अयोध्याः नई पहचान के लिए संवरती अयोध्या

मुख्यमंत्री के आदेश पर अयोध्या को एक वैदिक सिटी के तौर पर विकसित करने की कार्य-योजना बन रही है. वहीं सरयू नदी के किनारे इक्ष्वाकुपुरी बसाने का खाका तैयार किया गया है.

राम की पैड़ी अयोध्या की पहचान बन चुकी राम की पैड़ी का विस्तार किया जा रहा है
राम की पैड़ी अयोध्या की पहचान बन चुकी राम की पैड़ी का विस्तार किया जा रहा है

लखनऊ-गोरखपुर हाइवे पर अयोध्या में सरयू नदी के पुल से करीब पांच किलोमीटर पहले धर्मूपुरवा गांव से गुजरते हुए अचानक रोड-रोलर, जेसीबी, बिल्डिंग मैटीरियल मिक्सर जैसी बड़ी मशीनों की गडग़ड़ाहट बढ़ जाती है. सड़क के दाहिनी ओर हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप से सटा पौने पांच एकड़ में फैला 40 प्लेटफार्म वाला अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा आकार लेता दिखाई पड़ता है. अगले वर्ष फरवरी तक तैयार होने वाला यह बस अड्डा अयोध्या को एक नई पहचान देगा. यहां से देश के कई राज्यों और नेपाल की ओर 'तीर्थ सर्किट' के रूप में बसें चलाई जाएंगी.

इसी गोरखपुर हाइवे पर सरयू नदी की तरफ आगे बढऩे पर बाईं ओर 'अयोध्या कट' पर मुड़ते ही चमचमाती फोर लेन सड़क अयोध्या की विकास रेखा के साथ पर्यटन रेखा के रूप में भी तब्दील हो रही है. दाहिनी ओर रामकथा पार्क, अंतरराष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय, कोरिया पार्क, नया घाट से गुजरते हुए यह सड़क सरयू के किनारे चौधरी चरण सिंह घाट की ओर ले जाती है. इस घाट के दाहिनी ओर धनुषाकार भजन संध्या स्थल का कार्य अपने अंतिम चरण में है. पांच हजार की क्षमता वाले इस अनोखे ओपन एयर थियेटर को अयोध्या में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए तैयार किया जा रहा है. स्टेडियमनुमा शक्ल में बने इस भजन संध्या स्थल में विश्वस्तरीय लाइट-साउंड सिस्टम दर्शकों को एक यादगार अनुभव देगा. इसी भजन संध्या स्थल के ठीक सामने अयोध्या की पहचान बन चुकी राम की पैड़ी है.

आने वाले समय में अयोध्या में पर्यटकों की भीड़ बढऩे के मद्देनजर राम की पैड़ी का विस्तार किया जा रहा है. अब राम की पैड़ी की लंबाई 450 फुट और बढ़कर नया घाट के सामने हनुमानगढ़ी रोड से लेकर चौधरी चरण सिंह घाट तक होगी. पैड़ी में पानी को रोककर घाटों को पक्का किया जा रहा है. इसमें पानी की निरंतरता बनाए रखने के लिए 10-10 क्यूसेक के 4 पंपों की जगह 40-40 क्यूसेक के छह पंप लगाए गए हैं. इनमें से पांच पंप नियमित चलेंगे और एक पंप रिजर्व रहेगा. अब पांच गुना अधिक 200 क्यूसेक पानी राम की पैड़ी को लबालब रखने के साथ स्वच्छ बनाए रखेगा. अगले पड़ाव के रूप में राम की पैड़ी पर नियमित लाइट एंड साउंड शो के जरिए भगवान राम के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा.

मार्च, 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न केवल नियमित अयोध्या आये बल्कि बीते ढाई वर्ष में इस धार्मिक नगरी के विकास के लिए 2,000 करोड़ रु. से ज्यादा  की योजनाओं की घोषणा कर चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट के जरिए अयोध्या विवाद का हल होने के बाद इस राम नगरी में विकास योजनाओं ने तेजी पकड़ी है (देखें ग्राफिक्स). प्रदेश सरकार वर्ष 2020 तक अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त एक शहर बनाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है.

