मनीषा मल्होत्रा: जिन्होंने उठाया खेलों की दुनिया में छिपे हुए हीरों को तराशने का जिम्मा

मल्होत्रा अनुशासन और कड़ी मेहनत वाली जीवनशैली तथा उन बाधाओं से परिचित हैं जिनका सामना खासकर युवा लड़कियों को करना पड़ता है

ओलंपिक गोस्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा और अभिनव बिंद्रा के साथ मनीषा मल्होत्रा
ओलंपिक गोस्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा और अभिनव बिंद्रा के साथ मनीषा मल्होत्रा

मनीषा मल्होत्रा कोयले की खान में छिपे हीरे को पहचानती हैं, और यह भी बखूबी जानती हैं कि उसकी चमक बनाए रखने के लिए उसे क्या चाहिए. इस खेल प्रशासक ने ओलंपिक गोल्ड की तलाश में रहे शीर्ष निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और जैवेलिन स्टार नीरज चोपड़ा के साथ मिलकर काम किया, और इस तरह एक बार नहीं, बल्कि दो बार भारतीय खेल के इतिहास रचने में शामिल रहीं. जेएसडब्ल्यू में उनके रोस्टर में फिलहाल एशियाई खेलों के पदक विजेता एथलीट अविनाश साबले, मुरली श्रीशंकर, पारुल चौधरी, क्रिकेटर जेमिमा रोड्रिग्स और शेफाली वर्मा के साथ-साथ कई मुक्केबाज तथा पहलवान शामिल हैं.

मल्होत्रा कर्नाटक के विजयनगर में इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (IIS) के मुख्य केंद्र, और चार राज्यों में उसके दूरस्थ केंद्रों में देश की उभरती प्रतिभाओं की अगवानी करती हैं. इस तरह मल्होत्रा भारतीय खेलों में अगली बड़ी उपलब्धि की तलाश में भी हैं. वे कहती हैं कि केवल कोच की राय से भर्ती के बजाय, आईआईएस स्पोर्ट्स साइंस पर भी भरोसा कर रहा है. वे बताती हैं, "वे (एथलीट) प्रयोगशाला और मैदान, दोनों पर एक महीने परीक्षणों की एक शृंखला से गुजरते हैं. और फिर उनकी तुलना डेटाबेस में पहले से नामांकित एथलीटों और विश्व मानकों के साथ की जाती है."

खेलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में उनकी विशेष रुचि है. वे कहती हैं, "मैं प्रदर्शन के दृष्टिकोण से भी महिलाओं का समर्थन करना पसंद करती हूं. विभिन्न खेलों में पुरुषों के मुकाबले (भारतीय) महिलाओं में विश्व-विजेता बनने की अधिक संभावनाएं हैं." फिलहाल, 2018 में खुले आईआईएस विजयनगर में महिला और पुरुष एथलीटों की संख्या बराबर है. लेकिन, एक नया महिला छात्रावास तैयार हो रहा है और उसके साथ ही इस आंकड़े में बदलाव तय है. महिला एथलीटों के परिवारों को मनाने और हस्तक्षेप करने से लेकर मासिक चक्र के बारे में कोचों को संवेदनशील बनाने तक, मल्होत्रा आईआईएस के सीईओ रुश्दी वार्ले को महिला एथलीटों के सहयोग के लिए प्रक्रियाओं को शुरू करने का श्रेय देती हैं.

यही वजह है कि मल्होत्रा ने उन एथलीटों का भरोसा हासिल कर लिया जिनके साथ वे काम करती हैं. पूर्व टेनिस खिलाड़ी मल्होत्रा ने ओलंपिक और एशियाई खेलों, दोनों में प्रतिस्पर्धा की है, वे अनुशासन और कड़ी मेहनत वाली जीवनशैली तथा उन बाधाओं से परिचित हैं जिनका सामना खासकर युवा लड़कियों को करना पड़ता है. 

उनका कहना है कि खेलों को आगे बढ़ाने के लिए जमीनी स्तर पर विकास जरूरी है. साल 2022 में इंडिया टुडे की राज्य की दशा और दिशा ओडिशा कॉन्क्लेव में उन्होंने कहा था, "बड़े स्तर पर कड़ी प्रतिस्पर्धा प्रतिभाओं को सामने लेकर आएगी और उन्हें निखारेगी." उन्होंने खेलों में प्रगति के लिए भारतीय कोचों के नॉलेज बेस को उन्नत करने और निजी तथा राज्य सरकारों के सहयोग की भी वकालत की. इस बीच, मल्होत्रा ने हाल ही में जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स के साथ एक चमकते सितारे को जोड़कर भारत की ओलंपिक झोली में और तमगे लाने पर नजर टिका दी है: वह है पंद्रह वर्षीय अनहत सिंह, सीवियर नेशनल स्क्वैश चैंपियन.

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