ऊंचे और असरदारः सबके मनोहर

स्वभाव से नर्म और मृदुभाषी इस नेता को पिछले एक साल में जेजेपी के साथ सरकार में कोई परेशानी नहीं आई. गठबंधन का एजेंडा भी आसानी से तय हो गया

मनोहर लाल खट्टर, 66 वर्ष मुख्यमंत्री, हरियाणा
मनोहर लाल खट्टर, 66 वर्ष मुख्यमंत्री, हरियाणा

क्योंकि दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने में भले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संबंध और संघ का प्रचारक होना काम आया, पर पार्टी नेता मानते हैं कि ऐन मौके पर उन्होंने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से गठबंधन की सलाह न दी होती तो भाजपा दोबारा सत्ता में न आ पाती

क्योंकि स्वभाव से नर्म और मृदुभाषी इस नेता को पिछले एक साल में जेजेपी के साथ सरकार में कोई परेशानी नहीं आई. गठबंधन का एजेंडा भी आसानी से तय हो गया

क्योंकि राज्य में सरकारी नौकरियों में भर्ती की पारदर्शिता के लोग कायल हैं. पिछले छह साल से उनकी लोकप्रियता कायम है

क्योंकि विधानसभा चुनाव में उनकी गैर जाट राजनीति काम नहीं आने के बाद अब वे पार्टी हित में छत्तीस बिरादरी की गोलबंदी के प्रयास में हैं. उनकी पसंद के ही ओमप्रकाश धनखड़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं

पुस्तक प्रेम: उन्हें पुस्तकें पढऩा और कम मसाले वाला शाकाहारी भोजन पसंद है

 

दीपेंद्र सिंह हुड्डा

42 वर्ष राज्यसभा सदस्य, कांग्रेस

सियासी वारिस

क्योंकि उन्हें विरासत में सियासत मिली होने के बावजूद खुद को कभी जमीन से अलग नहीं होने दिया. तीन बार सांसद रहते हुए रोहतक जैसे ऊंघते-अलसाते शहर में उद्योग, मेडिकल, इंजीनियरिंग, खेलकूद और सिनेमा की पढ़ाई को रफ्तार दिलाई. हालांकि फिर भी वे 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए

क्योंकि वे राहुल गांधी के करीबियों में हैं और कोरोना से उबरने के तुरंत बाद 'हाथरस की बिटिया' को इंसाफ दिलाने राहुल संग चल पड़े

समृद्ध विरासत: उन्होंने देश-विदेश से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, और रिलायंस जैसी कॉर्पोरेट कंपनियों में काम का अनुभव भी हासिल किया. पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा तो दो बार मुख्यमंत्री रहे ही, दादा रणबीर सिंह भी सियासत के धुरंधर थे. खट्टर सरकार के कट्टर आलोचक माने जाते हैं

पसंद: हरियाणा सरीखे खेल-समृद्ध प्रदेश से होने के नाते कई खेलों से जुड़ाव है, पढऩे का भी शौक


 

दुष्यंत चैटाला

32 वर्ष उप मुख्यमंत्री, हरियाणा, और अध्यक्ष, जननायक जनता पार्टी

राजनीति का ताजा चेहरा

क्योंकि हरियाणा के सियासी घरानों के वे पहले ऐसे युवा चेहरे हैं, जिन्होंने नई पार्टी बनाने के साथ अपने रणनीतिक कौशल से उप-मुख्यमंत्री की कुर्सी भी हासिल की. प्रदेश में मनोहर लाल खट्टर की डबल इंजन सरकार इनके भरोसे पर ही चल रही है. वे अगर हाथ खींच लें तो सरकार औंधे मुंह गिर जाएगी

क्योंकि वे हरियाणा के लीजेंड रहे किसान नेता ताऊ देवीलाल के पड़पोते और ओमप्रकाश चौटाला के पोते हैं और किसानों का भरोसा जीत कर सत्ता में आए हैं.

इस नाते केंद्र सरकार के कृषि अध्यादेशों के विरोध में जब उन पर कुर्सी छोडऩे का दबाव बढऩे लगा तो उन्हें कहना पड़ा कि ''फसलों के समर्थन मूल्यों पर खतरा आते ही इस्तीफा दे दूंगा''

क्योंकि वे युवा बेरोजगारों का दर्द समझते हैं. औद्योगिक संगठनों के विरोध के बावजूद प्राइवेट कंपनियों की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण स्थानीय युवाओं को देने की प्रक्रिया शुरू करवाई तो वे सबके चहेते बन गए. मगर लॉकडाउन के दौरान शराब घोटाले में उनकी पार्टी के नेताओं के नाम आने से उनकी काफी किरकिरी भी हुई

खेल और खेल: वे राज्य के कई खेल संघों से जुड़े हैं

 

राजीव अरोड़ा

58 वर्ष अतिरिक्ति मुख्य और गृह सचिव, हरियाणा

करामाती अफसर

क्योंकि निर्णय लेने और उसे तुरंत लागू करने की पहचान है उनकी. वे छह साल से मुख्यमंत्री के विश्वासपात्रों में शामिल हैं. सितंबर के अंत में विजय वर्धन के मुख्य सचिव बनने पर छह और वरिष्ठ आइएएस को अहम जिम्मेदारी मिली, उनमें वे भी थे

क्योंकि उनके पास स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, पीडब्ल्यूडी, जेल, अपराध अनुसंधान जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग थे, हाल ही में गृह सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दी गई

क्योंकि राजेश खुल्लर के विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के तौर पर चयन होने से सीएम के प्रधान सचिव की दौड़ में वे भी

क्योंकि कोविड-19 के नियंत्रण की जिम्मेदारी भी उनके पास है. बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं में झोल होने के बावजूद सूझ-बूझ से महामारी को काबू में रखा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एंबुलेंस, इमरजेंसी और जच्चा-बच्चा सेवाएं भी सुधारी हैं

पसंद: रीडिंग और वॉकिंग

 

राजीव मुकुल

56 वर्ष चेयरमैन, जी लैबोरेट्रीज

पक्का इरादा

क्योंकि संकल्प, परिश्रम और दूरदर्शिता के मूल मंत्र के बूते, 700 रुपए की तनख्वाह पर एमआर की नौकरी शुरू करने वाला यह शख्स आज दवा निर्माण क्षेत्र में बड़ा नाम बन गया. 1994 में मामूली पूंजी से हरियाणा के करनाल में जी लैबोरेटरीज नाम से दवा कंपनी स्थापित की. कंपनी के अभी 6 प्लांट हैं


क्योंकि जी लैब में निर्मित सौंदर्य प्रसाधन, न्यूट्रास्यूटिकल्स, हर्बल और पशु चिकित्सा की दवाएं 50 देशों में जाती हैं. यहां कैंसर जैसे रोगों की सस्ती दवाएं भी बनती हैं. एशिया, अफ्रीका के बाद अब अमेरिका और यूरोपीय देशों में छाने का इरादा है

बेटों पर निगाह: दवा उद्योग में वन मैन आर्मी के रूप में पहचाने गए मुकुल की इच्छा है कि इंग्लैंड से बायो-टेक्नॉलोजी की डिग्री लेकर लौटे बेटे रोहन और रोहित जल्द जिम्मेदारी संभालें

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