अगस्ता वेस्टलैंड डील : जांच के बीच में ही भारत की डिफेंस कंपनी पर से पाबंदी कैसे हटी?

2013 से शुरू हुए अगस्ता वेस्टलैंड मामले में डेफसिस सॉल्यूशंस को 2022 में रक्षा मंत्रालय ने ब्लैकलिस्ट कर दिया था

अगस्ता वेस्टलैंड से हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित रिश्वत कांड में इस कंपनी के शामिल होने की वजह से यह फैसला किया गया था
अगस्ता वेस्टलैंड से हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित रिश्वत कांड में इस कंपनी के शामिल होने की वजह से यह फैसला किया गया था

भारत के लिए रक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनी डेफसिस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को 2022 में रक्षा मंत्रालय ने ब्लैकलिस्ट कर दिया था. इटली की डिफेंस कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित रिश्वत कांड में इस कंपनी के शामिल होने की वजह से यह फैसला किया गया था.

मगर हाल ही में रक्षा मंत्रालय को तगड़ा झटका देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने डेफसिस सॉल्यूशंस पर पाबंदी लगाने के फैसले को पलट दिया है.

डेफसिस सॉल्यूशंस ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी ब्लैकलिस्टिंग को चुनौती देते हुए तर्क दिया था कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में कंपनी पर सीबीआई की तरफ से चार्जशीट दायर नहीं की गई थी. दिलचस्प बात यह है कि आपराधिक मुकदमे का सामना करने के बावजूद, रक्षा मंत्रालय ने हेलीकॉप्टर घोटाले में मुख्य आरोपी फर्म अगस्ता वेस्टलैंड के साथ व्यापार पर से 2021 में पाबंदी हटा दी थी.

मुकदमे के दौरान, रक्षा मंत्रालय डेफसिस सॉल्यूशंस के निलंबन का समर्थन करने वाले पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं कर सका. दिल्ली हाई कोर्ट के मुताबिक, कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि सीबीआई से मिले इनपुट के अलावा (जिसमें कहा गया था कि डेफसिस सॉल्यूशंस जांच के दायरे में है) रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जो फिलहाल निलंबन को सही ठहरा सके.

कोर्ट ने यह भी पाया कि सीबीआई की ओर से चार्जशीट दायर करने के बावजूद, अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जांच एजेंसी ने डेफसिस सॉल्यूशंस पर कोई आरोप नहीं लगाया था. व्यावसायिक सौदों का निलंबन मुख्य रूप से डेफसिस सॉल्यूशंस के खिलाफ चल रही जांच के बारे में सीबीआई के कथित नोटिफिकेशन पर आधारित था. डेफसिस सॉल्यूशंस ने मुकदमे के दौरान इस बात पर जोर दिया कि उसका अगस्ता वेस्टलैंड या किसी संबंधित संस्था के साथ कोई सीधा लेन-देन नहीं था.

यह पूरा मामला 2021 में शुरू हुआ जब एक फ्रांसीसी मीडिया रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि राफेल लड़ाकू विमानों के निर्माता डसॉल्ट एविएशन ने सुशेन गुप्ता से जुड़ी कंपनी डेफसिस सॉल्यूशंस को पैसे दिए थे. डेफसिस सॉल्यूशंस के तत्कालीन प्रमोटर सुशेन गुप्ता को हेलीकॉप्टर घोटाले के सिलसिले में 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था.

रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सुशेन गुप्ता के परिवार के सदस्यों ने तीन पीढ़ियों से एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों में मध्यस्थ के रूप में काम किया है. हालांकि डेफसिस सॉल्यूशंस ने इन आरोपों से इनकार किया था.

ईडी ने गुप्ता पर अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया था. उन्हें यूएई से निर्वासन और उसके बाद ईडी की गिरफ्तारी के बाद मामले में सरकारी गवाह बने आरोपी राजीव सक्सेना के खुलासे के आधार पर पीएमएलए कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था.

सुशेन गुप्ता ने फरवरी 2013 से मार्च 2018 तक डेफसिस सॉल्यूशंस के निदेशक के रूप में काम किया. उनके परिवार के सदस्य कंपनी में स्वामित्व और निर्देशकीय भूमिकाएं निभाते आए हैं. 

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