क्या रूस को खुश करने जंग में 'भाड़े के सैनिक' भेज रहा पाकिस्तान?

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस की ओर से भाड़े के पाकिस्तानी और चीनी सैनिकों के लड़ने का दावा किया है

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की . (Image: X/@ZelenskyyUa)
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पाकिस्तान से भाड़े के सैनिक भेजने का दावा किया. (Image: X/@ZelenskyyUa)

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस की ओर से चीन और पाकिस्तान के भाड़े के सैनिकों के लड़ने की बात कही है. जेलेंस्की ने दावा किया है कि उत्तर-पूर्वी यूक्रेन के खारकीव में उनके सैनिकों का सामना विदेशी भाड़े के सैनिकों से हो रहा है.

इनमें पाकिस्तान, चीन, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और अफ्रीकी देशों के सैनिक शामिल हैं, जो रूसी सेना के साथ मिलकर लड़ रहे हैं. उनके इस बयान के बाद जंग में पाकिस्तान और चीन की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

यूक्रेन की एक विशेष बटालियन के साथ अग्रिम मोर्चे के दौरे के दौरान दिए गए, उनके इस बयान ने जंग में पाकिस्तान की भागीदारी और मॉस्को के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित करने की उसकी कूटनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

जेलेंस्की ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर लिखा, "इस क्षेत्र में हमारे योद्धा जंग में चीन, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान और अफ्रीकी देशों के भाड़े के सैनिकों का सामना कर रहे हैं. हम जवाब देंगे."

जेलेंस्की का यह दावा 2023 की उन रिपोर्टों के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें पाकिस्तान को यूक्रेन के समर्थन में राजधानी कीएव में हथियारों की आपूर्ति करते हुए दिखाया गया था. उस समय की रिपोर्ट में भी रूस-यूक्रेन जंग में पाकिस्तान पर संलिप्तता का आरोप लगा था.

अमेरिका स्थित खोजी मीडिया आउटलेट ‘द इंटरसेप्ट’ ने रिपोर्ट में बताया था कि अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने के लिए पाकिस्तान के साथ एक गुप्त सौदा किया था. इसी सौदे के बदले अमेरिका ने पाकिस्तान को IMF बेलआउट पैकेज हासिल करने में मदद की थी.

वहीं, बीबीसी उर्दू ने कहा कि पाकिस्तान ने यूक्रेन को 155 मिमी तोपखाने के गोले और रॉकेट देने के लिए अमेरिकी कंपनियों के साथ सौदा किया था. इसके जरिए पाकिस्तान ने 364 मिलियन डॉलर कमाए.

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने 5 अगस्त को हथियार आपूर्ति के आरोपों और जेलेंस्की के हालिया दावों का जोरदार खंडन करते हुए उन्हें "निराधार" बताया और रूस-यूक्रेन संघर्ष में अपनी तटस्थता की पुष्टि की.

हालांकि, जेलेंस्की का दावा ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान रूस और अमेरिका दोनों ही तरफ अपने संबंधों को बेहतर करने की कोशिश कर रहा है.

यह ध्यान देने वाली बात है कि कराची में पाकिस्तान स्टील मिल्स (PSM) को बहाल करने और आधुनिकीकरण करने के लिए हाल ही में 10 जुलाई को मॉस्को में पाकिस्तान दूतावास में समझौता हुआ है.

पाकिस्तान को ऐतिहासिक रूप से बुनियादी ढांचे के लिए बड़े पैमाने पर सोवियत रूस का समर्थन हासिल हुआ है, लेकिन शीत युद्ध के दौरान पाकिस्तान सोवियत संघ के खिलाफ हो गया था.

उदाहरण के लिए, 1971 में सोवियत सहायता से निर्मित पाकिस्तान स्टील मिल्स, पाकिस्तान-रूस संबंधों का प्रतीक है. लेकिन, कुप्रबंधन और वैश्विक मंदी के कारण कंपनी को भारी नुकसान हुआ और 2013 तक उसे 118.7 अरब पाकिस्तानी रुपये का घाटा हुआ.

अब, जब पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट में है तो PSM को दोबारा बहाल करने की कोशिश हो रही है. पाकिस्तान का रूस के साथ नजदीकी बढ़ाना यह दिखाता है कि इस्लामाबाद अपनी भू-राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए अपने गठबंधनों में विविधता ला रहा है. ऐसा लगता है कि वह अमेरिका और चीन जैसे पारंपरिक साझेदारों से परे समर्थन की तलाश कर रहा है.

Read more!