क्या ट्रंप की टैरिफ धमकी से भारत को डरना चाहिए; सालाना कितना होगा नुकसान?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भी टैरिफ लगाने के संकेत दिए हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि ट्रंप के इस फैसले से भारत को क्या और कितना नुकसान होगा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

मार्च की 5 तारीख को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वहां की संसद को संबोधित किया. अपने संबोधन में ट्रंप ने दो बार भारत का नाम लेते हुए कहा, "भारत हम पर सौ फीसदी टैरिफ लगाता है, जो कतई ठीक नहीं है." उन्होंने टैरिफ वॉर की औपचारिक घोषणा करते हुए कहा कि "अब जो भी देश अमेरिका पर टैरिफ लगाएगा, आगामी 2 अप्रैल से अमेरिका भी उस देश पर उतना ही टैरिफ लगाएगा".

पहली बार ट्रंप ने अमेरिका पर टैरिफ लगाने वाले देशों का नाम गिनाते हुए कहा, "यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत, मैक्सिको और कनाडा हम पर टैरिफ लगाते हैं. क्या आपने इनके बारे में सुना है? और अनगिनत अन्य देश हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलते हैं. यह बहुत गलत है". इतना ही नहीं, ट्रंप ने ये भी कहा कि हमारे दोस्त भी दुश्मनों जितने ही घातक हैं.

मतलब साफ है कि ट्रंप अप्रैल में कनाडा, मैक्सिको की तरह कई और देशों पर भी टैरिफ लगा सकते हैं. इन देशों की सूची में भारत, वियतनाम सहित कई यूरोपीय देशों के नाम हो सकते हैं. अब सवाल ये है कि क्या डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी से भारत को डरना चाहिए, और अगर 'हां' तो भारत को इससे सालाना कितना नुकसान हो सकता है?

ट्रंप भारत पर कब टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहे हैं और ये कितना हो सकता है?

इस बात की काफी संभावना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर 2 अप्रैल तक टैरिफ लगा सकते हैं. इसका संकेत उन्होंने खुद अपने बयान में दिया है. 13 फरवरी को ट्रंप ने एक नोटिफिकेशन जारी कर अमेरिकी वाणिज्य सचिव को निर्देश दिया कि वे पारस्परिक टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) की समीक्षा करें और इस वर्ष अप्रैल तक इसे लागू करने की तैयारी करें.

रेसिप्रोकल टैरिफ वे कर हैं जिन्हें अमेरिका वैश्विक व्यापारिक साझेदारों से आयातित वस्तुओं पर लगाने की योजना बना रहा है, जो विदेशी मुल्क द्वारा अमेरिकी वस्तुओं पर निर्धारित मौजूदा टैरिफ के बराबर होंगे. अगर इस हिसाब से देखें तो ट्रंप भारत पर कनाडा से भी ज्यादा टैरिफ लगा सकते हैं. हालांकि, नीति आयोग के उपाध्यक्ष रहे राजीव कुमार के मुताबिक अमेरिका भारतीय सामानों पर 9% से ज्यादा टैरिफ नहीं लगाएगा. इसकी वजह ये है कि भारत भी अभी अमेरिकी सामानों पर इतना ही टैक्स वसूलता है. लेकिन, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत अमेरिकी सामानों पर सालाना कुल टैक्स जितना वसूलता है, उसी हिसाब से अगर अमेरिका भारतीय सामानों पर टैक्स वसूलने लगा तो ये 25% से 29% तक हो सकता है. 

अब नीचे ग्राफिक्स में देखिए अमेरिका किन देशों पर कितना टैरिफ लगा सकता है. ये आंकड़ा इकोनॉमी पर रिसर्च करने वाली संस्था 'कैपिटल इकोनॉमी' के डेटा के आधार पर अनुमानित है.

अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर

ये पूरा विवाद टैरिफ को लेकर है, ऐसे में ये जानना जरूरी है कि दूसरे देशों से एक्सपोर्ट किए गए प्रोडक्ट्स पर लगाए जाने वाला टैक्स ही टैरिफ कहलाता है. इसे घटा-बढ़ाकर ही देश आपस में व्यापार को कंट्रोल करते हैं. 

मान लीजिए अमेरिका अपने देश में दूसरे देशों के प्रोडक्ट्स इम्पोर्ट पर टैरिफ लगाता है, तो इसका मकसद ये होता है कि बाहर से आए सामान के मुकाबले देश में बने सामान की कीमत कम रह सके. हालांकि, कोई देश काफी ज्यादा टैरिफ ना लगाए, इसके लिए सभी देश विश्व व्यापार संगठन के साथ बातचीत कर एक बाउंड रेट तय करते हैं.

