नई संस्कृति-नए नायकः कॉमेडी की दिल्ली गर्ल

लोकप्रियता की वजह पूछने पर मल्लिका दुआ कहती जवाब देती हैं, ''बहुत कम लोग होते हैं जो खुद पर हंसते हैं. या तो लोग शर्मिंदा रहते हैं या फिर अकड़ में रहते हैं. मुझे खुद पर हंसना आता है.''

मल्लिका दुआ
मल्लिका दुआ

इतराते हुए, व्हाय द फक्ड वी आर कम हियर, वी नेवर शॉप हेयर (हम यहां क्यों आए हैं, हमने यहां से पहले कभी खरीदारी नहीं की). अभी एलर्जी से छींक आई ही थी कि नजर फुटपाथ पर कपड़े बेच रहे दुकानदार पर पड़ती है. मल्लिका न केवल घनश्याम भइया कहकर चिल्लाती हैं बल्कि उस दुकानदार से हाइफाइव भी करती हैं. अंग्रेजी मिली बिहारी लहजे में पूछती हैं, भइया आप हमारा 'बॉरबेन' का जैकेट लाए क्या? भाई अभी-अभी तो मल्लिका कह रहीं थीं कि उन्होंने कभी यहां से खरीदारी नहीं की और अभी घनश्याम भइया कहां से मिल गए? दरअसल, मल्लिका 'शिट पीपल' से सरोजिनी नगर एडिशन के लिए 'टिपिकल दिल्ली गर्ल' के किरदार में थीं.

टिपिकल दिल्ली गर्ल? भूल गए वह गाना, सरोजिनी के कपड़े पहनकर मैडम जाती डिस्को? बिल्कुल वही. जनवरी, 2016 में टिपिकल दिल्ली गर्ल के किरदार से मल्लिका रातोंरात इंटरनेट की दुनिया में मशहूर हो गईं.

इंटरनेट में मल्लिका की तलाश शुरू हो गई. करोड़ों व्यूज मल्लिका की झोली में गिरने लगे. सरोजिनी नगर में खरीदारी करने वाली टिपिकल दिल्ली गर्ल के किरदार से यूट्यूब की दुनिया में देखते ही देखते मल्लिका छा गईं. इसकी पटकथा भी मल्लिका ने ही लिखी थी.

दिल्ली के 'अ लिटिल एनार्की' स्टूडियो ने इस एपिसोड को लगातार पांच घंटे शूट किया. मल्लिका कहती हैं, ''लोग टिपिकल दिल्ली गर्ल के इन अवतारों के बारे में लगातार बात करते हैं. इस किरदार ने मुझे खींचा, मुझे यह किरदार लोगों के बीच से ही मिला, शायद इसीलिए लोग इससे इतना जुड़े.''

मल्लिका के मुताबिक, ''इस खांटी दिल्ली गर्ल की हर किस्म सरोजनी नगर में आसानी से नजर आ जाएगी.'' उनके लिए यह तो महज शुरुआत थी, फिर तो मल्लिका ने ऐसी उड़ान भरी कि उन्होंने दिल्ली गर्ल के कई अवतारों को इंटरनेट पर मशहूर कर दिया.

'दिल्ली गर्ल गिफ्टी की दुखती रग' की भला किसे याद नहीं होगी. अरे वही बॉयफ्रेंड की हसरत लिए मासूम-सी गिफ्टी! जब वह कहती है, मेरे भी तो कुछ अरमान्स हैं, दो चार बॉयफ्रेंड हों, पड़ोसवाली आंटियां मेरी बिचिंग करें, मेरे वॉट्सऐप की घंटी मंदिर की घंटी की तरह टन-टनाए, लॉन्ग वीकेंड डर्टी वीकेंड में बदल जाएं... तो हंसते-हंसते पेट में बल पड़ जाते हैं.

और फिर ऑल इंडिया बकचोद (एआइबी) में प्रिया के किरदार के बाद गर्लियापा के पहले एपिसोड 'व्हाय शुड हॉट गर्ल हैव ऑल द फन' ने तो हंगामा ही काट दिया. जिसने भी इसे देखा, उसकी जुबान में 'बहन किसे बोला बहनचो.. (मेज पर जोर से हाथ पटकते हुए) हमें बेब्स बनना है.' का डायलॉग यूं चढ़ा कि लड़कियों ने तो इसे टैगलाइन ही बना लिया.

इतने छोटे-से सफर में यूट्यूब चैनल गर्लियापा के 39.7 लाख सब्स्क्राइबर हो चुके हैं. मल्लिका की तरह यह आंकड़ा भी बेधड़क-बिंदास दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है.

दिल्ली की यह आम लड़की महज तकरीबन चार साल के इस छोटे-से सफर में खास कैसे बन गई? हिंदी मीडियम और जीरो जैसी फिल्मों में दिख चुकीं मल्लिका बिना किसी नाटकीयता के कहती हैं, ''मुझे स्ट्रगलिंग ऐक्टर नहीं बनना था.

क्योंकि मेरा मानना है कि आप या तो ऐक्टर होते हैं या नहीं. स्ट्रगल इस सेंस में कभी नहीं रहा कि घर में मुझे लोगों को यह बताना पड़े कि मैं क्या कर रही हूं. मुझे अच्छी एजुकेशन मिली. लंदन से मैंने थिएटर में बी.ए. ऑनर्स किया. मुझसे कभी मेरे मां-बाप ने नहीं कहा कि तुक्वहें आगे चलकर क्या बनना है?

करीब चार साल पहले मल्लिका का  एक वीडियो अचानक वायरल हुआ तो उन्होंने मुंबई आने का फैसला कर लिया. यहीं से जीवन में उतार-चढ़ाव शुरू हो गए. मशहूर टीवी पत्रकार विनोद दुआ की बिटिया मल्लिका कहती हैं, ''मेरी परवरिश मुंबई की इंडस्ट्री के कायदों से बिल्कुल मेल नहीं खाती थी.

मुझे हमेशा सिखाया गया था, वह बोलो जो आप महसूस करते हों, पर यहां रिश्तों से काम मिलता है, नाप-तौलकर बोलना पड़ता है. यह मेरे लिए मुश्किल रहा.''

लोकप्रियता की वजह पूछने पर वे जवाब देती हैं, ''बहुत कम लोग होते हैं जो खुद पर हंसते हैं. या तो लोग शर्मिंदा रहते हैं या फिर अकड़ में रहते हैं. मुझे खुद पर हंसना आता है.''

इंटरनेट पर दिखने वाले अपने किरदारों की तरह मल्लिका असल जिंदगी में भी खरी दिखाई देती हैं. वे हंसती हुई कहती हैं, ''मुझे लगता है कि मैं सही वक्त में सही जगह पर हूं. जैसा आजकल का सियासी माहौल है, उसमें कॉमेडी के लिए मौके ही मौके हैं.

दरअसल लोगों के भीतर गुस्सा है जिसे वे खुद नहीं निकाल पाते. जब हम जैसे लोग उनके इस गुस्से को चुटीले अंदाज में बयां करते हैं तो लोगों को अच्छा लगता है.'' वाकई.

Read more!