समाचार सारः है कोई सीएम?

मोदी-शाह जोड़ी की मंशा विधानसभा चुनाव को सीधे ममता बनाम मोदी की जंग बनाने की है, इसलिए किसी मुख्यमंत्री चेहरे पर चुनाव लड़ने का विचार छोड़ दिया गया

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाया तो केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो इस लॉबिइंग में शिद्दत से जुट गए कि उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नारे 'बांग्लार मेये' (बंगाल की बेटी) के बरअक्स 'बांग्लार छेले' (बंगाल का बेटा) की तरह पेश किया जाए.

लेकिन फिल्मी अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती की भाजपा में आमद से सुप्रियो का मन खट्टा हो गया. गायक सुप्रियो भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार कहलाने की उम्मीद पाल बैठे थे, लेकिन राज्य भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय कुछ और ही फिराक में थे.

क्रिकेटर सौरभ गांगुली को पार्टी में लाने की योजना सिरे नहीं चढ़ी तो उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को मिथुन को मनाने के लिए राजी कर लिया.

अलबत्ता, मोदी-शाह जोड़ी की मंशा विधानसभा चुनाव को सीधे ममता बनाम मोदी की जंग बनाने की है, इसलिए किसी मुख्यमंत्री चेहरे पर चुनाव लड़ने का विचार छोड़ दिया गया. सुप्रियो शायद अभी भी उम्मीद पाल सकते हैं.

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