मूड ऑफ दी नेशन सर्वे : भारत की वैश्विक छवि को लेकर देश की जनता ने बताया अपना मत
अधिकतर लोगों की राय है कि पड़ोसियों के साथ भारत के संबंध सुधरे हैं, हालांकि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद चिंता का सबब

पिछले छह माह के दौरान भारतीय विदेश नीति में पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने को खासी तरजीह दी गई. विदेश मंत्री एस. जयशंकर 9 से 11 अगस्त तक मालदीव दौरे पर थे, जो राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पिछले वर्ष 'इंडिया आउट' के नारे के साथ सत्ता में आने के बाद से किसी भारतीय प्रतिनिधि की पहली उच्च स्तरीय यात्रा थी. जाहिर तौर पर चीन के संग करीबी बढ़ाने के बाद मालदीव के साथ रिश्तों में तनाव आया है. हालांकि, बिगड़े रिश्ते अब पटरी पर लौटते दिख रहे हैं. जयशंकर की यात्रा के दौरान मुइज्जू की तरफ से दीर्घकालिक समर्थन के लिए भारत का आभार जताने और संबंध मजबूत करने की मालदीव की प्रतिबद्धता जताने से भी यह बात साफ जाहिर होती है.
वहीं, अगस्त के शुरू में विदेश सचिव विक्रम मिस्री संबंधों को और मजबूती देने के उद्देश्य के साथ नेपाल दौरे पर पहुंचे. श्रीलंका के साथ रिश्ते फिर पटरी पर आ चुके हैं. इसी तरह भूटान और म्यांमार चीन के लुभाने के प्रयासों के बावजूद नई दिल्ली के साथ खड़े हैं. बांग्लादेश में जरूर अगस्त की शुरुआत में विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना सरकार के सत्ता से बेदखल हो जाने के बाद से रिश्ते एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजरे हैं. हालांकि, भारत को उम्मीद है कि जल्द ही लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव होंगे और अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने भी भारत को आश्वस्त किया है कि हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमलों पर लगाम लगाई जाएगी.
इन्हीं सब बातों के मद्देनजर इंडिया टुडे के देश का मिज़ाज सर्वे में करीब 61 फीसद उत्तरदाताओं ने माना कि पड़ोसियों के साथ भारत के संबंधों में सुधार हुआ है. केवल 21 फीसद लोगों को लगता है कि संबंध बिगड़े हैं; उनमें से 10.5 फीसद की राय है कि पड़ोसियों के साथ संबंध बिगड़े भले हों, लेकिन इससे भारत की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता.
कुछ माह पहले तक अपेक्षाकृत शांत रहने वाला भारत का जम्मू संभाग पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी घटनाएं बढ़ने के कारण बुरे दौर से गुजर रहा है. जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मोर्चा लेते हुए शहादत देने वाले 120 सुरक्षाकर्मियों में से 50 से ज्यादा ने तो जम्मू में जान गंवाई. हालांकि, पाकिस्तान समय-समय पर शांति का सुर अलापता है, लेकिन भारत अपने रुख पर अडिग है: आतंकवाद और वार्ता साथ नहीं चल सकते. देश का मिज़ाज सर्वे में 51 फीसद लोगों ने आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव डालने का सुझाव दिया. 17.5 फीसद का मानना है कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए जंग का रास्ता अपनाना चाहिए. 15 फीसद से अधिक लोग पाकिस्तान में आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कार्रवाई को दोहराने के पक्षधर हैं.
प्र: पड़ोसी देशों से भारत के रिश्ते हाल के समय में कैसे रहे हैं?
ज्यादातर लोगों का कहना है कि सरकार ने बढ़िया काम किया लेकिन काफी लोग इससे असहमत है
प्र: जम्मू-कश्मीर में हाल के आतंकी हमलों के बाद भारत को पाकिस्तान से कैसे निबटना चाहिए?
हालांकि अधिकांश लोग कूटनीतिक विकल्प के पक्षधर हैं जबकि 30 फीसद से ज्यादा सख्त कार्रवाई चाहते हैं