यूक्रेन का दावा- रूस की तरफ से लड़ रहे गुजराती शख्स को पकड़ा, भारत ने क्या कहा?
यूक्रेनी सेना ने एक वीडियो जारी करके रूसी सेना के लिए लड़ रहे एक भारतीय शख्स को पकड़ने का दावा किया है

7 अक्टूबर को यूक्रेनी सेना ने वीडियो जारी करके एक भारतीय व्यक्ति के पकड़े जाने का दावा किया. यूक्रेनी सेना के मुताबिक, मजोती साहिल मोहम्मद हुसैन नाम का यह 22 वर्षीय व्यक्ति गुजरात के मोरबी का रहने वाला है.
भारतीय अधिकारियों ने अब तक इस हिरासत की पुष्टि नहीं की है. NDTV को विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हम इस रिपोर्ट की सत्यता की जांच कर रहे हैं. हमें इस संबंध में अभी तक यूक्रेनी पक्ष से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है."
यूक्रेन के अंग्रेजी ऑनलाइन अखबार 'द कीव इंडिपेंडेंट' के मुताबिक, माजोती साहिल मोहम्मद हुसैन रूस के एक विश्वविद्यालय में पढ़ाई करता था. यहां ड्रग्स की लत लगने के बाद उसे नशीले पदार्थों से संबंधित आरोपों में 7 साल की सजा सुनाई गई थी.
कथित तौर पर जेल की सजा से बचने के लिए उसने रूसी सरकार के एक समझौते पर हस्ताक्षर किया, जिसके तहत उसे रूस के विशेष सैन्य अभियान में शामिल कर लिया गया. 16 दिनों की ट्रेनिंग के बाद 1 अक्टूबर को पहली बार उसे यूक्रेनी सेना से लड़ने के लिए फ्रंट लाइन पर भेजा गया.
यहां तीन दिन बाद ही उसका रूसी सेना के कमांडर के साथ विवाद हो गया. इसके बाद दो से तीन किलोमीटर दूर वह यूक्रेनी नियंत्रित क्षेत्र में पहुंचा और अपनी बंदूक नीचे रखकर आत्मसमर्पण की इच्छा जताई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसने अपनी बंदूक नीचे रखकर कहा, "मैं जंग नहीं लड़ना चाहता. मुझे मदद की जरूरत है."
यूक्रेन की 63वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड ने उससे पूछताछ के बाद एक वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर शेयर किया. इसमें हुसैन ने दावा किया कि रूसी सेना में शामिल होने के लिए उससे पैसा देने का वादा किया गया था, जो उसे कभी नहीं मिला. उसने कहा, "मैं रूस वापस नहीं जाना चाहता. वहां कोई सच्चाई नहीं है, कुछ भी नहीं. मैं यहां (यूक्रेन में) जेल में रहना पसंद करूंगा."
इसी साल जनवरी में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि धोखे से रूस ले गए 126 भारतीयों में से 12 भारतीय यूक्रेन में रूसी सेना के लिए लड़ते हुए शहीद हो गए हैं. उस समय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि 16 अन्य भारतीय नागरिक लापता हैं.
बाद में भारत सरकार ने इस मुद्दे को मॉस्को के सामने यह मुद्दा मजबूती से उठाया. पुतिन सरकार से रूस-यूक्रेन जंग में फंसे भारतीयों को शीघ्र मुक्त कराने का अनुरोध किया था, जिसके बाद 96 भारतीयों को रिहा कर दिया गया था.