भारत-पाक तनाव के बीच ममता बनर्जी ने बांग्लादेश को लेकर 'सतर्क' रहने की बात क्यों कही!
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पाकिस्तान और PoK में भारत के सैन्य हमलों के बाद पूरे राज्य प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा है

पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर भारत के सैन्य हमलों को देखते हुए, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने प्रशासन को 'हाई अलर्ट' पर रखा है.
ममता सरकार का यह फैसला 7 मई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक वर्चुअल मीटिंग के बाद आया, जिसमें उन्होंने दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हिस्सा लिया था. ममता ने इससे पहले दिन में सोशल मीडिया पर "जय हिंद! जय भारत!" पोस्ट के साथ सैन्य हमलों की सराहना की थी.
ममता ने सरकारी कर्मचारियों की सभी छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द करने का निर्देश दिया, जबकि पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के किसी भी नतीजे से निपटने के लिए राज्य भर में एहतियाती उपाय तेजी से लागू किए गए.
आपातकालीन तैयारियों के तहत, 11 जिलों में 32 स्थानों पर युद्ध के समय की तैयारियों का अनुकरण करते हुए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. यह ड्रिल राज्य सचिवालय में आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक के साथ हुई, जिसमें ममता ने राज्य और केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुख अधिकारियों के साथ बंगाल की सुरक्षा का जायजा लिया.
बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा, "हम आतंक के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे. इस मुद्दे पर हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए." उन्होंने कहा, "पुलिस और जिला मजिस्ट्रेटों को सतर्क कर दिया गया है. सभी (सरकारी) छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं."
राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में पहले से ही गर्मियों की छुट्टियां चल रही हैं, ममता ने निजी संस्थानों से भी इसी तरह बंद पर विचार करने का अनुरोध किया. हालांकि उन्होंने साफ किया है कि यह महज एक अपील है, न कि कोई निर्देश.
एहतियाती फ्रेमवर्क के हिस्से के रूप में ममता ने घोषणा की कि आपदा प्रबंधन विभाग चौबीसों घंटे काम करेगा. खासकर यह विभाग नॉर्थ बंगाल में कंट्रोल रूम पर फोकस रखेगा, जो कई देशों के साथ सीमा साझा करता है. उन्होंने बताया, "हमारा आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट पर है. खासकर नॉर्थ बंगाल के कंट्रोल रूम 24x7 खुले रहेंगे."
मुख्यमंत्री ने कृषि वाणिज्य विभाग को फौरन बैठक बुलाने का भी निर्देश दिया ताकि यह तय किया जा सके कि बेईमान व्यापारी वस्तुओं की कीमतें बढ़ाकर मौके का फायदा न उठा सकें. मुख्य सचिव मनोज पंत को इस दौरान केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय करने के लिए राज्य का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया.
राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के प्रति बंगाल की ऐतिहासिक प्रतिबद्धता को दोहराते हुए ममता ने कहा, "हम अपने देश से प्यार करते हैं. बंगाल ने हमेशा राष्ट्र के लिए बलिदान दिया है. हमें सतर्क रहना होगा क्योंकि हमारी सीमा अन्य देशों से लगी है." हालांकि उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन बांग्लादेश की सबसे लंबी सीमा इसी राज्य से लगती है और पिछले दिनों इस पड़ोसी देश की पाकिस्तान के साथ बढ़ती करीबी से समझा जा सकता है कि उनका इशारा किस तरफ है. बांग्लादेश की भारत के साथ 4,096 किमी लंबी सीमा है.
हालांकि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "बांग्लादेश सरकार भारत और पाकिस्तान में बन रहे हालात पर बारीकी से नजर रख रही है. बांग्लादेश स्थिति पर अपनी गहरी चिंता जाहिर करता है, और दोनों देशों से शांत रहने, संयम बरतने और ऐसे कोई भी कदम उठाने से परहेज करने का आग्रह करता है जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है."
बयान में कहा गया है, "क्षेत्रीय शांति, समृद्धि और स्थिरता की भावना में, बांग्लादेश को उम्मीद है कि कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से तनाव कम होगा, और आखिरकार इलाके के लोगों के फायदे के लिए शांति कायम होगी."
बांग्लादेश की सावधानी कई कारकों से उपजी है: अस्थिर भारत-पाक गतिशीलता अक्सर व्यापक क्षेत्रीय अस्थिरता में तब्दील हो जाती है, जो व्यापार, सीमा पार प्रवास और सीमा प्रबंधन को प्रभावित कर सकता है. ये सभी कारक बांग्लादेश पर सीधे असर डालते हैं.
बांग्लादेश में विस्थापित आबादी के बड़े शिविर हैं, वह क्षेत्रीय शरणार्थी प्रवाह के प्रति संवेदनशील है, और भारत के साथ गहरे आर्थिक, राजनीतिक और वर्तमान में अस्थिर संबंध साझा करता है. अंतरिम प्रशासन के तहत बांग्लादेश ने पाकिस्तान के साथ व्यापार शुरू करके अपने संबंधों को फिर से मजबूत करना शुरू कर दिया है.
बांग्लादेश की चिंता के स्वर में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान का सोशल मीडिया पर एक बयान भी शामिल था. रहमान ने लिखा, "चूंकि पड़ोस में तनाव बढ़ रहा है, इसलिए हम सैन्य हमलों की निंदा करते हैं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर करते हैं. हम हितधारकों से संयम बरतने और संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए कदम उठाने का आग्रह करते हैं. साझा हितों और आकांक्षाओं पर आधारित एक स्थिर और शांतिपूर्ण क्षेत्र सभी के सर्वोत्तम हित में है."
बंगाल में ममता ने मीडिया और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स को सख्त संदेश देते हुए जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करने का आग्रह किया. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, "जो लोग सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया या अन्य माध्यमों से गलत सूचना फैलाते हैं, उन्हें सावधान रहना चाहिए. हमने आज केंद्रीय दिशा-निर्देशों को पढ़ा. इसमें गलत सूचना फैलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. इस समय मीडिया की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. ऐसी कोई खबर नहीं होनी चाहिए जो लोगों को भड़काए और अशांति फैलाए."
उन्होंने राष्ट्रीय चिंता के समय सनसनीखेज पत्रकारिता करने से बचने की सलाह दी. उन्होंने कहा, "यह टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग पॉइंट) बढ़ाने का समय नहीं है. यह देश की रक्षा करने और राष्ट्र के लिए लड़ने वालों के साथ खड़े होने का समय है. टेलीविजन चैनलों को अपनी बहस में बेतरतीब लोगों को नहीं बुलाना चाहिए. कई लोग वास्तविक स्थिति को जाने बिना गैर-जिम्मेदार बयान देते हैं."
ममता की घोषणाएं ऐसे समय में आई हैं जब 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद उपमहाद्वीप में भू-राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. जहां राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंताएं सुर्खियों में छाई हुई हैं, वहीं बांग्लादेश जैसे अहम पड़ोसी देश का ताजा रुख सतर्क रहने की मांग करता है.