अमेरिका के विदेश मंत्री रुबियो से एस. जयशंकर की क्या बात हुई?
विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं. यहां उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की.

22 सितंबर को न्यूयॉर्क में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की.
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए H-1B वीजा आवेदनों पर 100,000 अमेरिकी डॉलर का शुल्क लगा दिया है. उनके इस फैसले से भारत के लाखों आईटी प्रोफेशनल पर बुरा असर पड़ा है.
भारतीय सामानों पर 50 फीसद अमेरिकी टैरिफ लगाए जाने के बाद दोनों देशों में जारी व्यापार तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर से अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की पहली और महत्वपूर्ण मुलाकात हुई है.
दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया. इस मुलाकात के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सुबह न्यूयॉर्क में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात हुई. दोनों नेताओं के बीच कई अहम द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई.
बातचीत के दौरान यह सहमति बनी कि दोनों देशों के बीच लगातार संवाद और संपर्क बनाए रखना जरूरी है. विदेश विभाग के एक बयान के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने कहा, "भारत, अमेरिका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है." उन्होंने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों की तारीफ की. इतना ही नहीं उन्होंने क्वाड के जरिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने का वादा किया.
दोनों देशों के विदेश मंत्री के बीच बैठक का मकसद भारत-अमेरिका के बीच संबंधों को बेहतर करना रहा.टैरिफ की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई है और अब एच1बी वीजा पर लगाए गए नए शुल्क लगाना भारत के लिए बड़ा झटका है. ऐसा इसलिए क्योंकि बड़ी संख्या में भारत के प्रोफेशनल्स इस वीजा के तहत अमेरिका में काम करते हैं.
एस. जयशंकर के अलावा वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल वॉशिंगटन में बातचीत कर रहा है. इससे पहले अमेरिका का भी प्रतिनिधिमंडल दिल्ली आया था. वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक़, ये बैठक सकारात्मक रही थी और दोनों पक्षों ने व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने पर सहमति जताई थी.