पीएम मोदी के आदमपुर जाने का मकसद सिर्फ पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा ध्वस्त करना नहीं था!

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी ने 12 मई को देश को संबोधित किया था और अगले ही दिन वे आदमपुर एयरबेस पर गए

आदमपुर एयरबेस पर पीएम नरेंद्र मोदी  (फाइल फोटो)
आदमपुर एयरबेस पर पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

पाकिस्तान के साथ 100 घंटे तक चली मिसाइल-ड्रोन मुठभेड़ के बाद 10 मई की शाम दोनों देशों ने सीजफायर की घोषणा की. इसके दो दिन बाद 12 मई को राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए देश के सशस्त्र बलों के साहस की सराहना की.

वहीं अगले ही दिन 13 मई की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर उतरे, जिससे यह साफ हो गया कि पाकिस्तानी सेना ने आदमपुर एयरबेस को तबाह करने को लेकर जो दावा किया है, वह गलत है. इतना ही नहीं पंजाब से सटे पाकिस्तानी सीमा पर भारत का सैन्य बुनियादी ढांचा बरकरार है.

आदमपुर एयरबेस मिग-29 लड़ाकू विमानों का मुख्य बेस है. 9 और 10 मई को पाकिस्तान ने भारत के कई एयरबेस पर हमला किया, जिनमें से एक यह एयरबेस भी था. हालांकि, भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की ओर से होने वाले मिसाइल ओर हवाई हमलों को आसमान में ही ध्वस्त कर दिया. पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसके हवाई हमले में आदमपुर एयरबेस पूरी तरह से तबाह हो गया है. यही वजह है कि सीमावर्ती एयरबेस पर पीएम मोदी के इस दौरे को प्रतीकात्मक और पाकिस्तान के प्रोपगेंडा का जवाब माना जा रहा है.

आदमपुर वायुसेना अड्डे पर 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए मोदी ने कहा, "आतंकवादियों ने हमें चुनौती दी... लेकिन आपने उन्हें सीधे तौर उनके घर में घुसकर मारा. आपने उनके आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया और 100 आतंकवादियों को मार गिराया. अब उन्हें एहसास हो गया है कि अगर वे हम पर हमला करने की कोशिश करेंगे, तो इसका नतीजा उनका विनाश होगा... भारी विनाश."

पीएम मोदी आदमपुर एयरबेस में जब पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा को खारिज कर रहे थे, तब उनके पृष्ठभूमि में एयर डिफेंस सिस्टम S-400 दिख रहा था. यह पाकिस्तान के उस दावे का जवाब था, जिसमें उसने हवाई हमले में S-400 प्रणाली को नष्ट करने का दावा किया था.

22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से लगातार तीन दिन तक हमला किया था. यह हमला आदमपुर, उधमपुर और राजस्थान, गुजरात और पंजाब के फिरोजपुर जिले में स्थित प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किया गया था.

इतना ही नहीं पाकिस्तान ने नागरिक इलाकों को भी निशाना बनाया था. भारतीय सेना ने लगातार तीन दिन तक हुए इस हमले में बहुत कम नुकसान की सूचना दी और आने वाले खतरे को बेअसर करने के लिए अपनी इंडीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम को श्रेय दिया. भारत ने पाकिस्तान पर स्कूलों और अस्पतालों को भी निशाना बनाकर हमला करने का आरोप लगाया है. हालांकि, इस्लामाबाद ने इन आरोपों से इनकार किया है.  

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब दोनों तरफ से गोले दागे जा रहे थे और भारतीय सेना सीमा पार आतंकवादी ढांचे पर हमला कर रही थी, तब असली चमत्कार भारतीय एयरडिफेंस सिस्टम दिखा रही थी. भारत के वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी हवाई हमले को पूरी तरह से नाकाम कर दिया. 

यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी 12 मई की शाम को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में भारत की वायु रक्षा प्रणाली की प्रशंसा की थी. वहीं इसके बाद आदमपुर एयरबेस पर जाकर मोदी ने एक तरह से दुश्मन के हमलों से बचाव में भारत की बड़ी भारती बढ़त को भी दुनिया के सामने रखा. विशेषज्ञ भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की तुलना इजरायल के आयरन डोम से करते हैं, जिसे वायु रक्षा के मामले में दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.

इजराइल का आयरन डोम एक विशेष वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे कम दूरी के रॉकेट और तोपखाने के गोले (4-70 किमी) को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है. इसकी सफलता दर 90 फीसद से भी ज्यादा है.  

इजराइली डोम सिस्टम में आधुनिक रडार लगा होता है, जो किसी भी हवाई हमले को नाकाम करने में सक्षम है. इजराइल के इस एयर डिफेंस सिस्टम में महंगी तामिर मिसाइलों का इस्तेमाल होता है. एक तामिर मिसाइल की कीमत करीब 40 हजार डॉलर से 50 हजार डॉलर है. यह एयर डिफेंस सिस्टम गाजा से रॉकेट हमलों के खिलाफ प्रभावी साबित हुई है. कम दूरी पर दुश्मन के मिसाइल को मार गिराने में यह सक्षम है.

