खास रपटः महक का काला कारोबार
पीयूष जैन के घर की दीवारें खोखली थीं जिनमें नोटों की गडिड्यां छुपाई गई थीं. उन्हें खोदते ही 177 करोड़ रुपए फर्श पर बिखर गए. जैन के घर से बरामद 23 किलो सोने में 12 किलो सोना विदेशी था जिस पर दुबई और स्विट्जरलैंड का मार्क लगा था

साल 2018 में अजय देवगन अभिनीत बॉलीवुड फिल्म 'रेड' आई थी. फिल्म में लखनऊ में तैनात आयकर उपायुक्त अमय पटनायक (अजय देवगन) को सीतापुर के बाहुबली नेता रामेश्वर सिंह के पास जमा किए गए काले धन की जानकारी मिलती है. अमय पटनायक अपनी टीम को लेकर रामेश्वर सिंह की सीतापुर स्थित कोठी में छापा मारते हैं. काफी प्रयास के बाद अंतत: कोठी की दिवारों, छत पर छिपाए गए करोड़ों रुपए के नोटों की गड्डियां और सोना पकड़ में आता है.
हूबहू 'रेड' फिल्म जैसा नजारा लखनऊ से 80 किलोमीटर कानपुर में दिखा बस किरदार बदले हुए थे. कर चोरी के अंदेशे में महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआइ) अहमदाबाद की एक टीम ने कानपुर के किदवई नगर के पास आनंदपुरी इलाके में मौजूद पीयूष जैन के घर पर छापा मारा. पीयूष जैन पान मसाला में महक के लिए इस्तेमाल में आने वाले रासायनिक कंपाउंड बनाने का काम करता है. टैक्स चोरी कर अवैध धन छिपाए जाने की जांच करने पहुंचे डीजीजीआइ अफसरों को 3000 वर्ग फिट में फैले पीयूष जैन के घर की कुछ दीवारें अलग तरह की लगीं.
इन दीवारों को ठोंका तो यह अंदर से ये खोखली थीं. दीवारों को तोड़ा गया तो अंदर से नोटों के बंडल गिरने लगे. पांच सौ और दो सौ के नोटों के यह बंडल कागज और पॉलिथिन में पैक थे. घर के एक कोने में छिपा कर रखी गईं अलमारियों में भी नोटों के बंडल मिले. बेडरूम में प्लाई और रैक्सीन के बने शोपीस को तोड़ने पर इनसे भी नोटों के बंडल गिरने लगे. आलम यह था कि पीयूष जैन के घर की फर्श नोटों की गड्डियों से पट गया था. नोटों को गिनने के लिए पहले से लगाई गई चार मशीने कम पड़ गईं तो अगले दिन यानी 24 दिसंबर को 13 और मशीनें मंगानी पड़ी. रुपयों को रखने के लिए स्टील के 80 बक्से और एक कंटेनर भी मंगाए गए.
आनंदपुरी में जांच कर रही डीजीजीआइ टीम के कुछ अधिकारी 24 दिसंबर को पीयूष जैन के बेटे प्रत्युष जैन को लेकर कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ले में पहुंचे. यहां पीयूष जैन के पैतृक आवास की जांच शुरू की गई. करीब 80 घंटे से अधिक की कार्रवाई के बाद डीजीजीआइ अहमदाबाद की टीम को पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित घर से 177.45 करोड़ रुपए नकद बरामद हुए. कन्नौज के इस घर से 17 करोड़ रुपए नकद, सोने के बिस्कुट और छह करोड़ रुपए का चंदन का तेल बरामद हुआ. छापेमारी में पीयूष पर 31.50 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का मामला बना है. कंपाउंड कारोबारी पीयूष जैन को टैक्स चोरी के आरोप में धारा 132 (1) और 69 सेंट्रल जीएसटी की धाराओं में एफआइआर दर्ज कर जेल भेज दिया गया है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ( सीबीआइसी) के इतिहास में कानपुर में कंपाउंड कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों से 177 करोड़ रुपए की नकद बरामदगी एक कीर्तिमान बन गयी है.
