मुजरिम-कोर्ट-जमानत से जुड़े सवाल और जवाब
भारत में कोरोना की वजह से लॉकडाउन से अदालतों के कामकाज पर भी बुरा असर पड़ा है. ऐसे में कानूनी मामलों में फंसे लोगों के मन में यह सवाल आ रहे होंगे कि पेशी के वक्त अदालत नहीं पहुंच पाने पर उनका क्या होगा? जानिए अहम बिंदु जो आपके लिए जानना है बेहद जरूरी है

मुजरिम-कोर्ट-जमानत से जुड़े आठ सवाल और जवाब
1.कोर्ट में पेशी नहीं हो पाने पर वारंट तो नहीं निकल जाएगा
कोरोना लॉकडाउन के दौरान अदालतों में रोजमर्रा का कामकाज नहीं हो रहा है. सारी तारीखें आगे बढ़ चुकी हैं. लॉकडाउन खत्म होने पर अपनी तारीख पता कर कोर्ट पहुंचें. इस बीच की तारीख में न जाने पर वारंट जारी नहीं होगा.
2. मुझे गवाही देने जाने था, तारीख पर कोर्ट बंद है. क्या करूं?
सारी तारीखें आगे बढ़ चुकी हैं इसलिए रुटीन के केसों में जिरह, गवाही या पेशी नहीं हो रही है. नोटिस की तारीखें भी बढ़ चुकी हैं. जब नियमित अदालतें खुलेंगी तो नई तारीख पता कर लें.
3. लॉकडाउन के दौरान मुकदमे की तारीख थी तो अगली तारीख कैसे मिलेगी
कोरोना बंदी के दौरान सभी नियमित अदालतें, ट्रिब्यूनल, लेबरकोर्ट बंद हैं. तारीख की जानकारी आपको वकील से मिल सकती है. जिनके पास वकील नहीं हैं वे ई-कोर्ट की वेबसाइट या ऐप्प के जरिये अपने मुकदमे की स्थिति के साथ तारीख भी जान सकते हैं.
4. जून में होने वाली समर वेकेशन को लेकर क्या कोई सुनवाई है?
आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में मई के मध्य से गर्मी की छुट्टियां शुरू होती हैं जो जून तक चलती हैं. गर्मी की छुट्टियों को लेकर कोर्ट ने कोई फैसला नहीं किया है. अदालत चाहे तो इन छुट्टियों को खत्म कर सकती है या कम कर सकती है. छुट्टियों के दौरान ऊंची अदालतों में अवकाशकालीन पीठ बैठती है जो नए और आवश्यक मामलों की सुनवाई करती है. निचली अदालतों में भी गर्मी की छुट्टियां होती हैं लेकिन ड्यूटी मजिस्ट्रेट बैठता है.
5. सुप्रीम कोर्ट के कैदियों को छोड़ने के आदेश से किसे फायदा होगा?
वे सभी विचाराधीन कैदी, जिनके अपराधों में सजा सात साल या उससे कम है और वे एक लंबा समय जेल में बिता चुके हैं, जमानत पाने के हकदार हैं.
6. जमानत की अर्जी देनी है. क्या करना होगा?
जमानत की अर्जी देने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अदालत में आवेदन दिया जा सकता है. हर जिले में ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात है.
7. अग्रिम जमानत पर बाहर लोगों का क्या होगा?
हर राज्य के हाईकोर्टों ने इस संबंध में अलग-अलग आदेश दिए हैं, उनकी जानकारी कर लीजिए. जैसे बांबे हाईकोर्ट ने सभी अग्रिम व अंतरिम जमानतें 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी हैं.
8. कंज्यूमर कोर्ट में फैसले की तारीख थी, कोर्ट बंद है. केस खारिज तो नहीं हो जाएगा?
लेबर कोर्ट, कंज्यूमर कोर्ट, सभी ट्रिब्यूनल इस समय बंद हैं. जब अदालत दोबारा खुलेगी तो फैसला आएगा. केस खारिज होना तथ्यों पर निर्भर होता है. कोर्ट बंद होने से उसका कोई लेना-देना नहीं है.
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