बलूचिस्तान का तेल या मुनीर को खुश करने की चाहत; US ने BLA को क्यों घोषित किया आतंकी संगठन?
पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के अमेरिका के दौरे के बीच ट्रंप सरकार ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी यानी BLA को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है

दुनिया का सबसे बड़ा ताकतवर देश इन दिनों पाकिस्तान पर मेहरबान है. पाकिस्तानी सेना के प्रमुख असीम मुनीर इस वक्त अमेरिका में हैं. अमेरिकी धरती से वे भारत और आधी दुनिया को परमाणु धमकी दे चुके हैं.
वहीं, दूसरी ओर अमेरिका पाकिस्तानी सेना प्रमुख को खुश करने की पूरी कोशिश कर रहा है. दो महीने में दूसरी बार मुनीर अमेरिका पहुंचे हैं. मुनीर की अमेरिका में मौजूदगी के वक्त ही ट्रंप सरकार ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) को आतंकी संगठन घोषित किया है.
ऐसे में सवाल उठता है कि बलूचिस्तान के तेल भंडार या मुनीर को खुश करने की चाहत, आखिर किन वजहों से पाकिस्तान के समर्थन में अमेरिका एक के बाद एक फैसला ले रहा है?
अमेरिकी सरकार ने BLA को आतंकी संगठन क्यों घोषित किया?
11 अगस्त की देर रात अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा, “BLA ने 2024 में कराची एयरपोर्ट के पास और ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स में आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी. मार्च 2025 में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक करने की भी जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 31 नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए थे, 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बनाया था.”
इन्हीं वजहों से अमेरिकी विदेश विभाग ने BLA को आतंकी संगठन घोषित करने का फैसला किया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, “यह कार्रवाई ट्रंप प्रशासन की आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता को दिखाती है. आतंकवादी संगठन घोषित करना, आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में अहम भूमिका निभाता है.”
BLA के अलावा अमेरिका ने इससे जुड़े मजीद ब्रिगेड को भी विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) घोषित किया है. BLA पिछले कुछ समय से लगातार पाकिस्तानी सेना पर हमला कर रही है.
क्या अमेरिका की नजर बलूचिस्तान के तेल भंडार पर है?
हां, ऐसा संभव है. लंबे समय से अलग-अलग एक्सपर्ट्स बलूचिस्तान को अमेरिका के लिए बेहद अहम बताते रहे हैं. दरअसल, 30 जुलाई 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तेल समझौता होने की घोषणा की थी. हालांकि, बलूचिस्तान के तेल भंडार पर अमेरिका की नजर काफी पहले से थी.
इसे इस बात से भी समझ सकते हैं कि अमेरिका के सामरिक और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केंद्र के प्रोफेसर डैनियल रुंडे ने 2024 के अपने एक लेख में बलूचिस्तान की खनिज संपदा, जिसमें सोना, तांबा और लिथियम का जिक्र किया था. उन्होंने दुनिया में खनिज की सप्लाई चेन में चीन का मुकाबला करने के लिए बलूचिस्तान को अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से बेहद खास बताया था. साथ ही उन्होंने इन संसाधनों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के खनन क्षेत्र में अमेरिकी निवेश की भी वकालत की थी.
सेवानिवृत्त पाकिस्तानी अधिकारी ब्रिगेडियर इमरान मलिक ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि बलूचिस्तान एक भू-राजनीतिक टकराव का केंद्र है, जहां अमेरिका और चीन के हित टकराते हैं. हालांकि, उन्होंने कुछ वक्त पहले BLA के हमलों को CPEC और चीन की बेल्ट एंड रोड पहल को बाधित करने के प्रयासों से जोड़कर बताया था. साथ ही सुझाव दिया था कि बाहरी ताकतें (अमेरिका और भारत) चीन का मुकाबला करने के लिए ऐसे समूहों का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन कर सकती हैं.
अब स्थिति बदली है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख लगातार अमेरिकी दौरा कर रहे हैं. अमेरिका अपने हित में बलूचिस्तान को लेकर पाकिस्तान सरकार से समझौता कर रहा है. ऐसे में कोई दो राय नहीं कि अमेरिका की नजर बलूचिस्तान पर है.
