सुर्खियों के सरताज 2024: वनडे विश्वकप फाइनल में हार, फिर 8 मैच में अपराजेय रहकर भारत ने जीता टी20 वर्ल्डकप

वनडे विश्व कप के फाइनल में चौंकाने वाली हार के महज सात महीने बाद भारत ने जबरदस्त वापसी की और जून 2024 में टी20 विश्व कप जीतकर क्रिकेट की बुलंदियों पर काबिज हो गया

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मिशन हुआ पूरा बारबाडोस के ब्रिजटाउन में 29 जून, 2024 को टी20 विश्व कप के साथ भारतीय टीम

दुनिया भर के करोड़ों भारतीय मुरीदों का कलेजा उस वक्त मुंह को आ गया गया. वह टी20 विश्व कप के फाइनल का आखिरी ओवर था जिसमें दक्षिण अफ्रीका को 16 रन चाहिए थे.

डेविड मिलर ने हार्दिक पंड्या की वाइड फुल टॉस गेंद को ऊंचा उठा दिया. गेंद बल्ले पर पूरी तरह नहीं आई, मगर बाउंड्री की तरफ ऊंची उठी-छक्का तय लग रहा था. मगर सूर्यकुमार यादव के मंसूबे कुछ और थे.

रस्सी के किनारे-किनारे दौड़ते हुए उन्होंने जबरदस्त कलाबाजी को अंजाम दिया. बाउंड्री के भीतर कैच लपका, रस्सी लांघते वक्त गेंद को भीतर उछाल दिया, और वापस मैदान में छलांग लगाते वक्त फिर कैच कर लिया.

अगर विवियन रिचर्ड्स को आउट करने के लिए कपिल देव के हाथों लपका गया बेहद मुश्किल कैच 1983 के वनडे विश्व कप फाइनल के निर्णायक पलों में से एक था, तो सूर्यकुमार की मेधा ने 2024 में भारत के गौरवशाली क्षण को वही गरिमा प्रदान की.

तनाव भरे फाइनल में रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम की सात रनों से जीत में एक तरह से मुक्ति की गूंज थी. नवंबर 2023 में वनडे विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली हृदयविदारक हार की मार्मिक तकलीफ को जून के अंत की उस दोपहर बारबाडोस में ब्रिजटाउन के केनसिंग्टन ओवल में अंतत: सम्मानजनक ढंग से दफना दिया गया.

मगर असली कहानी टूर्नामेंट में भारत के शानदार प्रदर्शन में थी. सुपर आठ में ऑस्ट्रेलिया पर मन को शांत कर देने वाली जीत मिठास लाई; 2022 में टी20 विश्व कप में भारत की उम्मीदें तोड़ देने वाले इंग्लैंड को बुहारकर परे कर दिया गया, और दहशतजदा पाकिस्तान को कम स्कोर वाले मैच में गेंदबाजों ने धूल चटा दी. लगातार सात जीत के साथ भारत अजेय फाइनल में पहुंचा. ऐसा करने वाली यह पहली टी20 विश्व कप विजेता टीम थी.

जीत का फॉर्मूला: बेजोड़ जसप्रीत बुमराह की अगुआई में जबरदस्त  गेंदबाजी आक्रमण और लचीला बल्लेबाजी क्रम जिसने विरोधी टीम के अभागे गेंदबाजों पर कहर बरपा दिया.

इस फतह के साथ दिग्गज रोहित शर्मा और विराट कोहली—फाइनल में 76 रनों के साथ सर्वाधिक स्कोरर रहे और ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर का समापन हो गया, जब तीनों ने खेल के सबसे छोटे फॉर्मेट की कमान अगली पीढ़ी को सौंपने के लिए मौजूं मौके के तौर पर इस बुलंदी को चुना.

यह हेड कोच राहुल द्रविड की विदाई का भी मौका था, जिन्होंने मुट्ठियां तानकर और खुशी की अस्वाभाविक गर्जनाओं के साथ अपने आत्मसंयम की चर्चित दीवार तोड़ दी. भारत की टी20 विश्व कप की जीत 2007 के उद्घाटक संस्करण की जीत के बाद दूसरी जीत थी. ज्यादा अहम यह कि इसने आइसीसी विश्व कप खिताब के लिए 2011 से चले आ रहे 13 साल लंबे इंतजार को खत्म किया.

