बद्दो

मार्च, 2019 में पुलिस हिरासत से फरार होने के बाद पश्च‍िमी यूपी का सबसे कुख्यात माफिया पकड़ से काफी दूर. लखनऊ में जीवा हत्याकांड के साजिशकर्ता के रूप में नाम सामने आने से बद्दो के आपराधि‍क नेटवर्क के सक्रिय होने की आशंका

माफिया बदन सिंह बद्दो
माफिया बदन सिंह बद्दो

लखनऊ में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट परिसर में 7 जून की दोपहर करीब पौने चार बजे उस वक्त हड़कंप मच गया जब पुलिस कस्टडी में माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. घटना के करीब तीन महीने से कुछ कम समय के बाद जेल में बंद माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी के गुर्गे और गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी, जिसे जीवा (48) के नाम से भी जाना जाता है, की हत्या के मामले में दायर आरोप पत्र में एक महत्वपूर्ण आपराधिक साजिश का खुलासा हुआ है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जीवा की हत्या के पीछे पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े माफिया बदन सिंह उर्फ बद्दो की षड़यंत्रकारी भूमिका है. इस जानकारी का खुलासा लखनऊ में वजीरगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक मनोज मिश्रा, जो हत्याकांड के मुख्य जांच अधिकारी हैं, द्वारा दायर आरोप पत्र में किया गया है. शनिवार 2 सितंबर की देर शाम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया. सीजेएम ऋषिकेश पांडे ने आरोप पत्र को स्वीकार कर लिया.

जीवा हत्याकांड की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था. एसआईटी में तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी), मोहित अग्रवाल (अब एडीजी आतंकवाद विरोधी दस्ता) शामिल थे. तत्कालीन लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), नीलाब्जा चौधरी (अब जेसीपी कानपुर) और पुलिस महानिरीक्षक (अयोध्या रेंज), प्रवीण कुमार शामिल थे. एसआईटी प्रमुख मोहित अग्रवाल ने पुष्टि की कि आरोप पत्र में बदन सिंह बद्दो को जीवा हत्याकांड के मुख्य आरोपी केराकत, जौनपुर निवासी विजय यादव उर्फ आनंद यादव (24) के साथ आईपीसी की धारा 120-बी के तहत आपराधिक साजिश रचने का आरोपी बनाया गया है. 

विजय यादव वकील बनकर अदालत में दाखिल हुआ और 7 जून को एससी/एसटी मामलों के लिए नामित विशेष अदालत के गेट पर जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मुख्य आरोपी विजय यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था, जिसमें हत्या के लिए 302, हत्या के प्रयास के लिए 307, एक लोक सेवक को उसकी ड्यूटी के दौरान चोट पहुंचाने के लिए 332 शामिल हैं.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक विजय यादव की मुलाकात बदन सिंह बद्दो से नेपाल में हुई थी, जहां उसे जीवा को मारने की सुपारी दी गई थी और बदले में उसे 50 लाख रुपये देने का वादा किया गया था. पुलिस को जीवा के वकील का एक आवेदन भी मिला है, जिसमें उन्होंने बदन सिंह बद्दो से जान का खतरा बताते हुए मुजफ्फरनगर में विचाराधीन मामलों में पेशी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का अनुरोध किया था. यूपी का "सबसे स्टाइलिश माफिया", बद्दो, जो अपनी शानदार जीवन शैली के लिए जाना जाता है, पर 25 मई से 5 लाख रुपए का इनाम रखा गया है.

मेरठ में 28 मार्च 2019 को पेशी से लौटते समय बद्दो सभी पुलिसकर्मियों को लेकर होटल मुकुट महल में रुका था. होटल में शराब पार्टी के दौरान पुलिसकर्मियों को बेहोश कर बद्दो फरार हो गया था. जीवा हत्याकांड के जांचकर्ताओं को अपराध में बद्दो और उसके गिरोह के सदस्यों की संलिप्तता वाली आपराधिक साजिश के पर्याप्त सबूत मिले हैं. विभिन्न स्थानों से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज में कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को लखनऊ अदालत में प्रवेश करने और अन्य गतिविधियों में विजय यादव की सहायता करते हुए देखा गया था. बद्दो पर आईपीसी की धारा 120 के तहत आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. जांच अधिकारियों ने तेजी दिखाते हुए जीवा हत्याकांड की जांच शुरू होने के करीब 88 दिन बाद आरोप पत्र दाखिल किया है.
  
विदेश में रहकर लखनऊ में न्यायालय के भीतर हत्या कराकर बदन सिंह बद्दो ने यूपी पुलिस के सामने बड़ी चुनौती पेश की है. लखनऊ में आपराधि‍क मामलों के वरिष्ठ वकील शैलेंद्र सिंह कहते हैं, "जिस तरह पुलिस कस्टडी से बद्दो भाग गया और अब न्यायालय के भीतर अपने गुर्गों से अपने दुश्मन की हत्या करा दी, उससे साबित होता है कि देश के बाहर होने के बाद भी उसका गैंग सक्रिय है. और यह बद्दो के इशारे पर काम कर रहा है. पुलिस को बद्दो की मदद करने वाले पुलिसकर्मियों और दूसरे अपराधियों को अभि‍यान चलाकर गिरफ्तार करना चाहिए."

पुलिस बद्दों को भले ही न पकड़ पा रही हो लेकिन वह धड़ल्ले से सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा है. इस वर्ष जनवरी में पूर्व डीजीपी ब्रजलाल की पुस्तक "पुलिस की बारात" पर टिप्पणी करते हुए इंस्टाग्राम पर पोस्ट अपलोड की थी. उस वक्त एसटीएफ की जांच में बद्दो की इंस्टाग्राम का आइपी एड्रेस फ्रांस का आया था. इससे पहले नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया का भी लोकेशन मिल चुका था. इसके बाद जांच एजेंसियां अभी तक तय नहीं कर पायी हैं कि बद्दो खुद इंस्टाग्राम चला रहा है या फिर उसकी आईडी से कोई अन्य व्यक्त‍ि पोस्ट अपलोड कर रहा है.

पांच लाख के इनामी हिस्ट्रीशीटर बदन सिंह बद्दो का नाम संजीव जीवा हत्याकांड में आने के बाद पुलिस और एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं. बद्दो को पकड़ने के लिए इंटरपोल की मदद लेने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके लिए मेरठ में ब्रह्मपुरी पुलिस की संस्तुति पर फॉरेन रजिस्ट्रेशन ऑफिसर की तरफ से इमीग्रेशन विभाग को रेड कार्नर नोटिस भेजा गया था, जो देश की नोडल एजेंसी सीबीआई को भेज दिया गया. नोडल एजेंसी ने इसे इंटरपोल को भेजने के बजाय वापस भेज दिया. मेरठ पुलिस के एक अधिकारी बताते हैं, "सीबीआई को भेजे गए नोटिस में बद्दो का आपराधिक इतिहास नहीं दिया गया था. अब बद्दो के सभी मुकदमों का रिकॉर्ड जुटाया जा रहा है. रेड कार्नर नोटिस जारी होने से बद्दो जिस देश में भी होगा, उसका पासपोर्ट वहीं पर निरस्त कर गिरफ्तारी की जा सकेगी."

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