'आपरेशन बिग बाजार'
सीबीआइसी और डीजीजीआइ के इतिहास में नकद की सबसे बड़ी बरामदगी के सफल अभियान के पीछे भारतीय राजस्व सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और वर्तमान में डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस, अहमदाबाद के कार्यालय में तैनात एडीशनल डायरेक्टर जनरल विवेक प्रसाद का दिमाग है. सितंबर 2019 में गुजरात के कांडला पोर्ट में 400 करोड़ रुपए के आइटीसी घोटाले का पर्दाफाश करने वाले विवेक प्रसाद कानपुर और लखनऊ में भी तैनात रह चुके हैं. तैनाती के अनुभवों के आधार पर विवेक प्रसाद को पान मसाला और उससे जुड़े कच्चे माल के कारोबार में होने वाली टैक्स चोरी पकड़ने में पारंगत माना जाता है. करीब दो महीने पहले डीजीजीआइ, अहमदाबाद के अधिकारियों ने गुजरात में पान मसाला लदे चार ट्रक पकड़े थे जो अवैध रूप से अहमदाबाद और आसपास के इलाकों में पान मसाला सप्लाई करने पहुंचे थे.
ट्रक पर लगे फास्ट टैग की जांच में पता चला कि जिस मार्ग के लिए ई-वे बिल जारी हुआ है उससे इतर रास्ते पर ट्रक पान मसाला सप्लाई करने जा रहे थे. कानपुर में तैनात एक वाणिज्य कर अधिकारी बताते हैं, ''जांच में पता चला कि कानपुर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित 'गणपति रोड कैरियर' के ट्रक पर लदा शिखर पान मसाला 'त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस प्राइवेट लिमिटेड' का है.'' इसी के बाद से विवेक प्रसाद ने कानपुर के जीएसटी अधिकारियों को एलर्ट कर दिया और गुपचुप आपरेशन 'बिग बाजार' शुरू किया गया. 22 दिसंबर को कानपुर पहुंची डीजीजीआइ, अहमदाबाद की टीम ने स्थानीय अफसरों को शहर के दक्षिकणी इलाके में मौजूद बिग बाजार में बुलाया.
यहां से अफसरों को गाड़ी में बिठाकर एक सीलबंद लिफाफा थमाया गया जिसमें शिखर पान मसाला बनाने वाली कंपनी त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस प्राइवेट लिमिटेड और गणपति रोड कैरियर के मालिक प्रवीण जैन के ठिकानों पर छापेमारी करने संबंधी आदेश और जरूरी निर्देश थे. ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन के घर से 45 लाख और आफिस से 56 लाख रुपए की नकदी मिली. इनसे 3.09 करोड़ रुपए का टैक्स जमा कराया गया. वहीं शिखर पान मासले के गोदाम में छापे के दौरान जांच दल को 'एसेंस' सप्लाई करने वाले पीयूष जैन के बारे में जानकारी मिली थी. इसी के बाद से पीयूष जैन के ठिकानों पर छापेमारी शुरू हुई. केंद्र और राज्य सरकार के 35 अधिकारी और 85 कर्मचारी अलग-अलग जगहों पर हुई छापेमारी में शामिल रहे.
क्या कानपुर काला धन छिपाने का केंद्र बनता जा रहा है? कानपुर में व्यवसायिक टैक्स मामलों के जानकार वकील दीपक तोमर कहते हैं, ''कानपुर पान मसाला और गुटखा व्यापार का देश का सबसे बड़ा केंद्र है. पान मसाले पर केंद्र और राज्य जीएसटी मिलाकार कुल 28 प्रतिशत टैक्स लगता है. इसके अलावा केंद्र सरकार इन उत्पादों का उपयोग हतोत्साहित करने के लिए इनपर 60 फीसदी सेस भी लगाती है. इतना भारी भरकम टैक्स ही पान मसाला और गुटखा के अवैध कारोबार की जड़ है.''
