सेहतबख्श स्पर्श
गुड़गांव और एनसीआर में रॉस क्लीनिक, फैमिली डॉक्टर परंपरा के पोषक

हरियाणा के एक कस्बे में जन्मे और पले डॉ. देवाशीष सैनी ने एम्स, दिल्ली से एमबीबीएस और अमेरिका से हेल्थ इनफॉर्मेटिक्स की मास्टर डिग्री लेने के बाद स्वस्थ फाउंडेशन ज्वाइन किया, जिसे गरीब लोगों को सस्ता इलाज दिलाने के लिए आइआइटी के युवा इंजीनियरों ने शुरू किया था.
डॉ. सैनी ने इस फाउंडेशन के लिए योजना बनाने और उस पर अमल करने के लिए पूरे देश का दौरा किया. वे कहते हैं, "मुझे लगा कि फैमिली फिजिशियन की एक अच्छी पुरानी परंपरा गायब हो गई है.'' उनका कहना है कि फैमिली फिजिशियन या जनरल प्रैक्टिशनर (जीपी) जैसे डॉक्टर 80 फीसदी बीमारियों का इलाज कर बड़े अस्पतालों में भीड़ कम कर सकते हैं. उन्होंने दिल्ली-एनसीआर में अपने रॉस क्लिनिक के जरिए इस विचार को जिंदा करने का फैसला किया.
अब यह प्राइमरी केयर क्लिनिक्स की चेन बन गया है. और रॉस कौन हैं? डॉ. सैनी बताते हैं, "सर रोनाल्ड रॉस ने मलेरिया संक्रमण पर काम किया. वे ब्रिटिश डॉक्टर भारत में जन्मे पहले नोबेल लॉरिएट थे.'' पहला रॉस क्लिनिक 2011 में गुडग़ांव (अब गुरुग्राम) में खुला और अब गुडग़ांव तथा दक्षिण दिल्ली में ऐसे 14 क्लिनिक हैं. डॉ. सैनी युवा डॉक्टरों के संरक्षक बनकर क्लिनिक खोलने और उनकी प्रेक्टिस चलाने में मदद कर रहे हैं. वे अपने पूर्व कॉलेज सीएमसी वेल्लूर में फैमिली मेडिसिन पढ़ाते भी हैं.
पिछले साढ़े सात साल में 50,000 से ज्यादा लोगों ने उनके क्लिनिक की सेवाएं ली हैं. कुछ अलग भी डॉ. सैनी 1995 में राष्ट्रीय योग चैंपियन थे. मुंबई के एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड रिसर्च में पढ़ चुके डॉ. सैनी में उद्यमी की खूबियां भी हैं. वे दिल्ली के आइआइएचएमआर में उद्यमशीलता का पाठ्यक्रम पढ़ाते हैं.
कुछ अलग भी
डॉ. सैनी 1995 में राष्ट्रीय योग चैंपियन थे. मुंबई के एसपी जैन इंस्टीट्यूटड ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च में चुके डॉ. सैनी में उद्यमी की खूबियां भी हैं. वे दिल्ली के आइआइएचएमआर में उद्यमशीलता का पाठ्यक्रम पढ़ाते हैं.
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