शेयर बाजार में वापसी या और गिरावट, पढ़िए विशेषज्ञों की राय

निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि मंगलवार की छुट्टी के बाद जब शेयर बाजार खुलेंगे तो किस ओर जाएंगे? यह गिरावट अब थामेगी या बिकवाली जारी रहेगी?

कोरोना के बाद तेल की फिसलन से लड़खड़ाया बाजार
कोरोना के बाद तेल की फिसलन से लड़खड़ाया बाजार

कोरोना के काले साये से दुनियाभर के बाजार निकल नहीं पाए कि उससे पहले तेल की फिसलन में लड़खड़ा गए. 1991 के बाजार कच्चे तेल की कीमतों में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट, भारत समेत एशिया. यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में गिरावट की वजह बनी. बीते एक महीने में शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी 9 फीसदी से ज्यादा टूट गए.

होली से ठीक पहले सोमवार के सत्र में सेंसेक्स 1941 अंक की गिरावट के साथ 35634 के स्तर पर और निफ्टी 538 टूटकर 10451 के स्तर पर बंद हुआ. बाजार में गिरावट चौतरफा थी यही कारण है कि सेंसक्स में शामिल सभी तीस स्टॉक्स लाल निशान में बंद हुए. मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी 5 फीसदी से ज्यादा टूटे.

अब निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि मंगलवार की छुट्टी के बाद जब शेयर बाजार खुलेंगे तो किस ओर जाएंगे? यह गिरावट अब थामेगी या बिकवाली जारी रहेगी? गौरतलब है कि होली की छुट्टी के कारण केवल भारतीय बाजार में कारोबार बंद होगा जबकि दुनिया के अन्य बाजार सामान्य दिनों की तरह ही काम करेंगे.

बाजार विशेषज्ञ अरुण केजरीवाल कहते हैं, ‘’कोरोना के असर से बाजार पहले ही दवाब में थे अब तेल की कीमतों को लेकर शुरू हुई लड़ाई ने इस गिरावट को और गहरा दिया.’’ अब देखना यह होगा कि तेल उत्पादन करने वाले अन्य देश किसके साथ खड़े होते हैं आने वाले दिनों में ओपेक क्या रणनीति बनाता है? कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता आने के बाद ही बाजार की गिरावट भी थमेगी.

केजरीवाल आगे कहते हैं, ‘’इस हफ्ते बाजार कम से कम छोटी अवधि के लिए अपना निचला स्तर बना लेगा.’’ यानी आने वाले हफ्ते से बाजार में अफरा-तफरी का माहौल शांत होगा. छोटे निवेशकों को अफरा-तफरी में सौदे बनाने से बचने की सलाह है. बाजार में स्थिरता आने के बाद मजबूत फंडामेंट वाले शेयरों में खरीदारी की जा सकती है.

चार्ट पर उभरती संरचनाओं को पढ़कर टेक्निकल एनालिस्ट कुनाल सरावगी बताते हैं कि 10000 का स्तर निफ्टी के लिए बेहद अहम है. किसी भी स्थिति में अगर यह स्तर निफ्टी पर टूटता है तो बाजार में गिरावट और अधिक बढ़ जाएगी और नीचे की ओर 9200 के स्तर भी देखने को मिल सकते हैं.’’ 10000 से 10500 का दायरा निफ्टी के लिए मजबूत सपोर्ट का काम करेगा. बाजार में वापसी होने पर कुनाल निवेशकों को घरेलू खपत पर आधारित कंपनियों में निवेश की सलाह दे रहे हैं. उदाहरण देते हुए वे बाटा इंडिया, टाइटन जैसी कंपनोयं का जिक्र करते हैं.

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