मध्य प्रदेश : रैबीज का टीका लगा, फिर भी छह लोगों की मौत! क्या है इसकी वजह?
बड़वानी जिले के लिंबाई गांव में कथिततौर पर एक पागल सियार ने 17 लोगों को काट लिया, जिनमें से छह लोगों की मौत हो चुकी है जबकि उनको रैबीज का वैक्सीन लग चुका था

मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के लिंबाई गांव में एक शादी समारोह का आयोजन हो रहा था. आदिवासी परिवार में होने वाले इस शादी समारोह में हिस्सा लेने के लिए बाहर से दर्जनों मेहमान आए हुए थे.
अब एक-एक कर इस परिवार के लोगों और मेहमानों की मौत हो रही है. इससे न सिर्फ इस परिवार बल्कि पूरे गांव में दहशत का माहौल है. दरअसल, मई की शुरुआत से अब तक परिवार के छह लोगों की मौत हो चुकी है.
आखिरी मौत 2 जून को हुई थी. दरअसल, इस बात की आशंका जताई जा रही है कि किसी जानवर के काटने की वजह से इस सिलसिले की शुरुआत हुई है. कुछ लोगों को कहना है कि वह जानवर एक पागल सियार था.
5 मई की सुबह-सुबह बड़वानी शहर से 45 किलोमीटर दूर लिंबई में घर के बाहर करीब 17 लोग सो रहे थे, तभी एक जानवर ने उनपर हमला किया और उनमें से कई लोगों को काट लिया. पीड़ितों में से कुछ लोग शादी के लिए दूसरे गांवों से आए थे. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वह जानवर कुत्ते जैसा दिख रहा था.
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने पूरे इलाके में खोजबीन शुरू कर दी, लेकिन जानवर का पता नहीं चल सका. हालांकि, 4 जून को वन विभाग के कर्मचारियों को गांव के पास एक सूखे कुएं में एक जानवर के अवशेष मिले, जिसके पैर बंधे हुए थे.
बड़वानी के प्रभागीय वन अधिकारी आशीष बंसोड़ ने बताया, "हमें संदेह है कि ये अवशेष सियार के हैं. जानवर को शायद पकड़कर मारा गया और फिर कुएं में फेंक दिया गया. हमने अवशेषों को प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेज दिया है."
जानवर के इस हमले के बाद 23 मई को तीन लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद 27 मई और 1 जून को एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. गांव वालों को लगा कि यह सिलसिला अब थमेगा, लेकिन तभी 2 जून को एक और व्यक्ति की मौत से आसपास के लोग डरे और सहमे हुए हैं.
स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही जानवरों के काटने की सूचना मिली, उसके बाद इन सभी को तुरंत एंटी-रेबीज वैक्सीन दी गई थी. गांव में सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि जानवर के काटने से तीन मवेशियों की भी मौत हो गई है.
वन अधिकारी आशीष बंसोड़ के मुताबिक मृतकों के परिजनों को मुआवजे के रूप में आठ-आठ लाख रुपये दिए गए हैं. हालांकि, रेबीज वैक्सीन लगाए जाने के बाद भी लगातार हो रही मौतों की वजह प्रशासनिक अधिकारी हैरान हैं. वे पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर वैक्सीन लगने के बाद भी मौतों का क्या कारण हो सकता है?
जिला प्रशासन ने वैक्सीन के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं. मृतकों के सैंपल और स्वाब भी जांच के लिए भेजे गए हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि क्या वाकई मौतें रेबीज से हुई हैं या कुछ और वजह हैं.
रेबीज वैक्सीन के असर को लेकर डॉ. अविनाश दुबे ने कहा, "अगर दवाओं को ठीक से स्टोर न किया जाए या कोल्ड चेन टूट जाए, तो उनकी प्रभावशीलता कम हो सकती है. कई बार अगर इंजेक्शन के शेड्यूल का पालन न किया जाए, तो भी प्रभावशीलता कम हो जाती है."
डॉ. अविनाश दुबे का कहना है कि उस रात जानवर काटने से घायल हुए 11 लोगों को अभी भी इंदौर स्थित संभागीय मुख्यालय के एमवाय अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है.