इक्ष्वाकुपुरी बसाने की तैयारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अयोध्या को एक वैदिक सिटी के तौर पर विकसित करने की कार्ययोजना बनी है. योगी सरकार ने कंबोडिया के सीएम रीप (अंकोरवाट) की तरह अयोध्या में सरयू के किनारे 'इक्ष्वाकुपुरी' बसाने का खाका तैयार किया है. इस नए आध्यत्मिक सांस्कृतिक शहर का एक किनारा अयोध्या का पौराणिक गुप्तार घाट होगा. मान्यता है कि भगवान राम ने अपने भाइयों के साथ सरयू के किनारे गुप्तार घाट पर ही जल समाधि ली थी. गुप्तार घाट पर पूजा-पाठ कराने वाले पंडित गणेश पांडेय बताते हैं, ''इस घाट की स्थिति ऐसी है कि यहां सरयू नदी उत्तरवाहिनी है. वह दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है. इसीलिए इस घाट को अयोध्यापुरी का मस्तक भी कहा जाता है.''

इस पौराणिक महत्व को देखते गुप्तार घाट से राम जन्मभूमि तक 1,800 एकड़ से ज्यादा भूमि पर 'इक्ष्वाकुपुरी' इको और ग्रीन सिटी के रूप में विकसित की जाएगी. फिलहाल यह जमीन गोंडा जिला प्रशासन, वन विभाग, उद्यान विभाग और नजूल के अंतर्गत है. गुप्तार घाट से राम जन्मभूमि तक कुछ इस तरह से रिवर फ्रंट बनाया जाएगा जिससे यहां से सीधे राम जन्मभूमि मंदिर दिखाई पड़े. इस फ्रंट पर केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही चलेंगे. यह नई बसने वाली नगरी विश्व भर में वैदिक ज्ञान का स्रोत भी बनेगी. इसके लिए यहां पर एक वैदिक यूनिवर्सिटी और वैदिक रिसर्च इंस्टीट्यूट खोलने की योजना है.

इक्ष्वाकुपुरी का विकास भारत की नागर, द्रविड़ और बेसर तीनों मंदिर वास्तु शैलियों के समायोजन से किया जाएगा. यहां पर देश के सभी राज्यों को भी जमीन आवंटित की जाएगी. यहां पर हर राज्य अपने यहां के सबसे प्रसिद्ध मंदिर या तीर्थ स्थल की प्रतिकृति स्थापित करेगा. अयोध्या में स्थापित होने वाली 251 मीटर ऊंची राम की प्रतिमा को इक्ष्वाकुपुरी में स्थापित करने पर मंथन शुरू हो गया है. अभी तक यह प्रतिमा अयोध्या में सरयू नदी पर बने रेल ब्रिज और गोरखपुर हाइवे पुल के बीच की जगह पर प्रस्तावित थी. पर्यटन विभाग के एक अधिकारी बताते हैं, ''एक तकनीकी कमेटी ने दोनों पुलों के बीच राम की प्रतिमा स्थापित होने से पुल के वाइब्रेशन से इसे नुक्सान होने का अंदेशा जाहिर किया है.''

हालांकि प्रदेश सरकार ने मूर्ति निर्माण के लिए 117 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद बनी कार्ययोजना में राम की प्रतिमा को राम जन्मभूमि के पीछे जमथरा इलाके में स्थापित किए जाने की संभावना बढ़ गई है. इस जगह पर राम प्रतिमा का मुंह पूर्वी दिशा में होने के साथ यह राम जन्मभूमि मंदिर की तरफ भी होगा. इक्ष्वाकुपुरी से जुड़े प्रस्ताव को संबंधित विभागों को भेजकर इस पर आने वाले खर्च का आकलन कराया जा रहा है.

बड़ा होगा शहर

अयोध्या जिला पहले दो भागों में बंटा हुआ था, फैजाबाद और अयोध्या नगर पालिका परिषद. यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद इन दोनों को मिलाकर अयोध्या नगर निगम बनाया गया. अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय बताते हैं, ''सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से अयोध्या आने वाले श्रद्घालुओं की संख्या में भारी इजाफा होगा. मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने के लिए और जमीन की जरूरत पड़ेगी. इसे ध्यान में रखते हुए अयोध्या नगर निगम सीमा का विस्तार करने की तैयारी है.'' अयोध्या नगर निगम का विस्तार करने के लिए 41 राजस्व गांवों को इसमें शामिल करने का प्रयास चल रहा है.

