'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान का अब क्या है प्लान; NSC की बैठक में लिया क्या फैसला?

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद 7 मई को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक हुई

पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने भारत के हमलों को "आक्रामकता का जघन्य कृत्य" बताया
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने भारत के हमलों को "आक्रामकता का जघन्य कृत्य" बताया

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने 7 मई को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की आपात बैठक की. इस मीटिंग के बाद जारी बयान में कहा गया कि पाकिस्तान अपने समय, स्थान और तरीके से जवाब देने का अधिकार रखता है.

पाकिस्तान ने कहा कि भारत द्वारा पाक और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी शिविरों पर सटीक हमले करने के बाद, उसने अपने सशस्त्र बलों को भी "इसी तरह की कार्रवाई" करने के लिए विधिवत अधिकृत किया है.

राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की यह बैठक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई. इसके बाद पाकिस्तान के पीएमओ ने एक बयान जारी किया. इसके मुताबिक, एनएससी ने कहा कि उसके देश को भारत के हवाई हमलों का जवाब 'सेल्फ डिफेंस' यानी 'आत्मरक्षा' में देने का अधिकार है, जिसे वह अपने चुने हुए समय, स्थान और तरीके से करेगा.

भारत की तरफ से आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने को 'नेकेड एग्रेशन' या 'नग्न आक्रामकता' बताते हुए पाकिस्तान ने इसकी निंदा की है और आरोप लगाया है कि "बिना उकसावे और अनुचित हमलों" ने जानबूझकर पाकिस्तानी नागरिकों, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे, को निशाना बनाया.

पाकिस्तान के पीएमओ द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि "संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद-51 के अनुसार, पाकिस्तान को निर्दोष पाकिस्तानी लोगों की जान जाने और अपनी संप्रभुता के खुलेआम उल्लंघन का बदला लेने के लिए, अपनी पसंद के समय, स्थान और तरीके से आत्मरक्षा में जवाब देने का अधिकार है. पाकिस्तान के सशस्त्र बलों को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए औपचारिक रूप से अधिकृत किया गया है."

इसने भारत पर पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का घोर उल्लंघन करने का आरोप लगाया और कहा कि उसकी सैन्य कार्रवाइयां "अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत स्पष्ट रूप से युद्ध की कार्रवाई हैं."

एनएससी के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने अपने इलाके में आतंकवादी शिविरों की मौजूदगी के भारतीय आरोपों को जोरदार तरीके से खारिज कर दिया है. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले की विश्वसनीय, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच के लिए ईमानदारी से प्रस्ताव दिया था, जिसे "दुर्भाग्य से स्वीकार नहीं किया गया."

बयान में दावा किया गया कि इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का उल्लंघन करते हुए नीलम-झेलम जलविद्युत परियोजना को भी जानबूझकर निशाना बनाया गया.

एनएससी की बैठक समाप्त होने के बाद पीएम शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी सीनेट को संबोधित किया. भाषण की शुरुआत में शरीफ ने कहा, "भारत ने पाकिस्तान पर कायराना हमला करने के लिए रात के अंधेरे का इस्तेमाल किया लेकिन सेना ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया. भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले का पूरा दोष बिना किसी सबूत के पाकिस्तान पर डाल दिया."

भारत की यह कार्रवाई पहलगाम के पर्यटक स्थल पर हुए आतंकी हमले का बदला थी जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें अधिकतर हिंदू थे. नई दिल्ली ने इस हमले का समर्थन करने के लिए इस्लामाबाद को दोषी ठहराया है, जिसके बाद तीखी धमकियों और बदला लेने वाले कूटनीतिक उपायों की एक सीरीज शुरू हो गई है.

पाकिस्तान ने आरोपों को खारिज करते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है. शरीफ ने 7 मई की देर रात पाकिस्तान और पीओके में भारत के हमलों को "आक्रामकता का जघन्य कृत्य" बताया, जिसके लिए "दंडित होना तय है."

इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास अग्रिम गांवों को निशाना बनाकर भारी गोलाबारी की और मोर्टार से गोलीबारी की, जिसमें 10 लोग मारे गए और 41 अन्य घायल हो गए.

Read more!