अब इजराइल ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को और ज्यादा मजबूत करने के लिए अपने वायु सेना को डेविड स्लिंग मिसाइल (70-300 किमी) और एरो सिस्टम मिसाइल (2,400 किमी तक) भी सौंपी है. इस लॉन्ग रेंज मिसाइल के बेड़े में शामिल होने के बाद इजराइल का एयर डिफेंस सिस्टम और ज्यादा मजबूत हो गया है.

इसके विपरीत, भारत की वायु रक्षा प्रणाली यानी एयर डिफेंस सिस्टम मल्टी लेयर संरचना है. भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल, स्टील्थ विमान और ड्रोन के हमले को एक साथ रोकने में सक्षम है.

भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम के बेड़े में मुख्य तौर पर रूसी S-400 (400 किमी रेंज), स्वदेशी आकाश एसएएम (25-30 किमी, एक साथ चार लक्ष्यों को भेदने वाला) और बराक-8 (70-150 किमी) जैसे आधुनिक मिसाइल सिस्टम और हथियार शामिल हैं. इसके अलावा जेट के जरिए भी मिसाइल को आसमान में ही ध्वस्त करने की कोशिश होती है.

आगामी प्रोजेक्ट कुशा के तहत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (LR-SAM) को विकसित किया जा रहा है. यह 350 किमी की दूरी पर अपने लक्ष्य को ध्वस्त कर सकेगा. इसकी सफलता दर 80-90 फीसद तक होने की संभावना है.

इसके अलावा देश में बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम (BMDS) को बैलिस्टिक मिसाइलों से बचाव के लिए तैयार किया गया है. इसके दूसरे चरण में 5000 किलोमीटर या उससे ज्यादा दूरी से आने वाली मिसाइलों को हवा में ही मार गिराने के लिए तैयार किया जा रहा है.

भारत कम लागत में तेजी से स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने पर काम कर रहा है. हाल के दिनों में पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों का मुकाबला करके भारत ने अपनी क्षमता दिखाई है. आयरन डोम की तुलना में भारतीय एयर डिफेंस ने बेहतर प्रदर्शन किया है.  

एयर मार्शल ए.के. भारती ने प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट करते हुए कहा, “पाकिस्तान के खिलाफ उनका अभियान केवल आतंकवादी और उनके सहायक ढांचे के खिलाफ था. फिर भी, पाकिस्तानी सेना ने इस मामले में दखल देकर आतंकवादी समूहों के लिए ढाल के रूप में कार्य करना चुना. पाकिस्तान के इस कदम ने भारत को जमीन और हवा दोनों में एक साथ जवाब देने के लिए मजबूर किया.”

एयर मार्शल भारती ने आगे ये भी कहा कि जब युद्ध का मैदान सक्रिय था, तब भारत का आसमान उल्लेखनीय रूप से सुरक्षित रहा, जो वायु रक्षा क्षमता यानी एयर डिफेंस सिस्टम में सालों के निवेश का प्रमाण है.

दरअसल, भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम नेटवर्क में तीनों सेनाओं- थल सेना, नौसेना और सबसे प्रमुख रूप से भारतीय वायु सेना (IAF) शामिल हैं. इन तीनों ही सेना के पास ऐसे मिसाइल और हथियार हैं, जो मिसाइल या ड्रोन हमले को असफल करने में सक्षम हैं.

इनमें से कई सेंसर और रडार बेस्ड हथियार और मिसाइल सिस्टम स्वदेशी तकनीक से बनाए गए हैं. AI बेस्ड ‘लो-लेवल एयर डिफेंस’ (LLAD) गन, MANPADS और शॉर्ट-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइलों (SAM) इसके उदाहरण हैं. इसके अलावा एयर डिफेंस फाइटर एयरक्राफ्ट और लॉन्ग-रेंज SAM सिस्टम भी भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम का हिस्सा है.

इन सभी सिस्टम को किसी विशेष परिस्थिति में इस्तेमाल करने के लिए एक एकीकृत वायु कमान एवं नियंत्रण प्रणाली (IACCS) बनाया गया है, जो भारतीय वायुसेना की रीढ़ मानी जाती है. IACCS रियल टाइम खतरों को भांपकर एयर डिफेंस सिस्टम से जुड़े अलग-अलग टीम के बीच समन्वय स्थापित करके खतरे को बेअसर करने का काम करती है.

महत्वपूर्ण बात यह है कि ड्रोन और UAV तरंगों का इस्तेमाल करके भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करने के पाकिस्तान के प्रयासों को प्रभावी ढंग से निष्प्रभावी कर दिया गया. पिचोरा, OSA-AK मिसाइल और एलएलएडी गन को भी भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम का अभिन्न अंग माना जा रहा है. पाकिस्तान के हमले को नाकाम करने में आकाश मिसाइल ने भी अहम भूमिका निभाई है. सतह से हवा में मार करने वाली यह मिसाइल प्रणाली स्वदेशी तकनीक से निर्मित है.

इस तरह भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने यह साबित किया है कि भविष्य में भी इस तरह के किसी भी हवाई हमले का सामना करने के लिए वह सक्षम है.

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