आला दर्जे की मेजबानी में महारात

सॉस तैयार करने से लेकर आतिथ्य क्षेत्र की समस्याओं के समाधान तक, उत्कृष्टता आइएचएम पूसा की मूल आत्मा है

कमल कांत पंत, प्रिंसिपल, आइएचएम पूसा, नई दिल्ली
कमल कांत पंत, प्रिंसिपल, आइएचएम पूसा, नई दिल्ली

भारत के बेस्ट कॉलेज 2023 : होटल मैनेजमेंट

नं. 1 इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, केटरिंग ऐंड न्यूट्रिशन पूसा

शैली आनंद

नई दिल्ली के पूसा स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, केटरिंग ऐंड न्यूट्रिशन (आइएचएम) के लिए शैक्षणिक वर्ष 2022-23 कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों से भरा साल रहा. आतिथ्य शिक्षा (हॉस्पिटैलिटी एजुकेशन) में देश के इस शीर्ष संस्थान में कैंपस प्लेसमेंट में कई टॉप होटल चेन और रिटेल (खुदरा), कस्टमर रिलेशन, सेल्स, मार्केटिंग और एयरलाइंस जैसे विभिन्न क्षेत्रों की लगभग 50 कंपनियों ने भाग लिया और संस्थान का प्लेसमेंट (छात्रों को नौकरी) 92 प्रतिशत रहा. पहली बार बॉस्टन कंसल्टिंग गु्रप ने भी परिसर का दौरा किया. आइएचएम पूसा की स्थापना 1962 में हुई थी और यह भारत सरकार के केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के अंतर्गत आता है. इसके स्नातक, स्नातकोत्तर और व्यापार डिप्लोमा स्तर के पाठ्यक्रम, इंडस्ट्री में सबसे अच्छे माने जाते हैं. संस्थान वर्तमान में पांच पाठ्यक्रम प्रदान करता है जिनमें होटल और आतिथ्य प्रशासन (हॉस्पिटैलिटी) में बीएससी, आतिथ्य प्रशासन में एमएससी, बेकरी और कन्फेक्शनरी में डिप्लोमा और फूड ऐंड बेवरेज सर्विस में डिप्लोमा और फूड प्रोडक्शन में डिप्लोमा (पहले इसे क्राफ्ट्समैनशिप ऑफ फूड प्रोडक्शन ऐंड पैटिसरी कोर्स के नाम से जाना जाता था) शामिल हैं. 

कोविड महामारी के दौरान, छात्रों ने अन्य विषयों की तरह क्लासरूम किचन को ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से ही सीखा. महामारी के बाद, जब छात्र परिसर में लौटे तो उन्हें रसोई में पाक कला की मूल बातें दोबारा समझाई गईं. इनमें सब्जियों को काटने और विभिन्न प्रकार की मदर सॉस, जो कॉन्टिनेंटल क्विजीन (महाद्वीपीय व्यंजनों) का मुख्य आधार है, तैयार करने जैसी बातों पर जोर था. आइएचएम पूसा के प्रिंसिपल कमल कांत पंत कहते हैं, ''प्रैक्टिकल ने छात्रों को अपने कौशल को सुधारने में मदद की और उन्होंने पाक कला का व्यावहारिक अभ्यास किया और अपने हाथों से खाना पकाकर इसे व्यावहारिक तरीके से समझा.'' वास्तव में, कक्षाओं में लौटने के बाद पहले चार सप्ताह यह सुनिश्चित करने में लगाए गए कि कोविड के कारण विद्यार्थियों ने जो कौशल सिमुलेशन के माध्यम से सीखा है उसमें, तथा व्यावहारिक विधि में कोई अंतर न रह जाए. इन प्रयासों की बदौलत विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ा और छात्र प्लेसमेंट के लिए बेहतर तैयार हुए. हाउसकीपिंग और एफऐंडबी विभागों में भी जो विषय ऑनलाइन कक्षाओं में सिखाए गए थे, उन्हें परिसर में फिर से सिखाया गया. उदाहरण के लिए फ्लावर अरेंजमेंट (फूलों की सजावट), या बुफे और सिल्वर सर्विस की विभिन्न शैलियों की परिसर के भीतर प्रैक्टिकल क्लास ली गई. 

