भारतीय सेना के लिए DRDO ने लॉन्च की नई असॉल्ट राइफल 'उग्रम', यह एके-47 से कितनी अलग है?
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने इंडियन आर्मी के लिए एक नई असॉल्ट राइफल 'उग्रम' को लॉन्च किया है. यह नई राइफल 8 जनवरी यानी सोमवार के दिन लॉन्च की गई

असॉल्ट राइफल. यह नाम सुनते ही दो बातें दिमाग में कौंधती हैं. पहला है युद्ध, हत्या, अराजकता या फिर लूटपाट और दूसरा है राइफल की दुनिया का सबसे 'फेमस' या 'कुख्यात' नाम AK-47. भले ही कोई व्यक्ति जिसने कभी तस्वीरों में भी बंदूकें ना देखी हों लेकिन AK-47 के नाम से जरूर परिचित होगा.
सोवियत संघ यानी पुराने एकीकृत रूस में बनी इस असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल दुनिया भर की सेनाएं करती हैं. इनमें भारतीय सेना का नाम भी शामिल है. हालांकि भारत काफी लंबे वक्त से घर में ही एक मुफीद राइफल बनाने की कोशिशों में जुटा हुआ है. इन्हीं कोशिशों में अब एक नया नाम जुड़ा है 'उग्रम' का.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने इंडियन आर्मी के लिए एक नई असॉल्ट राइफल 'उग्रम' को लॉन्च किया है. यह नई राइफल 8 जनवरी यानी सोमवार के दिन लॉन्च की गई. राइफल की सबसे खास बात है कि DRDO ने इसे बिलकुल ही स्वदेशी तौर पर डिजाइन और विकसित किया है. इसे भारतीय सेना, सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस इकाइयों के इस्तेमाल के लिए बनाया गया है.
'उग्रम' 7.62 x 51 मिमी कैलिबर की एक मॉडर्न असॉल्ट राइफल है. इसकी खासियतों में 500 मीटर की रेंज और हल्का वजन (4 KG) भी शामिल है. डीआरडीओ ने इसे अपनी ही एक सहयोगी संस्था आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट के हैदराबाद स्थित डीवीपा आर्मर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से डेवलप किया गया है. परियोजना पर काम करने वाले एआरडीई वैज्ञानिकों के मुताबिक राइफल को भारतीय सेना के जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (GSQR) के आधार पर डिजाइन किया गया था.
अब थोड़ी सी बात मशहूर असॉल्ट राइफल AK-47 के बारे में, तो इसे लेकर कहा जाता है कि अगर इसे महीने भर भी कीचड़ में गाड़ कर दुबारा निकाल कर फायर करें तो भी यह 'धांय' से चलेगी. भले ही यह वाक्य अतिशयोक्ति की भांति लगता हो पर एक हद तक सच भी है.AK-47 की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे 10 साल का बच्चा भी खोलकर जोड़ सकता है. इसका वजन भी काफी हल्का है और चलाने में भी काफी आसान है. यह एक सबसे बड़ी वजह है कि AK-47 और इसके तमाम वर्जन दुनिया भर की सेनाओं के साथ अलग अलग आतंकी संगठनों की भी पहली पसंद बने हुए हैं.
'उग्रम' में 20 राउंड मैगजीन होती है और यह सिंगल और फुल ऑटो दोनों मोड में फायर कर सकती है. इसे एके और एआर जैसी आधुनिक और अपडेटेड राइफलों की तर्ज पर बनाया गया है.
उग्रम असॉल्ट राइफल के बारे में बताते हुए एआरडीई के निदेशक अंकथी राजू ने कहा, "यह दो साल पहले शुरू किया गया एक मिशन प्रोजेक्ट था. राइफल की डिजाइन के बाद हमने इसके प्रोडक्शन और डेवलपमेंट के लिए किसी प्राइवेट पार्टनर की तलाश शुरू की थी. इसके साथ ही हमने इसके हार्डवेयर पर काम करना भी शुरू कर दिया. इस राइफल को जल्द ही टेस्टिंग के लिए भेजा जाएगा."
अंकथी राजू के मुताबिक इसकी टेस्टिंग में बिना रुके तय संख्या में राउंड फायर किए जाएगें. साथ ही सटीकता और स्टेबिलिटी की जांच भी की जाएगी. इस राइफल को ऊंचाई, रेगिस्तान और अलग अलग तरह के मौसम में टेस्ट किया जाएगा. मंजूरी के लिए सेना के अधिकारियों का एक बोर्ड गठित किया जाएगा. अगर राइफल में कुछ भी कमी देखी जाती है तो इसकी फिर से टेस्टिंग होगी.