भारत अमेरिकी सामानों पर अभी कितना टैरिफ लगाता है?

अमेरिका से आने वाले सामानों पर भारत करीब 9.5% टैरिफ लगाता है. हालांकि, 2000 में ये टैरिफ करीब 26% हुआ करता था. 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने के लिए अमेरिकी सामानों पर टैरिफ कम किए गए. परिणाम ये हुआ है कि अगर सर्विस सेक्टर को छोड़ दें तो भी वस्तुओं के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच ट्रेड सालाना 11 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है.

भारत और अमेरिका का ट्रेड

भारत अमेरिकी सामानों पर कितना टैक्स वसूलता है?

पिछले महीने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी दौरे पर गए थे. वहां पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात से ठीक पहले अमेरिका ने साफ किया कि वह दूसरे देशों के सामानों पर टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहा है. तब ट्रंप ने खुद कहा भी था, "भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक टैरिफ लगाता है. ऐसे में कोई देश किसी तरह की छूट की उम्मीद न करें." ऐसे में अब यह जानना जरूरी है कि आखिर अमेरिकी सामान पर भारत कितना टैक्स वसूलता है.

अमेरिका टैरिफ स्टोरी

अमेरिका अगर टैरिफ लगाता है तो इससे भारत को कितना नुकसान होगा?

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद जो ट्रेड वॉर शुरू हुआ है, उसका सबसे ज्यादा खामियाजा चीन, भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों को उठाना पड़ सकता है. हालांकि, इसका असर अमेरिका में भी देखने को मिलेगा जहां विदेशी सामान और भी महंगे हो सकते हैं.

अमेरिका के टैरिफ से भारत को कितना नुकसान पहुंचेगा, इसको लेकर दो तरह की राय हैं. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे भारत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स ये मानते हैं कि इससे भारतीय बाजार पर काफी बुरा असर पड़ सकता है.

अर्थशास्त्री स्वामीनाथन अय्यर ने एक इंटरव्यू में बताया, "अमेरिका अपने टैरिफ से भारत को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकता है, लेकिन ट्रंप के इस टैरिफ वॉर के कारण वैश्विक अस्थिरता पैदा होगी. इससे भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. बड़ी समस्या यह है कि अनिश्चितता के कारण दुनिया की GDP धीमी हो रही है. इससे भारत की GDP भी धीमी होगी."

इसके आगे उन्होंने कहा कि अमेरिका के रडार पर भारत सीधे नहीं है, बल्कि वह चीन, रूस, कनाडा और मैक्सिको जैसे देशों का मुकाबला कर रहा है. अगर आप महत्वपूर्ण अमेरिकी चीजों को देखें तो ऐसा नहीं लगता थोड़ा-बहुत टैरिफ लगाने से ट्रेड पर ज्यादा असर होगा.

वहीं, 'सिटी रिसर्च' के एक अनुमान के मुताबिक, अमेरिका के इस फैसले से भारत के वो बिजनेसमैन जो अपने सामानों को अमेरिका भेजते हैं, उनके लिए अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो सकती है. अमेरिकी टैरिफ से भारत को सालाना करीब 7 बिलियन डॉलर यानी 60 हजार करोड़ रुपए नुकसान हो सकता है. मेटल, केमिकल और ज्वैलरी सेक्टर में सबसे ज्यादा जोखिम नजर आ रहा है. इसके बाद फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल और फूड इंडस्ट्री पर भी ट्रंप के फैसले का असर पड़ सकता है.

इंडिया टुडे के सीनियर जर्नलिस्ट राज चेंगप्पा अपने एक आर्टिकल में भारतीय स्टेट बैंक की रिसर्च के हवाले से लिखते हैं कि अगर अमेरिका भारत पर सीधे 20 फीसद टैरिफ बढ़ाता है तो इससे GDP के 50 बीपीएस (आधार अंकों) का नुकसान होगा. यह करीब 19.4 अरब डॉलर यानी 1.68 लाख करोड़ रुपए होगा. इसमें गुड्स और सर्विस दोनों ही सेक्टर के ट्रेड शामिल हैं. यह अमेरिका के साथ भारत के सालाना कुल व्यापार का करीब 10 फीसद है.  

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