मौजूदा फॉर्म को देखते हुए यह जीत आश्चर्यजनक नहीं थी. भारत ने 2024 में अफगानिस्तान, जिंबाब्वे, श्रीलंका, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली सभी द्विपक्षीय टी20 सीरीज जीतीं. दरअसल, भारत पूरे साल केवल दो टी20 मैच हारा. भारत ने टी20 में दबदबे की नई इबारत लिख दी और 92.31 फीसद जीत की दर के साथ ने दिखा दिया कि उसकी विश्व कप की जीत तुक्का नहीं, बल्कि साल भर की उत्कृष्टता का शिखर थी.

अगर आंकड़ों की जुबानी कहें तो 2024 में भारत का दबदबा उसके आक्रामक बल्लेबाजी के फलसफे से जाहिर था: हर 4.68 गेंद पर चौके-छक्के लगे और यह साल सात शतकों से जगमगा उठा—तीन संजू सैमसन, तीन तिलक वर्मा और एक-एक रोहित शर्मा तथा अभिषेक शर्मा ने लगाए. भारत ने 200 रनों का निशान नौ बार पार किया, जो पुरुषों के टी20 में अभूतपूर्व उपलब्धि है. गेंद के साथ भी भारत ने पूरे साल शानदार प्रदर्शन किया. 26 में से 10 मैचों में उसने विरोधी टीम के सभी बल्लेबाजों को आउट किया. प्रति पारी 8.39 विकेट के औसत से उसके गेंदबाजों ने लगातार सटीक और अनुशासित गेंदें फेंकीं.

अलबत्ता टी20 में दबदबा कायम करने के बावजूद अन्य फॉर्मेट में भारत का प्रदर्शन 2024 में मिला-जुला ही रहा. मार्च में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 4-1 की दमदार जीत और अक्तूबर में बांग्लादेश के खिलाफ 2-0 की शानदार जीत साल की कामयाबियों में प्रमुख थीं.

इनके बरअक्स झटके भी लगे, जिनमें अगस्त में श्रीलंका के हाथों ओडीआइ सीरीज में हैरतअंगेज हार और घरेलू जमीन पर न्यूजीलैंड के हाथों टेस्ट सीरीज में 3-0 की अभूतपूर्व पराजय शामिल थीं. इस तरह यह गहरी विषमताओं का साल रहा, जब उत्कृष्टता के दौर को गलतियां कर बैठने की निराशाजनक कमजोरी ने फीका कर दिया. ऐसे में निरंतरता हासिल करना 2025 में टीम इंडिया का मुनासिब लक्ष्य होना चाहिए.

साल 2024 में भारतीय क्रिकेट टीम टी20 में धमाकेदार फॉर्म में रही. विश्व कप में उसके खिलाड़ियों के आक्रामक रवैये में भी यह नजर आया.

सातवें आसमान पर
● टी20 विश्व कप टूर्नामेंट में अपने सभी आठ मैचों में अपराजेय रहकर यह विश्व कप खिताब जीतने वाली पहली टीम बनी इंडिया.

● 257 रनों के साथ रोहित शर्मा और 17 विकेटों के साथ अर्शदीप सिंह भारत की ओर से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी रहे.

● साल 2024 में भारत ने अक्तूबर में हैदराबाद में बांग्लादेश के खिलाफ 6 विकेट पर 297 रन बनाकर अपना सर्वोच्च टी20 स्कोर हासिल किया. उसके बाद जोहानिसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 1 विकेट पर 283 रन के साथ अपना दूसरा सर्वोच्च स्कोर बनाया.

● भारत ने 2024 में 92.31 फीसद टी20 मैच जीते; उसके बल्लेबाजों ने हर 12 गेंद पर एक छक्का लगाया, जिससे 9.55 रन प्रति ओवर का उसका रन रेट रहा.

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