इनके शामिल होने से अभी 35 वर्ग किलोमीटर में फैला शहर 90 वर्ग किलोमीटर में फैल जाएगा. योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा भी की है. अयोध्या के नगर आयुक्त नीरज शुक्ल पर पौराणिक महत्ता वाले शहर को 'स्मार्ट' बनाने की जिम्मेदारी है. शुक्ल बताते हैं, ''अयोध्या शहर में करीब 14 करोड़ रुपए की लागत से इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया जा रहा है. शहर के सभी चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों के साथ पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया जाएगा. एक कंट्रोल रूम भी बनेगा जिससे 40 टीवी स्क्रीनों से पूरे शहर की निगरानी होगी.'' शहर की सभी बिजली लाइनें अंडरग्राउंड की जा चुकी हैं.

अयोध्या को साफ-सुथरा बनाने के लिए शहर के सभी 60 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने की शुरुआत की गई है. कूड़ा निस्तारण के लिए एक बड़ा प्लांट लगाने की तैयारी भी चल रही है. सरयू नदी को स्वच्छ रखना अयोध्या प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. नदी में गंदे पानी वाले कुल आठ नाले गिरते हैं. इन नालों को आपस में जोड़कर इनका पानी को सीधे रामघाट पर बने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ले जाने की कोशिश चल रही है. रामघाट पर बने 12 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा एक 32 एमएलडी का प्लांट लगाने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है.

अयोध्या की सीवेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यहां एक एसटीपी, दो सीवेज पक्विपंग स्टेशन, एक मेन पम्पिंग स्टेशन और 72 किलोमीटर लंबे सीवरेज नेटवर्क के रखरखाव की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को सौंप सौंपी गई है. अयोध्या में सबसे ज्यादा दिक्कत पीने के पानी को लेकर है. यहां पिछले दो वर्षों में आठ हजार घरों में पीने का पानी पाइपलाइन से पहुंचाया जा सका है. अयोध्या में पेयजल सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए पांच नई पानी की टंकियां बनाई जाएंगी. महापौर उपाध्याय बताते हैं, ''नगर निगम अगले दो वर्ष में अयोध्या के सभी घरों को पीने का साफ पानी पहुंचाने का लक्ष्य लेकर कार्य कर रहा है.''

पर्यटन को पंख

अयोध्या में दीपावली के मौके पर दीपोत्सव के आयोजन ने देश-विदेश में राम नगरी को अलग पहचान दिलाई है. आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं. वर्ष 2017 में अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या 20 लाख बढ़कर 1.75 करोड़ हो गई थी. यह सिलसिला अगले वर्ष 2018 में भी जारी रहा जब यहां 1.92 करोड़ पर्यटक पहुंचे. अयोध्या में पर्यटकों की शानदार मेजबानी हो, इसकी कमान यहां के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने संभाल रखी है. झा बताते हैं, ''अयोध्या में पर्यटकों के ठहरने के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से छह होटल खोलने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है.''

अयोध्या में शुरू हुई योजनाओं के लिए भूमि के इंतजाम से लेकर निर्माण कार्य की गुणवत्ता की निगरानी का कार्य स्वयं अनुज कुमार झा संभाले हुए हैं. पर्यटकों को अयोध्या की धरोहरों से रूबरू कराने के लिए प्रशासन जल्द ही हेरिटेज वॉक शुरू करेगा. अयोध्या के नगर आयुक्त नीरज शुक्ल बताते हैं, ''दो तरह की हेरिटेज वॉक होगी. पहली किसी प्रमुख स्थल से पैदल शुरू होकर हनुमान गढ़ी, दशरथ महल, कनक भवन, रामलला मंदिर, सरयू स्नान कराकर दो घंटे में वापस आ जाएगी. इसमें अधिकतम 20 पर्यटक शामिल हो सकेंगे. दूसरी हेरिटेज वॉक एसी बस से होगी. इसमें सुबह आठ बजे से शाम छह बजे के बीच अयोध्या के 25 किलोमीटर के दायरे में मौजूद प्रमुख धार्मिक स्थलों की सैर कराई जाएगी.''

