इंडियन नेवी के बेड़े में शामिल हुए उदयगिरि-हिमगिरी युद्धपोतों की क्या है खासियत?

INS उदयगिरि और INS हिमगिरि युद्धपोत भारत की पूर्वी समुद्री सीमा की सुरक्षा के लिए बेहद अहम साबित होंगे

नौसेना के बेड़े में शामिल हुआ उदयगिरि और हिमगिरी (फाइल फोटो)
ये युद्धपोत विश्वस्तरीय आधुनिक तकनीक से बनाए गए हैं (फाइल फोटो)

26 अगस्त को विशाखापत्तनम स्थित नौसेना अड्डे पर दो नए युद्धपोत INS उदयगिरि और INS हिमगिरि नौसेना के बेड़े में शामिल हुए. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी वहां मौजूद रहे.

यह पहला मौका है, जब दो अलग-अलग शिपयार्डों में बनकर तैयार हुए युद्धपोतों को एक साथ नौसेना के बेड़े में शामिल किया जा रहा है. यह भारत के पूर्वी तट के बढ़ते समुद्री महत्व को दिखाता है.

भारत के पूर्वी तट पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पांडिचेरी तक फैला हुआ है. इन समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैनात किए जा रहे उदयगिरि और हिमगिरि को बनाने में विश्वस्तरीय अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.

ये दोनों जहाज प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक) कैटेगरी के युद्धपोत का हिस्सा हैं. इन्हें इस तरह डिजाइन किया जाता है कि वे दुश्मन के रडार, इंफ्रारेड और ध्वनि सेंसर से बच सकें. इन दोनों जहाजों में डिजाइन, स्टेल्थ, हथियार और सेंसर सिस्टम में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं.

INS हिमगिरि को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स कंपनी ने बनाया है. वहीं. INS उदयगिरि को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है. इन दोनों नए युद्धपोत का नाम नौसेना के बेड़े में 30 साल तक सेवा देकर रिटायर होने वाले दो युद्धपोत आईएनएस उदयगिरि (एफ35) और आईएनएस हिमगिरि (एफ34) के नाम पर ही रखने का फैसला किया गया.

उदयगिरि लॉन्च के बाद अपनी श्रेणी का सबसे तेज चलने वाला युद्धपोत होगा. इन दोनों युद्धपोत को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो (WDB) ने डिजाइन किया है. उदयगिरि, WDB के जरिए डिजाइन किया गया 100वां जहाज है, जो स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन के बीते पांच दशकों में एक मील का पत्थर है.

INS उदयगिरि का वजन 6700 टन है और यह डीजल और गैस टर्बाइन से चलने में सक्षम है. इसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, बराक 8 एयर डिफेंस सिस्टम और 76 मिमी गन लगी है. यह एंटी सबमरीन हथियार से लैस एक ऐसा युद्धपोत है, जिसको बनाने में 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री इस्तेमाल किया गया है.

इसी तरह INS हिमगिरी का वजन 6670 टन है और यह रडार और इंफ्रारेड की पकड़ से खुद को बचाने में सक्षम है. इसमें भी ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, बराक 8 एयर डिफेंस सिस्टम लगा हुआ है. यह एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस युद्धपोत है. उदयगिरी युद्धपोत पर MR-SAM लॉन्चर्स लगाए गए हैं जो इसकी सुरक्षा को बढ़ाने में बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैं. उदयगिरी में लगे ये लॉन्चर्स 70 किलोमीटर दूर से ही किसी भी हवाई हमले को नाकाम करने में सक्षम है.

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