राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर ताजा आरोप, ECI ने जवाब में क्या कहा?
राहुल गांधी आलंद निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के नाम हटाए जाने से संबंधित सबूत लेकर आए. उनके साथ कई ऐसे लोग भी थे, जिनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया गया था.

18 सितंबर को राजधानी दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' के मुद्दे पर दूसरी बार प्रेस कांफ्रेंस की. करीब आधे घंटे के प्रजेंटेशन में राहुल गांधी ने एक बार फिर सबूतों के साथ वोट चोरी के आरोप लगाए.
राहुल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग कांग्रेस के वोटों को चुन-चुनकर हटा रहा है. उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक के आलंद में 6 हजार से ज्यादा मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कोशिश हुई.
राहुल गांधी आलंद निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं के नाम हटाए जाने से संबंधित सबूत लेकर आए थे. उनके साथ कई ऐसे लोग भी थे, जिनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया गया था. हालांकि, चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को गलत और निराधार बताया है.
इसके जवाब में आयोग ने कहा, "कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन किसी का भी वोट डिलीट नहीं कर सकता. किसी का वोट डिलीट करने से पहले संबंधित व्यक्ति को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है."
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि सॉफ्टवेयर में हेराफेरी और फर्जी एप्लीकेशन के जरिए मतदाता सूची से नाम काटे जा रहे हैं. अल्पसंख्यकों को खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है.
राहुल ने कहा कि 2023 के चुनाव में किसी ने 6,018 वोट डिलीट करने की कोशिश की, जिसकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है. हमें इस बात की पक्की जानकारी नहीं है कि इनमें से कितने वोट हटाए गए, लेकिन इतना पक्का पता है कि वोटों को डिलीट करते समय मामला हमारी पकड़ में आ गया.
इस बारे में जानकारी देते हुए राहुल ने कहा कि आलंद में एक बूथ-लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट डिलीट हो गया है. उसने जांच की तो पाया पड़ोसी ने वोट डिलीट किया था.
जब बीएलओ ने अपने पड़ोसी से पूछा तो उसने कहा कि मैंने कोई वोट डिलीट नहीं किया है. इस तरह साफ हो गया कि कोई तीसरा आदमी वोट डिलीट कर रहा है, जिसके बारे में किसी को भी कुछ पता नहीं है.
राहुल का कहना है कि कोई तो है, जो सिस्टम को हाईजैक करके वोट डिलीट कर रहा है. राहुल ने दावा किया कि कथित तौर पर इस अभियान में ख़ास तौर पर कांग्रेस के गढ़ों को निशाना बनाया जा रहा है.
गांधी ने आरोप लगाया, सबसे ज़्यादा नाम हटाने वाले शीर्ष 10 बूथ कांग्रेस के गढ़ थे. 2018 में कांग्रेस ने इन 10 में से 8 बूथ जीते थे. यह कोई संयोग नहीं था, बल्कि सोचा-समझा काम था.
कांग्रेस नेता ने कहा, "कर्नाटक में इस मामले की जांच चल रही है. कर्नाटक सीआईडी ने 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजे हैं. उन्होंने चुनाव आयोग से कुछ बेहद साधारण तथ्य मांगे हैं. वे ये क्यों नहीं दे रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि इससे हमें पता चल जाएगा कि वोट चोरी का ऑपरेशन कहां से चलाया जा रहा है. हमें पूरा यकीन है कि यह मामला कहां तक जाएगा."