ओडिशा: क्यों माझी सरकार में महिलाओं के खिलाफ नहीं घट रहे अपराध?

पुरी में 15 साल की एक और पीड़ित लड़की की खबरों के साथ ओडिशा आक्रोश में जल रहा. मगर हर बार की तरह गुस्से और आलोचनाओं की रस्म दोहराई जा रही है.

बालेश्वर में छात्र-छात्राएं मोमबत्ती जलाकर विरोध-प्रदर्शन करते हुए

अभी ओडिशा बालेश्वर में 12 जुलाई के आत्मदाह के मामले से उबरने की कोशिश कर ही रहा था कि एक और भयावह घटना ने उसे झकझोर डाला. इसने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा की बदतर होती स्थिति को और ज्यादा उजागर कर दिया.

पुरी जिले के बालंगा क्षेत्र में 19 जुलाई को तीन अज्ञात पुरुषों ने दिन के उजाले में 15 साल की एक लड़की को अगवा कर लिया और उसे आग के हवाले कर दिया. एक आवासीय क्षेत्र में आग में लिपटी हुई वह लड़की मदद की गुहार लगाती दौड़ती रही.

एक प्रमुख गवाह दुखीश्याम सेनापति ने बताया कि लड़की उसके घर की ओर भागी. दुखीश्याम और उसके परिवार ने आग बुझाने में मदद की और उसे कपड़े दिए. गंभीर हालत के बावजूद लड़की ने उन्हें बताया कि तीन लोगों ने मोटरबाइक पर उसका अपहरण कर लिया, उसे भार्गवी नदी के किनारे ले गए, उस पर मिट्टी का तेल डाला और आग लगा दी. पीड़िता को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फिर एम्स भुवनेश्वर ले जाया गया. 20 जुलाई को ओडिशा सरकार ने उसे एयरलिफ्ट कर एम्स, नई दिल्ली भेजा. वह करीब 70-75 फीसद जल चुकी थी.

पुलिस जांच में घटना के क्रम की पुष्टि हुई. लड़की एक स्कूल ड्रॉपआउट थी और घटना के दिन अपने चाचा के पास जा रही थी. पूछताछ के लिए उसके कुछ रिश्तेदारों समेत आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है.

इस घटना ने सियासी तूफान उठा दिया और जनता में नाराजगी है. पहले पुरी में बालंगा थाने, और फिर एम्स भुवनेश्वर के बर्न्स यूनिट के बाहर प्रदर्शन भड़क उठे. पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा. फकीर मोहन कॉलेज आत्मदाह मामले के बाद से ओडिशा में स्त्रियों के साथ हिंसा के खिलाफ लोगों का विरोध-प्रदर्शन अनवरत जारी है और उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

पूर्व मुख्यमंत्री और बीजद नेता नवीन पटनायक ने भी इसको लेकर अपने सोशल मीडिया हैंडल से भाजपा शासन के खिलाफ एक हफ्ते में दूसरी बार हमला बोला. उन्होंने लिखा, ''महिलाओं के खिलाफ ऐसी अप्रत्याशित घटनाएं ओडिशा में अब लगभग रोजाना दर्ज की जा रही हैं...यह दिखाता है कि मौजूदा सरकार में अपराधी बेलगाम हो गए हैं और उन्हें सजा मिलने का कोई डर नहीं है.''

बचाव की मुद्रा में
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अफसोस जताने की रस्म निभाई और कहा कि सरकार पीड़िता के लिए सर्वोत्तम इलाज सुनिश्चित करेगी. उन्होंने पूरी गहराई के साथ इस मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया. मगर बालेश्वर की घटना के बाद अब इस मामले से जनता में आक्रोश है. खासकर इस तथ्य को लेकर कि बालेश्वर में 20 वर्षीय पीड़िता को संस्थागत उदासीनता और यौन उत्पीड़न के विरोध में आत्मदाह करने को मजबूर होना पड़ा.

खास बातें

> पुरी के पास 15 साल की एक लड़की को अगवा कर लिया गया और उसे आग के हवाले कर दिया गया.

> लोगों का विरोध-प्रदर्शन और सियासी हमला जारी.

> बालेश्वर के मामले के बाद अब इस घटना से माझी सरकार निशाने पर.

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