क्या बलूचिस्तान के तेल भंडार के कारण अमेरिका ने BLA को आतंकी संगठन घोषित किया?
ऐसा लगता है कि अमेरिका अब बलूचिस्तान पर अपना नियंत्रण चाहता है. वह नहीं चाहता कि बलूच आर्मी उसके लोगों या वहां अमेरिका की कंपनियों पर हमला करे. 30 जुलाई को पाकिस्तान और अमेरिका सरकार के बीच समझौते की खबर सामने आते ही BLA नेता मीर यार बलूच चेतावनी दी थी कि क्षेत्र के संसाधनों में अमेरिकी दखल से हिंसा बढ़ सकती है. वहीं, BLA प्रवक्ता जियंद बलूच ने अमेरिका के इस फैसले को "अनुचित" बताया. साथ ही उन्होंने BLA की लड़ाई की तुलना अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम से की. जियंद ने तर्क दिया कि BLA बलूच लोगों की संप्रभुता की रक्षा करता है और करता रहेगा.
बलूच लेखक नबील अरमान चेतावनी देते हैं कि बलूचिस्तान के संसाधनों में अमेरिकी निवेश, पिछली चीनी परियोजनाओं की तरह बलूच समूहों के घातक प्रतिरोध का सामना करेगा, जब तक कि स्थानीय सहमति नहीं मिल जाती है. संभव है कि इन धमकियों के कारण ही अमेरिका ने BLA को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया.
क्या अमेरिका ने पाकिस्तान सरकार और मुनीर को खुश करने के लिए BLA पर बैन लगाया?
BLA पर बैन लगाने से अमेरिका और पाकिस्तान दोनों की मुराद पूरी होगी. BLA लंबे समय से पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है. पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान के कई इलाकों में BLA के सामने घुटने टेकने को मजबूर हुई है. पाकिस्तानी आर्मी के कई जवान BLA के खिलाफ लड़ाई में मारे गए.
BLA ने दावा किया कि अगस्त 2024 में उसके 20 घंटे के ऑपरेशन "हेरॉफ" में 130 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. इस ऑपरेशन में BLA की मजीद ब्रिगेड ने बेला क्षेत्र में एक सैन्य शिविर पर कब्जा किया और फतह स्क्वाड ने कई राजमार्गों पर नाकाबंदी की. इसी तरह 2025 में कलात, क्वेटा, नुस्की में हमला कर BLA ने कई पाकिस्तानी सेना के जवानों को मार गिराए हैं.
BLA ने दावा किया है कि 2024 में 302 हमलों में उसने 580+ लोगों (सैनिकों सहित) को मार गिराए. इसके अलावा इस साल के शुरुआती 6 महीने में 650 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को मारने का दावा BLA ने किया है.
ऐसे में पाकिस्तान इस फैसले से तो खुश है ही, लेकिन अमेरिका को भी इस फैसले से फायदा है. अब अमेरिका किसी विद्रोही संगठन से डरे बिना बलूचिस्तान में निवेश कर सकेगा.
क्या अमेरिका किसी देश के विद्रोही संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर सकता है?
हां, एक विद्रोही संगठन को आतंकी संगठन घोषित किया जा सकता है. अगर वह अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय कानूनों के तहत आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है. यह निर्णय आमतौर पर संगठन की गतिविधियों, जैसे हिंसक हमले, नागरिकों को निशाना बनाना, या बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाना, के आधार पर लिया जाता है.
अमेरिका के आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम (INA) की धारा 219 और कार्यकारी आदेश 13224 में इसका जिक्र है. इसी नियम के तहत अमेरिका ने BLA को 2019 में विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी (SDGT) और अगस्त 2025 में विदेशी आतंकी संगठन (FTO) घोषित किया. यह फैसला BLA की गतिविधियों, जैसे कराची हवाई अड्डे (2024), ग्वादर पोर्ट (2024), और जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक (मार्च 2025, जिसमें 31 लोग मारे गए) जैसे हमलों के आधार पर लिया है.