विशेषांकः काबिल प्रतिनिधि
तरंग की कामयाबी-उनका जमीनी जुड़ाव, मृदुभाषी राजनेता जो कि बड़े-बड़े वायदे करने के बजाय करके दिखाने में यकीन-जैसी बातों का नतीजा है.

नई नस्ल 100 नुमाइंदे/राजनीति
तरंग गोगोई, 37 वर्ष
विधायक, नाहरकटिया, असम
जब इस साल अप्रैल में तरंग गोगोई ने नाहरकटिया निर्वाचन क्षेत्र से अपने पहले विधानसभा चुनाव में उतरे थे तो बहुत सारे लोगों को उनकी जीत का अंदाजा नहीं था. यह नौसिखुआ युवा तीन हाइप्रोफाइल उम्मीदवारों—पूर्व मंत्री और चार बार की विधायक प्रणति फूकन; लुरिनज्योति गोगोई, असम जातीय परिषद के अध्यक्ष और नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध के पोस्टर बॉय तथा एजीपी के मौजूदा विधायक नरेन सोनोवाल.
फिर भी, उन्होंने करीब 15,000 मतों के अंतर से यह बहुकोणीय मुकाबला जीतकर राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया—2016 के विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर केवल 3,500 वोट से अधिक था.
एक पीडब्ल्यूडी ठेकेदार और गृहिणी मां के बेटे गोगोई ने साल 2003 में दिल्ली में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया में शामिल होने के साथ राजनीति में प्रवेश किया था. वे उसके केरल, बिहार और पूर्वोत्तर के राष्ट्रीय सचिव और प्रभारी बने.
दिल्ली और असम में विभिन्न कैंपसों में चुनावों में वोट जुटाने के अपने काम की वजह से वे असम कांग्रेस के तत्कालीन मंत्री हेमंत बिस्व सरमा की नजर में आए. गोगोई तब से सरमा के वफादार रहे हैं, साल 2015 में सरमा के साथ भाजपा में शामिल हुए और उसके राज्य सचिव बने.
उनके आपसी मतभेदों के बावजूद सरमा और पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का समर्थन पाने में गोगोई कामयाब रहे. तरंग की कामयाबी-उनका जमीनी जुड़ाव, मृदुभाषी राजनेता जो कि बड़े-बड़े वायदे करने के बजाय करके दिखाने में यकीन-जैसी बातों का नतीजा है.
बैडमिंटन प्रेम: तरंग बैडमिंटन खिलाड़ी बनना चाहते थे. अब जब भी मुख्यमंत्री सरमा और वे गुवाहाटी में होते हैं, दोनों बैडमिंटन खेलते हैं.
''तरंग असम के सबसे भरोसेमंद युवा नेताओं में से हैं जिन्होंने अपनी योग्यता, नए विचारों और कठिन परिश्रम से स्थान बनाया है’’
सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन व जलमार्ग और आयुष मंत्री.