पुतिन भारत के विकास को चमत्कार जैसा क्यों मानते हैं?

इंडिया टुडे के साथ एक खास बातचीत में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बदलती वैश्विक व्यवस्था, भारत-रूस संबंधों, भारत के विकास और पीएम मोदी के बारे में अपनी राय जाहिर की

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इंडिया टुडे के साथ इंटरव्यू के दौरान राष्ट्रपति पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की तेज़ आर्थिक प्रगति तारीफ करते हुए कहा है कि आज़ादी के महज 77 वर्षों में भारत ने लगभग चमत्कार जैसा प्रदर्शन किया है.  इंडिया टुडे को दिए एक एक्सक्लूज़िव इंटरव्यू में पुतिन ने कहा कि भारत ने “सचमुच बहुत लंबा सफ़र तय किया है.” 

इसी इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत क्रय शक्ति की क्षमता के हिसाब से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी भारत यात्रा पर दुनियाभर की नजर होना कोई हैरानी की बात नहीं क्योंकि पूरे विश्व में भारत की अहमियत तेजी से बढ़ रही है.  

अपनी इस यात्रा पर रूसी राष्ट्रपति का कहना था, “दुनिया इस यात्रा को देखेगी. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. भारत एक विशाल देश है, जहां 1 अरब से ज़्यादा लोग रहते हैं, यहां की अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की वार्षिक दर से बढ़ रही है और यह दुनिया की बड़ी शक्तियों में सबसे आगे है.”

पीएम मोदी की तारीफ करते हुए पुतिन ने कहा, “प्रधानमंत्री ने यह सब संभव किया है. यह भारतीय राष्ट्र और खुद प्रधानमंत्री मोदी, दोनों के लिए गर्व करने लायक उपलब्धि है. निश्चित रूप से कुछ आलोचक हमेशा रहेंगे जो मानते हैं कि प्रगति इससे भी ज़्यादा हो सकती थी, लेकिन इससे इस उपलब्धि की चमक फीकी नहीं पड़ती.”

रूसी राष्ट्रपति ने भारत की आर्थिक विशालता को उसकी सफलता का पैमाना बताते हुए कई पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं से तुलना की जो कभी वैश्विक रैंकिंग में सबसे ऊपर रहती थीं. पुतिन ने कहा, “क्रय शक्ति के हिसाब से भारत की अर्थव्यवस्था तीसरे स्थान पर है. जी-7 के कुछ सदस्य देश– जिनमें ब्रिटेन भी शामिल है– अब वैश्विक मापदंडों में काफ़ी नीचे खिसक चुके हैं.” 

पीएम मोदी की तारीफ करते हुए रूसी राष्ट्रपति ने क्या कहा

पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ में कहा कि भरोसा और देशभक्ति उनकी पहचान है. रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “हमारे बीच बहुत विश्वसनीय और मित्रवत संबंध हैं. वे बहुत भरोसेमंद व्यक्ति हैं. इस मामले में मैं पूरी ईमानदारी से बोल रहा हूं. भारत भाग्यशाली है. वे (प्रधानमंत्री) भारत के लिए जीते और सांस लेते हैं.” 

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के द्विपक्षीय सहयोग मज़बूत करने के फ़ोकस पर भी ध्यान दिलाते हुए कहा, “वे भारत-रूस संबंधों को हर क्षेत्र में, ख़ासकर आर्थिक सहयोग, रक्षा, मानवीय सहभागिता और उच्च-प्रौद्योगिकी विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों में मज़बूत करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं.” 

ब्रिक्स (BRICS), एससीओ (SCO) और जी-20 को ज्यादा अहम संगठन

पुतिन ने कहा कि अब वैश्विक कूटनीति को अन्य प्रतिनिधि मंच परिभाषित कर रहे हैं. उन्होंने ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) और जी-20 को प्रमुख मंच बताया जिनमें भारत भी महत्वपूर्ण सदस्य है. रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक व्यवस्था बहुध्रुवीय होने जा रही है और  रूस, चीन और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत का उभार इस परिदृश्य को नया आकार दे रहा है. 

पुतिन से जब पूछा गया कि क्या रूस G-8 में फिर से शामिल होना चाहता है, तो पुतिन ने स्पष्ट ‘नहीं’ कहा और तर्क दिया कि यह समूह अब समकालीन आर्थिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करता.  उन्होंने G-7 की मौजूदा संरचना की भी आलोचना की और कहा कि दुनिया के प्रमुख आर्थिक केंद्र अब कहीं और स्थानांतरित हो चुके हैं. पुतिन ने कहा, “मैं समझ नहीं पाता कि G-7 के देश खुद को G-7 क्यों कहते हैं.” इसके आगे उनकी दलील थी कि कई सदस्य देशों का वैश्विक आर्थिक हिस्सा घट रहा है जबकि उभरती अर्थव्यवस्थाएं बढ़ रही हैं. 

पुतिन ने जर्मनी के लगातार तीसरे साल मंदी में होने और फ्रांस के मंदी के कगार पर होने का उदाहरण दिए. उन्होंने यूरोप की आर्थिक मुश्किलों का कारण वहां की सरकारों की तरफ से लिए गए गलत नीतिगत फैसलों को बताया.

रूसी राष्ट्रपति की 2021 के बाद यह पहली भारत यात्रा है और यह भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ के साथ जुड़ी हुई है. दोनों देशों के बीच शिखर वार्ता के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौते होने की उम्मीद है.

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