कश्मीर में आधे से ज्यादा टूरिस्ट स्पॉट पर एंट्री बंद! एजेंसियों को क्या खुफिया जानकारी मिली है?

पहलगाम हमले के बाद खुफिया एजेंसियों ने चेताया है कि J&K में इसी तरह के और हमले भी हो सकते हैं. इसके बाद J&K सरकार ने कश्मीर भर में 87 पर्यटन स्थलों में से 48 को बंद कर दिया है

गुलमर्ग के एक पर्यटक स्थल पर टट्टूवाले (फोटो: PTI)
गुलमर्ग के एक पर्यटक स्थल पर टट्टूवाले (फोटो: PTI)

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमलों के बाद खुफिया एजेंसियों ने चेताया है कि जम्मू-कश्मीर (J&K) में इसी तरह के और हमले भी हो सकते हैं. इन चेतावनियों के मद्देनजर J&K सरकार ने कश्मीर भर में 87 पर्यटन स्थलों में से 48 को बंद कर दिया है.

सूत्रों के मुताबिक, कम्युनिकेशन इंटरसेप्ट्स यंत्रों द्वारा बीच में पकड़े गए संदेशों से पुष्टि हुई कि पहलगाम हमले के बाद घाटी में कुछ स्लीपर सेल सक्रिय हो गए हैं और उनके आकाओं ने उन्हें अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं.

इंडिया टुडे को मिली खुफिया जानकारी के मुताबिक, "22.04.2025 को पर्यटकों पर हुए हालिया आतंकवादी हमले के मद्देनजर, विश्वसनीय स्रोतों और सहयोगी खुफिया एजेंसियों से मिली पुख्ता जानकारी से पता चलता है कि आतंकवादी संगठन आने वाले दिनों में सुरक्षा बलों और गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाकर सक्रिय रूप से हमले की योजना बना रहे हैं."

इसमें यह भी संकेत दिया गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) गैर-स्थानीय लोगों, सीआईडी ​​कर्मियों और कश्मीरी पंडितों पर, खासकर श्रीनगर और गंदेरबल जिलों में टारगेटेड हमले की योजना बना रही है.

सूत्रों के मुताबिक, लगातार मिल रही खुफिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि उत्तर, मध्य और दक्षिण कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी पहलगाम हमले के बाद घाटी में सक्रिय आतंकवादियों के घरों को नष्ट करने के प्रतिशोध में एक बड़े, अधिक प्रभावशाली हमले के साथ-साथ टारगेटेड किलिंग की योजना बना रहे हैं.

रिपोर्ट में आगे चेतावनी दी गई है कि रेलवे के बुनियादी ढांचे की कमजोरी और घाटी में गैर-स्थानीय रेलवे कर्मचारियों की मौजूदगी को देखते हुए, रेलवे को निशाना बनाकर हमला किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. एजेंसियों ने रेलवे सुरक्षा कर्मियों को उनके तय शिविरों और बैरकों से बाहर जाने से बचने की सलाह दी है.

इसके जवाब में, सुरक्षा बलों ने मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप से एंटी-फिदायीन दस्तों को गुलमर्ग, सोनमर्ग और डल झील इलाकों सहित संवेदनशील पर्यटन स्थलों पर तैनात किया है. कुल मिलाकर, सुरक्षा उपायों को काफी मजबूत किया गया है.

पहलगाम हमले के बाद कश्मीर से पर्यटकों का बड़े पैमाने पर पलायन हुआ. लेकिन अब जबकि पर्यटक धीरे-धीरे पहलगाम सहित J&K में वापस लौट रहे हैं, तब इस तरह की चेतावनियां सामने आ रही हैं.

सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया है, समन्वित छापेमारी की है, सैकड़ों संदिग्धों और आतंकवाद समर्थकों को हिरासत में लिया है. वे पहलगाम नरसंहार के अपराधियों की तलाश कर रहे हैं, जिसमें एक स्थानीय आतंकवादी भी शामिल था. सेना ने घाटी में सक्रिय आतंकवादियों के कई घरों को भी नष्ट कर दिया है.

इस बीच, पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने ऑन-साइट इन्वेस्टिगेशन शुरू कर दी है और 22 अप्रैल की घटना को रिक्रिएट किया है.

एजेंसी घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय कर्मचारियों से भी पूछताछ करने वाली है, जिनमें जिपलाइन सुविधा से जुड़े लोग भी शामिल हैं, साथ ही गुजराती पर्यटक ऋषि भट्ट जैसे जीवित बचे लोगों से भी पूछताछ की जाएगी, जिनके वीडियो फुटेज में आतंकवादियों की तस्वीरें कैद हुई हैं.

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