सादा जीवन तुच्छ विचार
पान मसाला की आड़ में टैक्स चोरी करने वाले कैसे बच निकलते हैं? कानपुर में छह वर्ष तक तैनात रहे उप वाणिज्य कर आयुक्त विवेकानंद कुमार बताते हैं, ''ज्यादातर अवैध कारोबार करने वाले काफी सादगी से रहते हैं ताकि यह किसी की नजर में न आएं. यह अपनी कंपनी का सालाना टर्न ओवर भी काफी कम ही रखते हैं. इसका पूरा टैक्स समय पर जमा करते हैं. इससे जीएसटी और आयकर विभाग की नजर इन पर नहीं पड़ती है. चूंकि यह अपना अवैध कारोबार नकद करते हैं इसलिए यह काफी धन छिपाकर रखते हैं.'' अरबों के अवैध कारोबार के मालिक पीयूष जैन कन्नौज शहर में प्रिया स्कूटर और सैंट्रो कार लेकर ही घूमते थे. पीयूष जैन ने वर्ष 2007 में कानपुर के आनंदपुरी में मकान खरीदा था जहां इनके बेटे प्रत्यूष और प्रियांश रहते हैं. कन्नौज के उत्तरी इलाके में मौजूद छिपट्टी मोहल्ले में जैन स्ट्रीट के नाम जाने वाले इलाके में बेहद संकरी गली के एक कोने पर पीयूष जैन का पुश्तैनी मकान है. मोटी दीवारें, महंगे एयरकंडीशनर, स्टील की रेलिंग और दरवाजे इस कोठी को दूसरे मकानों से अलग करते हैं.
आनंदपुरी और कन्नौज के मकानों में सीसीटीवी कैमरा न लगे होने के कारण जांच अधिकारियों को यह पता लगाने में दिक्कत हो रही है कि अकूत धन और सोना पीयूष जैन के मकान में कैसे पहुंचा? पीयूष जैन के घर से बरामद 23 किलो सोने में से 12 किलो सोना विदेशी है. सोने की इन सिल्लियों पर दुबई और स्विट्जरलैंड का मार्क लगा है. जांच टीम यह पता लगाने में जुटी है कि यह सोना कहां से और कब आया है? इसके पीछे किसी अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गिरोह का हाथ है या फिर जल्द अमीर बनने के चक्कर में पीयूष ने हवाला कारोबार के जरिए सोने की तस्करी शुरू की है. राज्य जीएसटी विभाग के एक अधिकारी बताते हैं, ''पीयूष जैन के पिता महेश जैन करीब 15 वर्ष से अधिक समय तक विदेश में रहे. वह किस देश में रहे? कब-कब भारत आए? विदेश में उनका क्या व्यापार था? इन सब बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी गई है.''
'समाजवादी इत्र'
साल 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पीयूष जैन के घर पर मिले करीब 194 करोड़ रुपए को लेकर राजनीति भी उफान पर है. 28 दिसंबर को मेट्रो का उद्घाटन करने कानपुर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में पीयूष जैन के घर से मिले रुपयों के जरिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा.
मोदी ने कहा, ''2017 के पहले भ्रष्टाचार का जो इत्र इन्होंने पूरे यूपी पर छिड़क रखा था, वो फिर सबके सामने आ गया है. लेकिन वे अब मुंह पर ताला लगाकर बैठे हैं. श्रेय लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. नोटों का जो पहाड़ पूरे देश ने देखा वही उनकी उपलब्धि और सच्चाई है.'' कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ले के जैन स्ट्रीट में पीयूष जैन के घर के करीब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी और सपा एमएलसी पुष्पराज जैन उर्फ पंपी का भी मकान है. पुष्पराज जैन ने चार साल पहले 'समाजवादी इत्र' लांच किया था. भाजपा पीयूष जैन के घर पर मिले करोड़ों रुपयों को पुष्पराज के जरिए साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा को फंडिंग करने के लिए लाए जाने का आरोप लगा रही है.
कन्नौज के बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक कहते हैं, ''पीयूष जैन और पुष्पराज के मकान आसपास है. पीयूष के मकान में अचानक इतना पैसा मिले और पुष्पराज को कोई जानकारी न हो यह बात समझ में नहीं आती.'' हालांकि पुष्पराज जैन भाजपा के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहते हैं,''भाजपा के लोग चुनाव से पहले अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे है. पीयूष से मेरा कोई कारोबारी रिश्ता नहीं है.