क्या लाल किला ब्लास्ट के आतंकवादी दिल्ली पर हमास की तरह ड्रोन हमला करने वाले थे?
लाल किला विस्फोट मामले में NIA की जांच से पता चला कि आरोपियों ने दिल्ली पर हमास स्टाइल में रॉकेट बम और ड्रोन से हमला करने की योजना बनाई थी

दिल्ली लाल किला विस्फोट के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पिछले 48 घंटों में दो बड़ी गिरफ्तारी की हैं. इसके साथ ही NIA ने शुरुआती जांच के बाद एक भयावह आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया है.
सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने शुरुआत में कार बम विस्फोट करने से पहले दिल्ली के उच्च-सुरक्षा क्षेत्रों में रॉकेट और ड्रोन से हमला करने की योजना बनाई थी. आतंकियों का यह समूह इस योजना पर काम भी शुरू कर चुका था.
जांच में शामिल अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों का इरादा ड्रोन के जरिए रॉकेट हमला करने का था. इसके लिए ड्रोन को उसी तर्ज पर तैयार किया जा रहा था, जिस तरह से हमास ने 10 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला किया था.
हमास के इस हमले में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. लाल किला ब्लास्ट के आतंकी अपने हमले के जरिए लोगों की मौत के साथ बड़े पैमाने पर दहशत फैलाना चाहते थे.
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि आतंकियों ने दिल्ली पर हमले की जो प्लानिंग की थी, वह आमतौर पर हमास और ISIS जैसे आतंकी समूहों के जरिए अपनाई जाने वाली रणनीति है. NIA को यह जानकारी आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर-उन-नबी के एक और साथी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश की गिरफ्तारी के बाद मिली है.
दानिश जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड का रहने वाला है. NIA ने उसे चार दिन पहले श्रीनगर से हिरासत में लिया था और 17 नवंबर को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया.
NIA के अनुसार दानिश को छोटे ड्रोन हथियार बनाने और उन्हें मॉडिफाई करने का तकनीकी अनुभव है. उसने उमर को तकनीकी मदद दी और आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए ड्रोन और रॉकेट तैयार करने की कोशिश कर रहा था.
इसके अलावा, लाल किला ब्लास्ट से जुड़े आतंकी का एक वीडियो सामने आया है. इस कथित वीडियो में उमर यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि आत्मघाती बम विस्फोट के कॉन्सेप्ट को कभी सही से समझा ही नहीं गया. यह शहीद होने के लिए ऑपरेशन मार्टरडम यानी शहादत अभियान है, न कि सुसाइड हमला.