रहपटा लगाने वाली रैपर
मुंबई की इस कलाकार ने अपनी किस्सागोई के हुनर और हाजिरजवाबी के साथ उस स्वैगर की झलक पेश की जिसे हिप-हॉप को आकर्षक बनाने वाली सबसे अहम चीज कहा जा सकता है.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023
मनोरंजनः चमकते युवा हिंदुस्तानी सितारे
दिखाके बताओ: रिद्म और स्वैग. कच्ची और अनगढ़ तूफानी लड़की. और पांच भाषाओं में व्यंग्य
सृष्टि तावड़े, रैपर, लेखिका और व्यंगकार
रियलिटी शो एमटीवी हसल 2.0 में रैप वाली कविता से इंटरनेट पर तहलका मचा देने वाली सृष्टि तावड़े ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में अपने हुनर से सबको हंसा-हंसाकर लोटपोट कर दिया. 'छोटा डॉन’ और 'मैं नहीं तो कौन बे’ सरीखे उनके गानों को यूट्यूब पर कुल मिलाकर 12 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है.
मुंबई की इस कलाकार ने अपनी किस्सागोई के हुनर और हाजिरजवाबी के साथ उस स्वैगर की झलक पेश की जिसे हिप-हॉप को आकर्षक बनाने वाली सबसे अहम चीज कहा जा सकता है.
महज 23 की उम्र में रैप के परिदृश्य की ताजातरीन आवाज तावड़े मिसाल हैं कि किस तरह भारत की जेनरेशन जेड अपने विचार और भावनाएं साझा करने और इस प्रक्रिया में लाचार और बेबस हो जाने से डरती नहीं है. उन्होंने भारत में संगीत की विधा के तौर पर रैप में बढ़ती दिलचस्पी पर बात की.
उन्होंने कहा, ''रैप के मामले में अभी तक मैं शुरुआती स्तर पर हूं क्योंकि रैप के परिदृश्य या रैप की शब्दावली के बारे में मैं ज्यादा नहीं जानती, मतलब मैं रैप का ग्रामर नहीं जानती. मगर मेरे पास कहने के लिए बातें हैं, चाहे उन्हें रैप के जरिए कहूं या गानों या कहानियों के जरिए. मुझे हर मुमकिन तरीके से बोलना अच्छा लगता है.
इसलिए यह खूबसूरत हादसे की तरह ही है कि दूसरी चीजें लिखते हुए भी मैं रैपर के तौर पर पॉपुलर हो गई.’’ यह भले ही खूबसूरत हादसा रहा हो, लेकिन निश्चित तौर पर यह हिम्मत और बेबाक ईमानदारी ही है जिसने तावड़े को आज राष्ट्रीय स्तर पर वाहवाही के मुकाम पर ला खड़ा किया.
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बचपन के दौरान मुझे फिक्र लगी रहती थी कि लोग मेरे बारे क्या सोचेंगे. मैंने टीनेज के बाद 20 साल की उम्र में लिखना शुरू किया तो जिंदगी के प्रति मेरा नजरिया बदल गया. मुझमें गजब का आत्मविश्वास आ गया
खास बातें
- हम किसी का मजाक उड़ाने या उन्हें 'बेइज्जत’ करने की बजाए तारीफ करके लोगों का मनोरंजन और रैप को अच्छी कला बना सकते हैं. यह मुमकिन है
- रैप में उतनी ही संभावना है जितनी मुख्यधारा के बॉलीवुड संगीत में या दूसरे सुने जाने वाले किसी भी संगीत में; अभी तक इसकी थाह नहीं ली गई है
- आपके बचपन में जो होता है, कम उम्र में जो दर्दनाक वाकए आपके साथ होते हैं वे आपकी जिंदगी पर गहरा असर छोड़कर जाते हैं.