क्या भारत पर 35 फीसदी टैरिफ कम करने के लिए मान गए ट्रंप?
भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने संकेत दिया है कि अमेरिका भारतीय वस्तुओं पर 50 फीसदी टैरिफ को घटाकर 10 से 15 फीसदी कर सकता है

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने उम्मीद जताई है कि रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर लगाए गए 25 फीसद दंडात्मक टैरिफ को अमेरिका वापस ले लेगा.
नागेश्वरन के मुताबिक, 30 नवंबर तक भारत पर लगाया गया अतिरिक्त दंडात्मक टैरिफ वापस लिया जा सकता है. इसके अलावा भारत पर लगाए जाने वाले 25 फीसदी पारस्परिक शुल्क (रेसिप्रोकल टैरिफ) में भी अमेरिका ढील देगा, जिससे निर्यातकों और कारोबारियों को राहत मिलने की उम्मीद है.
नई दिल्ली में 18 सितंबर को एक कार्यक्रम में बोलते हुए वी.अनंत नागेश्वरन ने कहा, "मुझे विश्वास है कि दंडात्मक शुल्क 30 नवंबर के बाद लागू नहीं रहेंगे. यह किसी ठोस संकेत या प्रमाण पर आधारित बयान नहीं है, लेकिन हालिया घटनाक्रमों को देखते हुए मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में दंडात्मक शुल्क और पारस्परिक शुल्क पर भी कोई समाधान निकल जाएगा."
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने संकेत दिया कि रेसिप्रोकल टैरिफ को 25 फीसद से घटाकर 10 से 15 फीसदी किया जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि टैरिफ विवाद अगले 8-10 हफ्तों में सुलझ सकता है. हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि यह उनका व्यक्तिगत आकलन है और किसी औपचारिक आश्वासन पर आधारित नहीं है.
मुख्य आर्थिक सलाहकार की यह टिप्पणी 16 सितंबर को भारत के मुख्य व्यापार वार्ताकार और वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल की अमेरिकी अधिकारी ब्रेंडन लिंच से हुई मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद आई है. भारत पर अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद पहली बार दोनों देशों के अधिकारियों के बीच आमने-सामने की मुलाकात हुई.
50 फीसदी तक टैरिफ लगाए जाने के कारण अमेरिका में भारतीय सामानों की कीमत बढ़ गई है. खासकर कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और कुछ खाने-पीने के चीजों की कीमत में बढोतरी हुई है. दूसरी तरफ जिन देशों पर टैरिफ कम है, जैसे वियतनाम या पाकिस्तान उनके सामान भारत के मुकाबले सस्ते हुए हैं. ऐसे में भारतीय कारोबारियों के अमेरिकी बाजार से बाहर हो जाने का खतरा पैदा हो गया है.
ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैरिफ में आंशिक वापसी से भी लागत कम हो सकती है और द्विपक्षीय व्यापार में विश्वसनीयता बहाल हो सकती है. नागेश्वरन ने सुझाव दिया कि सरकार अमेरिका के साथ डील को लेकर आशान्वित है, लेकिन वह बाकी परिस्थितियों के लिए भी तैयारी कर रही है.