BJP में 75 साल पर रिटायरमेंट का नियम टूटने का फायदा किन केंद्रीय मंत्रियों को मिलेगा?
नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद BJP और सरकार में 75 वर्ष की आयु में रिटायरमेंट का बना नियम पीएम का 75वां जन्मदिन बीतने के बाद टूटता दिख रहा है और अब कई केंद्रीय मंत्रियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा

प्रधानमंत्री पद के लिए अगले कई चुनावों तक कोई वैकेंसी नहीं है. यह बात केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75 वर्ष पूरे होने के बाद कही. इंडिया टुडे टीवी के साथ इंटरव्यू में उनसे यह सवाल पूछा गया था कि क्या 2029 के लोकसभा चुनाव में भी केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ही होंगे?
राजनाथ सिंह ने इसके जवाब में जो बात कही उससे साफ हो गया कि मोदी न सिर्फ 75 वर्ष पूरा करने के बाद अपने पद पर बरकरार रहेंगे बल्कि बतौर प्रधानमंत्री एक और कार्यकाल के लिए भी मैदान में उतर सकते हैं.
बीते महीने संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान के बाद भी इस चर्चा ने जोर पकड़ा था कि मोदी 75 वर्ष के बाद भी प्रधानमंत्री पद पर रहें, संघ इस पर सहमत नहीं है. लेकिन इन कयासबाजियों का पटाक्षेप भी भागवत ने ही यह कहकर किया कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा कि किस उम्र के बाद लोगों को रिटायर होना चाहिए.
दरअसल, यह पूरी चर्चा इसलिए चल रही है क्योंकि जब नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने थे तो उस समय से BJP के अंदर अघोषित तौर पर यह व्यवस्था कायम हो गई थी कि जो भी नेता 75 वर्ष पूरा कर लेंगे, उन्हें BJP की सक्रिय राजनीति से दूर होना होगा. यह नियम BJP संगठन और मोदी सरकार, दोनों में लागू किया गया.
इस नियम के तहत पार्टी के दिग्गज नेता जैसे लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को मार्गदर्शक मंडल में स्थान दिया गया. हालांकि, कभी इसकी कोई बैठक नहीं हुई. जबकि कैबिनेट मंत्री नजमा हेपतुल्ला और कलराज मिश्र ने इस उम्र की सीमा पार करने पर इस्तीफा दे दिया. यहां तक कि आनंदीबेन पटेल ने गुजरात की मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए इसी आयु सीमा का हवाला दिया था.
हालांकि, 2019 में इसमें पहला अपवाद तक दिखा जब कर्नाटक में कई असफल प्रयोगों के बाद 76 वर्ष के बीएस येदियुरप्पा को BJP ने मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन बीते 17 सितंबर को खुद नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के हो गए हैं और वे प्रधानमंत्री के रूप में बने हुए हैं, जिससे यह नियम अब पूरी तरह ध्वस्त हो गया दिख रहा है. इसके सीधे लाभार्थी मोदी सरकार के कुछ मंत्री हैं, जो मोदी 3.0 का कार्यकाल 2029 में पूरा होने के पहले ही 75 वर्ष की आयु सीमा को पार करने वाले हैं.
राजनाथ सिंह
BJP के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह अभी देश के रक्षा मंत्री हैं. वे मोदी सरकार में गृह मंत्री भी रहे हैं. पार्टी के शीर्ष नेताओं में उनकी गिनती होती है. उनकी उम्र अभी 74 वर्ष है. अगले साल 10 जनवरी को वे 75 साल के हो जाएंगे. अगर 75 वर्ष की आयु सीमा वाले नियम का कड़ाई से पालन होता तो बतौर केंद्रीय मंत्री उनके पास बमुश्किल चार महीने का ही वक्त बचा था. लेकिन अब यह संकट नहीं है.
हरदीप सिंह पुरी
भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे पुरी मोदी सरकार में लंबे समय से मंत्री हैं. अभी उनके पास पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की जिम्मेदारी है. इसके पहले वे शहरी विकास मंत्री भी हैं. बीच-बीच में उनके राज्यपाल और उपराज्यपाल बनाए जाने की अटकलें भी लगाई जाती रही हैं. पुरी की उम्र अभी 73 वर्ष है. यानी मौजूदा सरकार का कार्यकाल पूर्ण होने से पहले ही वे 75 की सीमा पार करने वाले हैं. अब इस नियम के टूटने से कम से कम उम्र की वजह से केंद्रीय मंत्रिमंडल से उनके बाहर होने की आशंकाओं पर विराम लग गया है.
मनोहर लाल खट्टर
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर मोदी सरकार के प्रमुख मंत्रियों में से एक हैं. उनके पास शहरी विकास मंत्रालय के अलावा उर्जा मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है. ये दोनों मंत्रालय काफी बड़े हैं. बीच-बीच में उनके बारे में यह खबर भी चलती है कि वे BJP के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. खट्टर अभी 71 साल के हैं. यानी 2029 के पहले वे 75 साल के हो जाएंगे. 75 वर्ष का नियम टूटना उनके लिए भी राहत की बात है.
अर्जुन राम मेघवाल
प्रशासनिक सेवा से राजनीति की डगर पकड़ने वाले मेघवाल अभी केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री हैं. वे 2016 से लगातार केंद्रीय मंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं. 2009 से लगातार वे लोकसभा सांसद हैं. उनकी उम्र अभी 71 वर्ष है. यानी मोदी 3.0 का कार्यकाल पूरा होने के पहले ही वे भी 75 वर्ष की आयु सीमा को पार कर लेंगे. इस उम्र सीमा के हटने के मुख्य लाभार्थियों में अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हैं.
वीरेंद्र कुमार
वीरेंद्र कुमार अभी केंद्रीय सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री हैं. मोदी सरकार में पहले भी वे विभिन्न मंत्रालयों में राज्य मंत्री रहे हैं. सात बार के लोक सभा सांसद वीरेंद्र कुमार अभी सदन में मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनकी उम्र अभी 71 साल है. यानी मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पूरा होने से पहले ही वे भी 75 के हो जाएंगे. अगर 75 की अधिकतम आयु सीमा के नियम को लागू किया जाता तो उन्हें भी इस सरकार के कार्यकाल को पूरा होने के पहले ही इस्तीफा देना पड़ता.