पर्यटकों की संख्या बढऩे के साथ अयोध्या में टूरिस्ट गाइड की समस्या भी आ खड़ी हुई है. इसके लिए प्रशासन ने अवध विश्वविद्यालय में टूरिज्म गाइड में डिप्लोमा रखने वाले युवकों को ट्रेनिंग दिलाकर टूरिस्ट के रूप में तैयार करने का निर्णय लिया है. ये टूरिस्ट गाइड न केवल अयोध्या के धार्मिक और पर्यटन स्थलों के बारे में पूरी जानकारी रखेंगे बल्कि फर्राटेदार अंग्रेजी और हिंदी में बात भी करेंगे. पर्यटकों को अयोध्या में प्रवेश करते ही राम नगरी में आने का अहसास हो, इसके लिए नगर निगम शहर के सभी चौराहों का सौंदर्यीकरण करने के अलावा इनका नामकरण रामायणकालीन महापुरुषों के नाम पर करने जा रहा है.

तैयार है पुलिस

राममंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद सुलझने के बाद अयोध्या में पर्यटकों और श्रद्घालुओं में अचानक इजाफा होने से पुलिस की चुनौतियां बढ़ गई हैं. इससे निबटने के लिए अयोध्या में चार पर्यटक पुलिस थाने खोलने की तैयारी है. राम की पैड़ी पर एक पर्यटक थाना शुरू हो चुका है, शेष रामजन्मभूमि, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर खोले जाएंगे. इन पर्यटक थानों में ऐसे पुलिस कर्मी तैनात किए जाएंगे जो हिंदी, अंग्रेजी के अलावा कई भारतीय भाषाएं जानते हों. अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी बताते हैं, ''अयोध्या के सभी छह सर्किल में एक-एक ड्रोन कैमरे की व्यवस्था की गई है ताकि शहर की सूक्ष्म और गहन निगरानी की जा सके'' पर्यटकों और श्रद्घालुओं की भीड़ में सबसे ज्यादा खतरा सरयू तट पर स्नान करने आने वालों को होता है. इन्हें बचाने के लिए सरयू नदी में जल पुलिस तैनात करने के साथ तीन वॉच टॉवर भी बनाए गए हैं.

आशीष तिवारी पूरे दावे से कहते हैं, ''अब कोई भी आत्महत्या के इरादे से सरयू में कूदता है तो हमारी पुलिस फौरन उसे बचा लेती है. पिछले तीन महीने से ऐसी एक भी घटना नहीं हुई है.'' अयोध्या आने वाले पर्यटकों की मदद के लिए पुलिस पूरे शहर भर में एक हजार से अधिक स्थानों पर 35 भाषाओं में पुलिस सहयोग नंबर लिखे बोर्ड लगवाने की कवायद कर रही है. पुलिस विभाग के एक अधिकारी बताते हैं, ''राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण के समय बड़ी संख्या में पुलिस बल की जरूरत होगी. इसके लिए कई स्तर पर प्रयास शुरू हो रहा है.'' राम जन्मभूमि स्थल के पास कुल 40 करोड़ की लागत से 1, 200 पुलिस कर्मियों के लिए मल्टीस्टोरी बैरक और 150 इंस्पेक्टर के लिए हॉस्टल बनाने की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने शुरू की है. अयोध्या विवाद के समाप्त होने के बाद रामजन्मभूमि या अयोध्या से जुड़ी फर्जी वेबसाइट बनाकर देश-विदेश में ठगी करने वाले गिरोहों पर नजर रखने के लिए भी पुलिस अर्लट हुई है. अयोध्या बाइपास पर साकेत पेट्रोल पंप के पास एक साइबर थाना खोला जा रहा है जो 24 घंटे काम करेगा.

अयोध्या के सर्वांगीण विकास से उदया चौराहा पर बने गेट पर लिखी चौपाई—प्रबिसि नगर कीजै सब काजा, हृदयं राखि कोसलपुर राजा की प्रासंगिकता असल में सिद्ध होगी. 

