अमेरिका में पकड़े गए 96,917 अवैध भारतीय प्रवासी! बाकी देशों में क्या है आंकड़ा?

संसद के ताजा सत्र में 15 दिसंबर को सरकार से अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर कुछ सवाल पूछे गए थे

प्रतीकात्मक तस्वीर

शाहरुख खान की फिल्म 'डंकी' रिलीज हो गई है. यह इस साल शाहरुख की तीसरी फिल्म है. अनाउंसमेंट के बाद से ही यह अपने अनोखे नाम और सब्जेक्ट को लेकर चर्चा में बनी हुई है. गैरकानूनी तरीके यानी बिना वीजा या पासपोर्ट के विदेश जाने के तरीके को 'डंकी ट्रैवल' कहा जाता है. ऐसे लोगों को अवैध प्रवासी भी कहते हैं.

पिछले कुछ सालों के दौरान भारत सहित दुनिया भर के तमाम देशों से यूरोप और अमेरिका जाने वाले अवैध प्रवासियों के मुद्दे ने तूल पकड़ा है. ऐसे में अब यह सवाल भी उठता है कि भारत से विदेश जाने वाले अवैध प्रवासियों की संख्या कितनी है. दरअसल भारत से हर साल काम की तलाश में लोग विदेश जाते हैं या फिर जाना चाहते हैं.

खाड़ी देशों सहित यूरोप और अमेरिका जाने वाले भारतीयों की एक अच्छी खासी तादाद है. 15 दिसंबर को लोकसभा में सरकार से अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर कुछ सवाल भी पूछे गए थे. इन सवालों में सरकार के सामने धोखा देकर विदेश भेजे जाने, अवैध भारतीय प्रवासियों के डेटा, निर्वासन, उनकी सहायता और इस बारे में बनी पॉलिसी का मु्द्दा उठाया गया था. इन सवालों का जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन ने बताया कि कई बेईमान एजेंट या ट्रैवल एजेंसियां विदेशी रोजगार के लिए गैरकानूनी तरीके से लोगों को फंसा रही हैं. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक  ई-माइग्रेट पोर्टल पर अवैध एजेंटों के बारे में जानकारी अपलोड और अपडेट की जाती है. हर राज्य के हिसाब से ऐसे एजेंटों की संख्या का भी पता लगाया गया है जो कि कुल 2925 है. 

आगे उन्होंने कहा कि कई देश अवैध प्रवासियों के बारे में जानकारी साझा नहीं करते हैं. हमारे दूतावास के पास भी विदेशों में अवैध रूप से रहने या काम करने वाले भारतीयों की संख्या पर कोई विश्वसनीय डेटा नहीं है. विदेशी नागरिकों के देश वापसी की प्रक्रिया भी अलग-अलग देशों में अलग-अलग होती है. कुछ देश उनको जेल भेजने के बजाय हिरासत में लेते हैं. कभी कभी यह जानकारी भी भारतीय दूतावास के साथ साझा नहीं की जाती. सभी देश बाहर निकाले गए या फिर वापस भेजे गए भारतीयों की संख्या साझा नहीं करते हैं. जिस वजह से विदेश मंत्रालय के पास ऐसे लोगों का कोई भी सही आंकड़ा नहीं है. 

मुरलीधरन के मुताबिक भारतीय दूतावास विदशों में भारतीय श्रमिकों के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं. उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए काउंसलिंग समेत कई व्यवस्थाएं की जाती हैं. अगर दूतावास को किसी भारतीय के गिरफ्तार होने होने की सूचना मिलती है तो वे तुरंत ही उस देश के संबंधित अधिकारियों से संपर्क करते हैं. उन तक कानूनी सहायता भी पहुंचाई जाती है. इसके लिए स्थानीय वकीलों का एक पैनल भी बनाया जाता है. विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की रिहाई और स्वदेश वापसी का मुद्दा नियमित रूप से भारतीय दूतावासों की तरफ से उस देश की सरकार के सामने उठाया जाता है. भारत सरकार उनकी सजा को कम करने या फिर माफ करने का मुद्दा भी लगातार उठाती रहती है. सरकार ने कई देशों के साथ कैदियों को भारत वापस लाने के लिए समझौते भी किए हैं. 

अलग अलग देशों में भारतीय अवैध प्रवासियों की संख्या 

पिछले कुछ दिनों में अमेरिका में अवैध भारतीय प्रवासियों को पकड़े जाने का मुद्दा गर्म रहा था. इस पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश राज्यमंत्री मुरलीधरन ने बताया था कि अमेरिका में भारतीय नागरिकों के अवैध प्रवेश का प्रयास करने संबंधी रिपोर्टें सामने आई हैं. हालांकि बताई गई संख्या को अमेरिकी अधिकारियों ने प्रमाणित नहीं किया है. अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक साल 2023 में अमेरिका में पकड़े गए अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या 96,917 है. वहीं खाड़ी देशों में अवैध भारतीय प्रवासियों के मुद्दे पर भी सरकार का जवाब सामने आ चुका है, हालांकि यह जवाब चार साल पुराना यानी 2019 का है. सरकार ने अपने जवाब में बताया था कि अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर खाड़ी देश कोई भी जानकारी साझा नहीं करते हैं. पिछले साल यानी 2022 में यूरोपीय संघ ने सर्बिया पर अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ाने का आरोप लगाया था. संघ का कहना था कि भारत, तुर्की, ट्यूनीशिया, क्यूबा और बुरुंडी के बड़ी संख्या में अप्रवासी अवैध तरीके से सर्बिया के रास्ते यूरोप में घुस रहे हैं. 

Read more!