क्या अमेरिकी टैरिफ के बाद PM मोदी ने पुतिन से यूक्रेन पर प्लान पूछा था?

NATO महासचिव मार्क रूट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर लगाए गए टैरिफ का अप्रत्यक्ष असर रूस पर पड़ रहा है

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ पीएम मोदी  (Photo: PTI)
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ पीएम मोदी (Photo: PTI)

25 सितंबर को पश्चिमी देशों के सैन्य गठबंधन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के महासचिव मार्क रूट ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी टैरिफ लगाए जाने के बाद भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से यूक्रेन जंग की रणनीति के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था.

रूट ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच इस मुद्दे पर फोन पर बातचीत हुई थी. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान CNN से बात करते हुए रूट ने कहा, "भारत पर टैरिफ लगाए जाने का बड़ा असर रूस पर हो रहा है. भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी फोन करके पुतिन से यूक्रेन जंग पर अपनी रणनीति समझाने के लिए कह रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत पर भी टैरिफ का बुरा असर पड़ रहा है."

ट्रंप ने पिछले महीने भारत पर 25 फीसद पारस्परिक टैरिफ और साथ ही रूसी तेल खरीदने के कारण 25 फीसद अतिरिक्त टैरिफ लगाया था. अमेरिकी सरकार ने कहा कि टैरिफ का उद्देश्य भारत को रूसी तेल खरीदने से रोकना है. अमेरिका का कहना है कि भारत रूसी तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन जंग में रूस के सैन्य अभियानों का समर्थन कर रहा है. ट्रंप ने NATO देशों से चीन पर टैरिफ लगाने और रूसी तेल की खरीद कम करने का भी आह्वान किया है.

भारत सरकार ने अमेरिकी टैरिफ को अनुचित बताते हुए इसकी आलोचना की है. साथ ही भारत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि ग्लोबल सप्लाई चेन में हो रही समस्याओं के बीच अपने 1.4 अरब लोगों के लिए किफायती ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए रूसी तेल खरीदना जरूरी है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत मजबूरी में रूसी तेल खरीद रहा है, लेकिन इसके विपरीत अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस के साथ बिना किसी रणनीतिक आवश्यकता के पर्याप्त व्यापार जारी रखा है.

ट्रंप ने यह भी संकेत दिया है कि अगर सभी NATO देश रूसी तेल खरीदना बंद करने के लिए सहमत हो जाते हैं, तो वे रूस पर "बड़े प्रतिबंध" लगाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि कुछ देशों के जरिए रूसी तेल की निरंतर खरीद से रूस बातचीत के टेबल पर सहमत होने के लिए तैयार नहीं हो रहा है.

भारत और अमेरिका ने हाल ही में न्यूयॉर्क में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में व्यापार वार्ता की, जिसमें टैरिफ संबंधी चिंताओं और ट्रेड एग्रीमेंट पर चर्चा हुई. ट्रंप ने पिछले हफ्ते ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में मोदी से बातचीत का जिक्र करते हुए उन्हें अपना "बहुत अच्छा दोस्त" बताया था. प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब में कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के बीच चल रही बातचीत भारत-अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाओं को उजागर करेगी.

इन सबके बीच 25 सितंबर को अमेरिका ने दूसरे देशों से आने वाले दवाइयों पर भी 100 फीसद टैरिफ लगाने की घोषणा की है. ट्रंप के नए टैरिफ का सबसे ज्यादा असर भारतीय उत्पादों पर पड़ेगा. ऐसा इसलिए भी क्योंकि भारत अमेरिका को दवाओं के सबसे बड़े सप्लायर्स में से एक है. 2024 में भारत के कुल फार्मास्युटिकल निर्यात का मूल्य 12.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. NATO चीफ का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और सेनाध्यक्ष असीम मुनीर ने ट्रंप से मुलाकात की है. हालांकि, NATO चीफ के इस बयान पर अमेरिका की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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