GST 2.0 आज से लागू, जानिए कौन-सा सामान कितना सस्ता होगा?

GST में सुधार, जिसे GST 2.0 कहा जा रहा है, के लागू होने के बाद अब इसमें 5 फीसदी और 18 फीसदी के दो स्लैब और हानिकारक वस्तुओं-सेवाओं के लिए 40 फीसदी का एक विशेष स्लैब होगा

The implementation of GST reforms before Chhath Puja and Diwali is likely to impact the Bihar elections as well.
GST सुधारों से दीवाली के पहले खरीदारी में भारी उछाल आने की उम्मीद जताई जा रही है

वस्तु एवं सेवा टैक्स (GST) के सुधार 22 सितंबर से लागू होने जा रहे हैं. इससे देश के इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम में ऐतिहासिक बदलाव आने वाला है. अब इसमें 5 फीसदी और 18 फीसदी के दो स्लैब और हानिकारक वस्तुओं के लिए 40 फीसदी का एक विशेष स्लैब होगा.

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST परिषद ने सितंबर की शुरुआत में ही GST में बड़े बदलाव की घोषणा की थी.  इसका मकसद स्लैब को सरल बनाना, उपभोग को बढ़ावा देना और टैक्स की दरों को तर्कसंगत बनाना है.

इस नए सिस्टम के तहत सरकार चार स्लैब को दो मुख्य श्रेणियों में मिलाने जा रही है, जिसमें एक अतिरिक्त "सिन टैक्स" (नुकसानदायक सामानों और सेवाओं के लिए) स्लैब भी शामिल होगा.

GST 2.0  में शामिल होने वाले स्लैब :

5% स्लैब - जरूरी वस्तुओं के लिए.
18% स्लैब - अधिकांश अन्य वस्तुओं और सेवाओं के लिए.
40% स्लैब - तंबाकू, शराब, सट्टेबाजी और ऑनलाइन गेमिंग जैसी विलासिता और नुकसानदायक सामानों-सेवाओं के लिए.

इन स्लैब के एकीकरण से GST आसान होने और वर्तमान में 12 या 28 फीसदी टैक्स वाली कई वस्तुओं की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है.

GST 2.0 के तहत क्या सस्ता होगा 

रोजाना उपयोग के सामान और खाद्य पदार्थ -

शून्य टैक्स : चपाती, परांठे, यूएचटी दूध, पनीर (छेना), खाखरा और पिज्जा ब्रेड.

5 फीसदी टैक्स : मक्खन, घी, सूखे मेवे, पनीर, सॉसेज, मांस, जैम, केचप, मिठाइयां, बिस्किट, नाश्ता अनाज, आइसक्रीम, कॉफी, फलों के रस और वनस्पति आधारित या सोया दूध.

इनमें से कई सामान अब तक 18 फीसदी स्लैब में आते थे. अब इनके 5 फीसदी स्लैब में आने से घरेलू खर्चों में कमी आने की उम्मीद है.

शून्य टैक्स : जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम-  कंज्यूमर लंबे वक्त से इसकी मांग कर रहे थे. 

5 फीसदी टैक्स : जीवन रक्षक दवाएं, चिकित्सा उपकरण, थर्मामीटर, ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर, नजर वाले चश्मे.

दवा कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में संशोधन करें और यह सुनिश्चित करें कि छूट तुरंत दी जाए.

ऑटोमोबाइल और परिवहन -

18 फीसदी टैक्स : छोटी कारें (1200 सीसी से कम पेट्रोल, एलपीजी या सीएनजी  और 1500 सीसी तक डीजल), 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें, ऑटो कंपोनेंट.

5 फीसदी टैक्स : इलेक्ट्रिक वाहन.

40 फीसदी टैक्स : 1,200 सीसी (पेट्रोल) या 1,500 सीसी (डीज़ल) से ज़्यादा और 4 मीटर से ज़्यादा लंबी एसयूवी/एमपीवी पर अब 40 फीसदी टैक्स लगेगा (पहले 28 फीसदी + 22 फीसदी सेस लगता था).  कुल मिलाकर नए टैक्स के बाद भी इनकी कीमत घटेगी.

350 सीसी से ज़्यादा की मोटरसाइकिलों पर 40 फीसदी जीएसटी (पहले 28 फीसदी + 3 फीसदी सेस लगता था).

कार निर्माताओं ने त्योहारी सीज़न की मांग का लाभ उठाने के उद्देश्य से सभी मॉडलों की कीमतों में कटौती की घोषणा शुरू कर दी है.

कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरण-

18 फीसदी टैक्स : टेलीविजन, डिशवॉशर, वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर पर. यह पहले 28 फीसदी था.

इन सामानों पर टैक्स कम होने से दीवाली से पहले खरीदारी में बढ़ोतरी होने की संभावना है, क्योंकि खुदरा विक्रेता अपनी कीमतों में कटौती करेंगे.

शिक्षा और स्टेशनरी-

शून्य टैक्स : पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन, कॉपियां, रबड़, मानचित्र, चार्ट और ग्लोब.

5 फीसदी टैक्स : जूते और कपड़े.

पर्सनल केयर और घरेलू सामान-

5 फीसदी टैक्स: टूथपेस्ट, टूथब्रश, टैल्कम पाउडर, शेविंग क्रीम, हेयर ऑयल, साबुन, टॉयलेट बार, फेस पाउडर, आफ्टर-शेव लोशन, बर्तन, रसोई के बर्तन, छाते, साइकिल और बांस के फर्नीचर. इन श्रेणियों पर पहले 12 फीसदी या 18 फीसदी टैक्स लगता था.

सौंदर्य, फिटनेस और जीवनशैली सेवाएं-

5 फीसदी टैक्स: स्पा, सैलून, जिम, योग केंद्र और स्वास्थ्य क्लब - इन पर पहले 18 फीसदी टैक्स लगता था. हालांकि, अब इन सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा.

निर्माण और मशीनरी-

18 फीसदी टैक्स : सीमेंट,  पहले इस पर भी 28 फीसदी टैक्स था.

5 फीसदी टैक्स: कृषि मशीनरी, उर्वरक इनपुट, जैव कीटनाशक, ट्रैक्टर के पुर्जे, ट्रेलर और सिलाई मशीनें.

सीमेंट पर ऊंचा टैक्स लगने से बिल्डर और डेवलपर परेशान थे. अब उम्मीद की जा सकती है कि घर बनाने की लागत कम होगी और इसका फायदा घर खरीदारों या बनवाने वालों को मिलेगा. 

सेवा क्षेत्र में बदलाव-

वस्तुओं के साथ-साथ, सेवा क्षेत्र में भी टैक्स रेट को तर्कसंगत रखा गया है.

होटल और यात्रा : इकॉनमी श्रेणी की हवाई टिकटों और 7,500 रुपये प्रति रात्रि तक के होटल कमरों पर 5 फीसदी GST लगेगा.

परिवहन बीमा : माल वाहनों के लिए थर्ड पार्टी बीमा पर अब 5 फीसदी टैक्स लगेगा.

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