क्या रिलायंस ने रूस से तेल खरीदना पूरी तरह से किया बंद?

रिलायंस भारत में रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार है. ऐसे में रिलायंस कंपनी का रूसी तेल खरीदने से इनकार करना रूस के लिए बड़ा झटका हो सकता है

तेल रिफाइनरी की तस्वीर (फाइल फोटो)
तेल रिफाइनरी की तस्वीर (फाइल फोटो)

20 नवंबर से भारत की सबसे बड़ी रिफाइनिंग कंपनी रिलायंस ने रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदने का फैसला लिया है. रिलायंस ने यूरोपीय यूनियन के पाबंदियों के चलते यह फैसला लिया.

कंपनी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, "गुजरात के जामनगर स्थित रिफाइनरी की स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ ) यूनिट में रूसी कच्चे तेल का इस्तेमाल नहीं होगा." दरअसल, रिलायंस इसी यूनिट से दूसरे देशों को तेल बेचता है.

गुजरात के जामनगर में कंपनी का बडा रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स है, जिसमें दो यूनिट हैं. एक खास आर्थिक क्षेत्र वाली (SEZ) यूनिट जो यूरोपीय संघ, अमेरिका और दूसरे बाजारों में में फ्यूल सप्लाई करती है. दूसरी पुरानी यूनिट है, जो भारत के अंदर घरेलू बाजार की जरूरतें पूरी करती है.

फिलहाल जामनगर के इस SEZ रिफाइनरी यूनिट में कच्चे तेल को साफ करके पेट्रोल, डीजल जैसा ईंधन बनाया जाता है और फिर इसे यूरोप, अमेरिका और दूसरे देशों को भेजा जाता है. रिलायंस ने यह फैसला ऐसे वक्त पर लिया है, जब अमेरिका और यूरोप मिलकर रूस पर कड़ी पाबंदिया लगाने की कोशिश कर रहा है, जिनका मकसद रूस की तेल से होने वाली कमाई को कम करना है.

रिलायंस कंपनी ने अब उस निर्यात वाली यूनिट के लिए रूस का तेल लेना बंद कर दिया है, ताकि बाहर के देशों की नई पाबंदियो का पालन किया जा सके. हालांकि, संभव है कि रिलायंस देश में तेल सप्लाई करने वाली अपनी यूनिट के लिए रूस से तेल खरीदता रहेगा. 

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी बड़े कारखाने की तरह ही रिफाइनरी के SEZ यूनिट के पास भी पहले से मौजूद कच्चे माल (कच्चे तेल) का भंडार होता है, जिसे कंपनी अभी रिफाइन करके पेट्रोल व डीजल में बदल रही है. कंपनी ने कहा, " पुराना तेल भंडार खत्म होने के बाद 1 दिसंबर से SEZ रिफाइनरी से निर्यात किए जाने वाले सभी प्रोडक्ट गैर-रूसी कच्चे तेल से बनाए जाएंगे."

पिछले महीने जब अमेरिका ने रूस के सबसे बड़े तेल निर्यातकों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगाए थे, तब रिलायंस कंपनी ने कहा था कि वह सभी लागू प्रतिबंधों का पालन करेगी. वहीं, दूसरी ओर यूरोपीय संघ ने भी जनवरी 2026 से रूसी कच्चे तेल से बने ईंधन के आयात पर रोक लगा दी है.

कुछ रिपोर्ट का मानना है कि रिलायंस कंपनी के अमेरिका में बड़े व्यापारिक हित हैं. ऐसे में वह जांच का जोखिम नहीं उठा सकती है. यही वजह है कि कंपनी ने विदेश में बेचने के लिए रूसी तेल खरीदने से इनकार किया है. रिलायंस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से  अब तककरीब 35 अरब अमेरिकी डॉलर का रूसी तेल खरीदा है. इससे कंपनी को भारी मुनाफा भी हुआ है. 

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