अयोध्या में पर्यटकों की भीड़ बढऩे के मद्देनजर राम की पैड़ी का विस्तार किया जा रहा है. अब राम की पैड़ी की लंबाई हनुमान गढ़ी रोड से चरण सिंह घाट तक होगी

''अयोध्या में तैयार हो रहीं पर्यटक सुविधाएं इस पौराणिक शहर को विश्व के पर्यटन नक्शे पर अलग पहचान देगी.''

अनुज कुमार झा,

जिलाधिकारी अयोध्या

राम नगरी में चार चांद लगाएंगी ये योजनाएं

रेलवे स्टेशन

अयोध्या रेलवे स्टेशन का बाहरी डिजायन एक राम मंदिर की तरह होगा जिससे यहां आने वाले श्रद्घालुओं को ट्रेन से उतरने पर रामनगरी में प्रवेश करने का आभास हो. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद रेलवे ने पूर्व में स्वीकृत 80 करोड़ रुपए के बजट को संशोधित करके 104 करोड़ रुपए कर दिया है.

रामलला एयरपोर्ट

गोरखपुर हाइवे के किनारे पर अवध विश्वविद्यालय के समीप मौजूद हवाई पट्टी को सिविल एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है. 500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनने वाले एयरपोर्ट के लिए 102 हेक्टेयर जमीन अगले वर्ष 31 मार्च तक खरीदने का लक्ष्य रखा गया है.

शोध संस्थान

अयोध्या शोध संस्थान को 17 करोड़ की लागत से डिजिटल करने की योजना है. यहां रखी कलाकृतियों को देश-विदेश में रहने वाले लोग अब एक क्लिक पर देख सकेंगे. यहां की रामलीलाओं को भी लोग ऑनलाइन देख सकेंगे. अयोध्या में रामलीला एकेडमी खोलने के लिए जमीन तलाशी जा रही है.

स्मार्ट रोड

अयोध्या के प्रसिद्ध उदया चौराहे से राम की पैड़ी तक साढ़े चार किलोमीटर लंबी स्मार्ट रोड बनाई जाएगी. इस सड़क पर पर्यटकों के बैठने के लिए यात्री शेड, बच्चों के लिए प्लेइंग एरिया, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मोबाइल चार्जर प्वाइंट होंगे. हरियाली के साथ बनने वाली यह पूरी सड़क वाई-फाई सुविधा युक्त होगी.

डिजिटल रामायण गैलरी

अयोध्या बाइपास पर बने अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में रामायण की थीम पर एक नया ऑडिटोरियम बनेगा. यहां आडियो-विजुअल के माध्यम से रामायण के चरित्रों का प्रदर्शन होगा. इस विशेष डिजिटल रामायण गैलरी में राम से जुड़े प्रसंगों को खास ढंग से पर्यटकों को दिखाया जाएगा.

कोरिया पार्क

अयोध्या में कोरियाई राजकुमारी की याद में सरयू नदी के तट पर बने पार्क के विस्तार का कार्य शुरू हो गया है. ढाई एकड़ में करीब 25 करोड़ रु. की लागत से बन रहा यह पार्क भारत-कोरिया संबंधों की गाथा बयां करेगा. यह नया पार्क किंग पवेलियन, क्वीन पवेलियन, मेडिटेशन सेंटर पाथवे जैसी सुविधाओं से युक्त होगा.

तुलसी उद्यान

गोस्वामी तुलसीदास के नाम पर अयोध्या में स्थापित तुलसी पार्क का सौंदर्यकरण करके इसे जिले का पहला वाइ-फाइ पार्क बनाया जाएगा. पार्क से सटी इमारतों को 'रीडिजाइन' कराकर संरक्षित किया जाएगा. उद्यान में एक साउंड सिस्टम लगाकर मानस की चौपाइयां लगातार बजाई जाएंगी.

मल्टीलेवल पार्किग

अयोध्या में आने वाले पर्यटकों की सहूलत के लिए बिरला धर्मशाला के सामने पुराने बस अड्डे की जगह करीब 20 करोड़ रु. की लागत से मल्टीस्टोरी पार्किग बनाई जाएगी. श्रद्घालु यहां पर अपनी गाडिय़ां खड़ी करके इलेक्ट्रिक वाहनों से अयोध्या के मंदिरों का दर्शन करने जा सकेंगे.

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