राजस्थान: CM भजन लाल ने 34 IPS अफसरों को सौंपी नई जिम्मेदारी, इन तबादलों पर हैरानी क्यों?
भजन लाल शर्मा ने राज्य की पुलिस व्यवस्था में भारी फेरबदल किया और अब सबकी नजरें इन नियुक्तियों-तबादलों पर

भारत में राजनीति कभी भी किसी चीज से पूरी तरह गायब नहीं होती. नौकरशाही के फेरबदल भी इससे अछूते नहीं रहते. इसलिए, इस संदर्भ में एक अनकहा तथ्य फिट बैठता है—भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बने करीब दो साल होने को आए हैं और वे अभी भी अधिक अधिकार हासिल करने की कोशिश में लगे हैं. फिर भी, राजस्थान पुलिस के आला अफसरों में उन्होंने जो व्यापक बदलाव किया है, उसकी वजह कामकाज के तौर-तरीके ज्यादा लगते हैं.
जिस पैमाने पर इन्हें फेंटा गया सबकी नजरें उस पर गई हैं. 34 आइपीएस अफसरों को नई जिम्मेदारियां दी गई हैं. ऐसे में कुछ लोगों का लग रहा है कि कहीं इसमें निहित स्वार्थ तो नहीं छिपे हैं. खासकर कुछ तबादलों पर हैरानी हुई. मगर कुल मिलाकर, इसमें पेशेवर, पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा का हाथ दिखता है, जिन्हें मुख्यमंत्री की मंजूरी मिली. यह उस परंपरा में ठोस बदलाव है जहां सत्ताधारी दल के शीर्ष लोग ही इसका फैसला करते रहे हैं.
शीर्ष पर कौन है?
खास बात यह कि महानिदेशक (डीजी) रैंक के अफसरों को उन अहम विभागों में तैनात किया गया जो पहले अतिरिक्त महानिदेशकों के अधीन होते थे. जयपुर पुलिस कमिशनरी में एक नया पद—विशेष आयुक्त (संचालन)—बना है जिससे शीर्ष स्तर पर पुलिस व्यवस्था को आधुनिक बनाने का इरादा झलकता है.
नए ढांचे में डीजी संजय कुमार अग्रवाल को कानून-व्यवस्था का प्रभारी बनाया गया है जबकि स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) और आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के पूर्व प्रमुख वी.के. सिंह को उनके एडीजी के रूप में लगाया गया है. डीजी आनंद कुमार श्रीवास्तव संकटों से चतुराई से निबटने में माहिर हैं, जिसमें अशोक गहलोत सरकार को गिराने की बदनाम कोशिश भी शामिल है. उन्हें एसओजी और एटीएस दोनों की कमान सौंपकर मुख्यधारा में वापस लाया गया है.
एक बहुचर्चित तबादला एडीजी दिनेश एम.एन. का है. उन्हें अपराध विभाग से एटीएस भेजा गया है. अपराध विभाग सियासी रूप से संवेदनशील मामलों को संभालता रहा है, ऐसे में वहां से उनको हटाए जाने से प्राथमिकताओं को नए सिरे से तय करने का संकेत मिलता है. डीजीपी शर्मा ने बताया, ''हमारा फोकस सफेदपोश और साइबर अपराध, नशीले पदार्थ, गैंगस्टर और आतंकवाद पर है.'' पश्चिमी राजस्थान में मादक पदार्थ के तस्करों के खिलाफ मजबूत रिकॉर्ड के लिए ख्यात आइजी विकास कुमार को इस इकाई का मुखिया बनाया गया है.
वहीं, एसओजी को एटीएस से अलग किया गया है क्योंकि दोनों के कामकाज के तरीके में काफी अंतर होने से इसकी लंबे वक्त से मांग की जा रही थी. एडीजी विशाल बंसल को आर्थिक अपराधों से निबटने और साइबर अपराध क्षमताओं को आधुनिक बनाने का काम सौंपा गया है.
सबसे स्पष्ट बदलाव जयपुर पुलिस में हुआ है, जहां कमिशनर का पद स्वाभाविक रूप से प्रतिष्ठित और सियासी रूप से संवेदनशील पद है. एक चौंकाने वाले फैसले के तहत कांग्रेस शासन में नियुक्त बीजू जी. जोसफ की जगह एक लो-प्रोफाइल अधिकारी एडीजी सचिन मित्तल को तैनात किया गया है. आइजी राहुल प्रकाश को कमिशनर (विशेष अभियान) के साथ नया पद मिला है. अच्छी नियुक्ति से चूकने वाले अधिकारियों की आम नाराजगी को छोड़ दें तो कुल मिलाकर यह कवायद कामकाज के तरीके को ज्यादा कारगर बनाने का मामला मानी जा रही है.
खास बातें
> 34 आइपीएस अधिकारियों को नई जिम्मेदारी दी गई, डीजी रैंक के पुलिस अधिकारी अहम विंग देखेंगे.
> आतंकी गतिविधियों की आशंका को देखते हुए एटीएस को मजबूत किया गया.