IPL के रोबोट डॉग के नाम का मामला अदालत कैसे पहुंचा?
IPL के रोबोट कुत्ते का नाम चंपक रखने पर इसी नाम से बच्चों की पत्रिका निकालने वाले प्रकाशन समूह ने BCCI व अन्य के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में केस किया है

कुत्तों को लेकर थाना-कचहरी कोई नई बात नहीं है लेकिन आइपीएल के मशीनी कुत्ते (रोबोट डॉग) को लेकर अब मुकदमेबाजी हो गई है. इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के रोबोटिक डॉग को लेकर ट्रेडमार्क उल्लंघन का केस दिल्ली हाईकोर्ट में आया है. इसमें प्रतिवादी बनाया गया है क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीसीआइ) को. दरअसल ये सारा झगड़ा इस कुत्ते के नाम को लेकर है.
इस रोबोट डॉग का नाम रखा गया है चंपक और इसी नाम से बच्चों की पत्रिका छापने वाले प्रकाशक को इस पर आपत्ति है. प्रकाशक का कहना है कि यह उनकी पत्रिका का ट्रेडमार्क है और रोबोटिक डॉग का नाम चंपक रखना ट्रेडमार्क नियमों का उल्लंघन है.
जस्टिस सौरभ बनर्जी की पीठ के सामने प्रकाशक के वकील की दलील थी कि चंपक नाम के व्यावसायिक इस्तेमाल का अधिकार उनके क्लाइंट के पास है, किसी और का ऐसा करना गैर कानूनी है. प्रकाशक इस व्यापार चिन्ह के इस्तेमाल के लिए पंजीकृत है. आइपीएल एक व्यावसायिक आयोजन है और इससे व्यावसायिक लाभ कमाया जा रहा है.
वहीं बीसीसीआइ के वकील की दलील थी कि चंपक एक फूल का नाम है. रोबोट कुत्ते का नाम इस पत्रिका से नहीं बल्कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा नामक एक टीवी सीरियल के किरदार से लिया गया है. इस सीरियल में चंपक चाचा नाम का एक किरदार है. दिल्ली प्रेस पत्र प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड बनाम बीसीसीआइ व अन्य के केस की सुनवाई अब जुलाई में होगी. इस विवाद का फैसला तो बाद में आएगा लेकिन ये कुत्ता आइपीएल में दिलचस्पी का केंद्र बना हुआ है.
रोबोट डॉग का नाम कैसे रखा गया
बीसीसीआइ ने इसका नाम रखने के लिए फैंस से सुझाव भी मांगे थे और उसी आधार पर इसका नाम फाइनल किया. ये रोबोटिक कुत्ता दरअसल एक घूमता-फिरता कैमरा भी है. इसे इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) 2025 में विशेष आकर्षण के तौर पर लाया गया. इंडियाटुडे डॉट इन की रिपोर्ट के मुताबिक, इसे ग्लोबल ब्रॉडकास्ट टेकनोलॉजी कंपनी डब्ल्यूटीविजन ने ओमीक्रॉन नामक कंपनी के सहयोग से बनाया है.
दिल्ली कैपिटल्स और मुंबई इंडियंस के बीच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में हुए मैच में पहली बार यह कुत्ता मैदान में उतरा. इस रोबोटिक कुत्ते को काफी खिलंदड़ स्वभाव का बनाया गया है. यह खिलाड़ियों, अंपायरों से हाथ मिलाने और कूदने जैसी हरकतें करता है जिससे दर्शकों का मनोरंजन होता है. इसमें एक गिंबल सिस्टम लगा होता है जिससे कुत्ते की उछलकूद का असर फुटेज पर नहीं पड़ता यानी वीडियो और तस्वीरें स्थिर रहती हैं. इस रोबोटिक कुत्ते के फुटेज अच्छे खासे लोकप्रिय हो रहे हैं. आइपीएल के दौरान रोबोटिक कुत्ते का एक वीडियो वायरल हो गया जिसे 58 लाख व्यूज मिले और इसे 5.60 लाख लोगों ने लाइक यानी पसंद किया.
डब्ल्यूटीविजन सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और डायरेक्टर दिव्यजोत अहलूवालिया इस रोबोटिक डॉग बनाने पर काफी उत्साहित और गौरवान्वित हैं. वे कहते हैं, "ब्राडकास्टिंग में इस तरह के इनोवेशन से खेल की दुनिया और ज्यादा मजेदार और सभी के लिए जुड़ाव वाली हो गई है.” जाहिर है खेल की दुनिया अब हाइटेक प्रसारण से आगे निकलकर ऐसे किरदार सृजित कर लोगों को आकर्षित कर रही है.