होटल और हॉस्पिटैलिटी एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक, आइएचएम पूसा का सबसे प्रमुख कोर्स है जिसकी छात्रों के बीच सबसे अधिक मांग रहती है. इसके बाद बेकरी और कन्फेक्शनरी और फूड प्रोडक्शन में डिप्लोमा प्रोग्राम पसंद किए जाते हैं. पंत कहते हैं, ''आइएचएम पूसा में व्यावहारिक पाठ्यक्रम छात्रों को सर्वश्रेष्ठ पांच सितारा आतिथ्य वातावरण से परिचित कराते हैं जहां उन्हें उद्योग के सम्मानित पेशेवरों से सीखने का अवसर मिलता है.'' नियमित पाठ्यक्रम के साथ, आइएचएम छात्रों को वर्कशॉप्स, फील्ड विजिट और गेस्ट लेक्चर के माध्यम से आतिथ्य उद्योग की विभिन्न व्यावहारिक जरूरतों के लिए प्रशिक्षित करता है. 

आइएचएम पूसा के छात्रों को आतिथ्य उद्योग में काम का जो उच्च व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलता है, उसने वैश्विक प्रतियोगिताओं में झंडे गाडऩे में भी उन्हें मदद की है. उदाहरण के लिए, आइएचएम पूसा ने हाल ही में संपन्न एचवीएस एनरॉक होप 2023 में एचवीएस फ्लैगशिप अवॉर्ड जीता. 'फ्लैगशिप' या फ्यूचर लीडर्स एनुअल ग्रुप सबमिशन हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री प्रोजेक्ट को एचवीएस ने डिजाइन किया है.

इस प्रोग्राम में पूरी दुनिया के चुनिंदा हॉस्पिटैलिटी स्कूलों के छात्रों को उद्योग के किसी एक मौजूं विषय पर अपनी राय पेश करने के लिए आमंत्रित किया जाता है. 2023 में विषय था: 'फोरसाइट चैलेंज: द जर्नी ऑफ ऐन अपस्केल होटल गेस्ट इन 2033' यानी 'दूरदर्शिता चुनौती: 2033 में एक संपन्न होटल गेस्ट की यात्रा.' मैरियट इंटरनेशनल की ओर से आयोजित मैरियट इंटरनेशनल एपीईसी-कॉलेज वर्चुअल करियर फेयर में फिर से आइएचएम के छात्रों ने दो वैश्विक स्थान हासिल किए.

आगामी शैक्षणिक सत्र में, आइएचएम पूसा रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के साथ 'ग्रेट इंडियन क्विजीन' में पांच दिवसीय पाठ्यक्रम के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा, जिसमें सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों ही घटक होंगे.

गुरु वाणी

''आइएचएम पूसा के छात्र, पूर्व छात्र और फैकल्टी इसके सबसे बड़े प्रचारक हैं जो इसके मूल्यों और उत्कृष्टता को आगे ले जाते हैं. हम सिखाते हैं कि हॉस्पिटैलिटी की दुनिया में मजबूत रिश्ते कायम करना, कलात्मक होना और किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहना सबसे आवश्यक है''
कमल कांत पंत, प्रिंसिपल, आइएचएम पूसा, नई दिल्ली

पूर्व छात्र की राय
''आइएचएम पूसा में मेरे अंदर एक होटेलियर बनने की नींव पड़ी क्योंकि यहां टीचर्स ने मुझे थियरी के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी दिया. हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के कुछ सबसे बड़े नाम आइएचएम पूसा से आते हैं''
अरिंदम कुमार, वीपी, ऑपरेशंस, फॉर्च्यून पार्क होटल्स, 1991 का बैच

छात्र की राय
''आइएचएम पूसा की पढ़ाई व्यावहारिक प्रशिक्षण पर जोर देती है. करिकुलम साधन संपन्नता और उपाय कुशलता पर जोर देता है. यहां की खासियत यहां की प्रख्यात फैकल्टी है. ऐसे गुरुओं से सीखना गर्व की बात है''
अभिरूप रे, थर्ड इयर के छात्र

नई पहल
बीते एक साल में आइएचएम पूसा ने कई नई रेसिपीज तैयार कीं. इनमें बाजरे की खास रेसिपीज भी शामिल हैं

आइएचएम पूसा ने कलिनरी हेरिटेज ऑफ द हिमालयाज नाम की कुक बुक प्रकाशित की. साथ ही बाजरे के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मिलेट कलिनरी फेस्टिवल आयोजित किया गया

छात्रों ने फार्म टू फोर्क (खेत से थाली तक) के विचार पर अमल करते हुए कैंपस में उगाई गई ऑर्गेनिक चीजों से खाना बनाना शुरू किया. साथ ही वेस्ट (कचरा) मैनेजमेंट समेत वर्मी कंपोस्ट बनाना और इस्तेमाल करना सीख रहे हैं

फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के साथ रेस्तरां बिजनेस ट्रेंड्स पर वर्कशॉप के साथ ही भारतीय मिठाइयों और कबाबों पर वर्कशॉप कीं 

एनएसजी समेत भारतीय रेलवे, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और टैग टेस्ट के लिए कंसल्टेंसी काकाम किया

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